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अमृतकाल में युवाओं को बनना होगा नीति निर्माता: सीएम नायब सिंह सैनी का संदेश

गुड़गांव
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि युवा मॉक पार्लियामेंट सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं है, यह लोकतंत्र का उत्सव और नीति-निर्माण की एक जीवंत प्रयोगशाला है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे इस मॉक पार्लियामेंट के माध्यम से देश को यह स्पष्ट संदेश दें कि लोकतंत्र की रक्षा ही हमारी सर्वाेच्च प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी आज गुरुग्राम में आयोजित युवा मॉक पार्लियामेंट में युवाओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि युवा मॉक पार्लियामेंट केवल एक शैक्षणिक अभ्यास भर नहीं है, बल्कि आज के दिन को संविधान हत्या दिवस के रूप में भी याद करते हुए, आपातकाल के उस काले अध्याय पर विमर्श करने का अवसर है, जिसने लोकतंत्र की आत्मा को कुचलने का दुस्साहस किया था। 
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरुग्राम की धरती पर आयोजित यह कार्यक्रम न केवल युवाओं के उज्ज्वल भविष्य का संकेत है, बल्कि लोकतंत्र की एक सशक्त प्रयोगशाला के रूप में इसकी भूमिका अत्यंत सराहनीय है। उन्होंने कहा कि गुरु द्रोण की इस पावन भूमि और मिलेनियम सिटी के रूप में प्रसिद्ध गुरुग्राम ने हमेशा नवाचार और आकांक्षा की भावना को आगे बढ़ाया है। आज का यह आयोजन इस शहर की पहचान को और अधिक सशक्त करता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब वे आप जैसे ऊर्जावान युवाओं को देखते हैं, तो विकसित भारत और विकसित हरियाणा का संकल्प और भी सुदृढ़ हो जाता है। उन्होंने कहा कि अमृतकाल की यह पीढ़ी ही वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में अग्रसर करेगी। इस लक्ष्य की प्राप्ति में युवा मॉक पार्लियामेंट मील का पत्थर साहिब होगी।

नायब सिंह सैनी ने युवाओं से कहा कि वे संसद को केवल एक इमारत के रूप में न देखें बल्कि उसे 140 करोड़ देशवासियों की आकांक्षाओं के केंद्र के रूप में समझें। संसद में गूंजने वाला हर शब्द और बनने वाला हर कानून देश के अंतिम व्यक्ति के जीवन को प्रभावित करता है। इस युवा मॉक पार्लियामेंट का उद्देश्य केवल संसदीय प्रक्रियाओं की नकल भर करना नहीं है बल्कि उस भावना को आत्मसात करना है जो भारतीय लोकतंत्र को विशिष्ट बनाती है।

मुख्यमंत्री ने युवाओं को प्रेरित किया कि वे किसी भी विषय पर बोलते समय गहन अध्ययन करें और तथ्यों व आंकड़ों के आधार पर अपनी बात रखें। जब वे सरकार की किसी नीति का समर्थन करें, तो उसके पीछे की सोच और उसके दूरगामी परिणामों को अवश्य समझाएं। उन्होंने कहा कि विरोध करना लोकतंत्र का अधिकार है लेकिन केवल विरोध के लिए विरोध नहीं बल्कि समाधान और विकल्प के साथ रचनात्मक आलोचना ही लोकतंत्र की असली ताकत है। उन्होंने स्पष्ट किया कि लोकतंत्र में विरोध होना चाहिए न कि अवरोध।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज भारत वह देश नहीं रहा जो दुनिया से मदद मांगता था बल्कि अब भारत वैश्विक समस्याओं के समाधान में भागीदार बन चुका है। उन्होंने कहा कि रक्षा, डिजिटल, स्टार्टअप, टेक्नोलॉजी, ग्रीन एनर्जी, स्पेस टेक्नोलॉजी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और सेमीकंडक्टर मिशन जैसे क्षेत्रों में भारत अब वैश्विक मंच पर अग्रणी स्थान प्राप्त कर रहा है।

मुख्यमंत्री  ने युवाओं से आग्रह किया कि वे युवा मॉक पार्लियामेंट से प्रेरणा लेकर अपने जीवन में चार महत्वपूर्ण संकल्प अपनाएं। वे देश के किसी भी एक ज्वलंत मुद्दे पर गहन अध्ययन करें और उसके समाधान के लिए समाज में जागरूकता फैलाएं। अपने जीवन में किसी भी प्रकार के शॉर्टकट को न अपनाएं। परिवारवाद और भ्रष्टाचार की राजनीति को नकारें और एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावना को और अधिक मजबूत करें।

खेल राज्य मंत्री गौरव गौतम ने कहा कि वर्ष 1975 में लगाए गए आपातकाल को केवल आपातकाल कहना उस दौर की क्रूरता को कम करके आंकना होगा। असल में वह अन्याय काल था, जब संविधान, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और आम नागरिकों के अधिकारों का बेरहमी से दमन किया गया। जब कोई चुना हुआ प्रतिनिधि तानाशाही की राह पर चल पड़ता है और सत्ता के मद में संविधान तक की अवमानना करता है, तब लोकतंत्र पर जो कुठाराघात होता है, उसका सबसे बड़ा उदाहरण आपातकाल है। इस अवसर पर उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल कौशिक, विधायक मुकेश शर्मा, तेजपाल तंवर, विमला चौधरी सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।

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