शीतकालीन सत्र 2025: पीएम मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधा, नेहरू की बात याद दिलाई

नई दिल्ली
राष्ट्रीय गीत 'वंदे मातरम' के 150 साल पूरे होने पर लोकसभा में एक खास चर्चा हो रही है. इसमें भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में इसके ऐतिहासिक महत्व और हमेशा रहने वाली विरासत पर रोशनी डाली जा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस चर्चा की शुरुआत की. इसमें इस मशहूर गीत के कई जरूरी और कम जाने-पहचाने पहलुओं पर भी बात हो रही है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के राज्यसभा में चर्चा शुरू करने की उम्मीद है. बीजेपी के नेतृत्ववाली एनडीए सरकार को लोकसभा में बहस में हिस्सा लेने के लिए तीन घंटे दिए गए हैं, जबकि पूरी चर्चा के लिए कुल 10 घंटे तय किए गए हैं, क्योंकि बहस मंगलवार 9 दिसंबर को राज्यसभा में भी होगी. दोनों सदनों की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू हुई.
कांग्रेस ने मुस्लिम लीग के सामने घुटने टेक दिए थे: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में वंदे मातरम पर कहा, 'पंडित जवाहरलाल नेहरू ने लिखा था कि 'आनंद मठ में वंदे मातरम का बैकग्राउंड मुसलमानों को परेशान कर सकता है.' उन्होंने यह भी कहा, 'मुस्लिम लीग ने वंदे मातरम का कड़ा विरोध करना शुरू कर दिया था. मुहम्मद अली जिन्ना ने 15 अक्टूबर 1937 को लखनऊ से वंदे मातरम के खिलाफ नारा लगाया था. मुस्लिम लीग की बेबुनियाद बातों का कड़ा और मुंहतोड़ जवाब देने के बावजूद, नेहरू ने वंदे मातरम की जांच शुरू कर दी. इसके पांच दिन बाद नेहरू ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस को एक चिट्ठी लिखी जिसमें उन्होंने मोहम्मद अली जिन्ना की भावना से सहमति जताई और लिखा, 'आनंद मठ में वंदे मातरम का बैकग्राउंड मुसलमानों को परेशान कर सकता है.' इसके बाद कांग्रेस ने कहा कि 26 अक्टूबर से बंगाल में वंदे मातरम के इस्तेमाल की जांच की जाएगी.
दुर्भाग्य से, 26 अक्टूबर को कांग्रेस ने वंदे मातरम पर समझौता कर लिया. उन्होंने गाने को दो हिस्सों में बांट दिया. इस फैसले के पीछे सामाजिक सद्भाव का कारण था, लेकिन इतिहास गवाह है कि कांग्रेस ने मुस्लिम लीग के सामने घुटने टेक दिए थे. यह माइनॉरिटीज को खुश करने का उनका तरीका था. बाद में कांग्रेस को घुटने टेकने पड़े और भारत के बंटवारे के लिए राजी होना पड़ा. कांग्रेस की नीजि आज भी वही हैं. इस तरह इंडियन नेशनल कांग्रेस मुस्लिम लीग कांग्रेस (MLC) बन गई है. आज भी कांग्रेस और उसकी साथी पार्टियाँ वंदे मातरम का विरोध करती है और इसके आस-पास विवाद पैदा करने की कोशिश करती है.'
लोकसभा में ‘वंदे मातरम्’ की 150वीं वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘जो वंदे मातरम् 1905 में महात्मा गांधी को राष्ट्रगान के रूप में दिखता था… वंदे मातरम् इतना महान था, इसकी भावना इतनी महान थी तो फिर पिछली सदी में इसके साथ इतना बड़ा अन्याय क्यों हुआ? वंदे मातरम् के साथ विश्वासघात क्यों हुआ? वह कौनसी ताकत थी जिसकी इच्छा पूज्य बापू की भावना पर भारी पड़ गई जिसने वंदे मातरम् जैसी पवित्र भावना को विवादों में घसीट दिया.’ उन्होंने कहा कि मुस्लिम लीग के बयानों का जवाब देने के बजाय नेहरू जी ने सुभाष बाबू को पत्र लिखा और कहा कि मैंने वंदे मातरम् की पृष्ठभूमि पढ़ी है और मुझे लगता है कि यह मुसलमानों को भड़का सकता है.
वंदे मातरम पर पीएम मोदी के संबोधन के बाद लोकसभा में विपक्ष के उपनेता गौरव गोगोई ने सदन में कांग्रेस की बात रखी. उन्होंने पीएम मोदी के आरोपों पर जवाब देते हुए कहा कि आप हर बार नेहरू जी और कांग्रेस पर निशाना साधते हैं, लेकिन जितनी कोशिश कर लें, नेहरू जी पर दाग नहीं लगा पाएंगे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हिंदू महासभा ने भी वंदे मातरम की आलोचना की थी.
संसद में वंदे मातरम पर हो रही इस ऐतिहासिक बहस से राष्ट्रीय गीत के बारे में कई महत्वपूर्ण और अज्ञात तथ्यों के सामने आने की उम्मीद है. इस बहस के लिए 10 घंटे का समय आवंटित किया गया है. पीएम मोदी ने जहां सोमवार को लोकसभा में इस बहस की शुरुआत की, वहीं विपक्ष की ओर से प्रियंका गांधी समेत कई सांसदों के बहस में हिस्सा लेने की उम्मीद है. लोकसभा के बाद मंगलवार को राज्यसभा में ‘वंदे मातरम’ पर मंगलवार को चर्चा होगी, जहां गृह मंत्री अमित शाह चर्चा की शुरुआत करेंगे और स्वास्थ्य मंत्री तथा राज्यसभा में नेता जेपी नड्डा दूसरे वक्ता होंगे.
INC चलते-चलते MMC हो गया है… वंदे मातरम् को लेकर पीएम मोदी का कांग्रेस पर वार
लोकसभा में ‘वंदे मातरम्’ की 150वीं वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘तुष्टीकरण की राजनीति के दबाव में कांग्रेस वंदे मातरम् के बंटवारे के लिए झुकी इसलिए कांग्रेस को एक दिन भारत के बंटवारे के लिए झुकना पड़ा… दुर्भाग्य से कांग्रेस की नीतियां वैसी की वैसी हैं, INC चलते-चलते MMC हो गया है.’ यहां MMC से उनका अर्थ माओवादी, मुस्लिम लीग कांग्रेस से माना जा रहा है.
वंदे मातरम् बोलने पर भी सज़ा हो जाती थी', लोकसभा में बोले पीएम मोदी
‘वंदे मातरम’ की 150वीं वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा में कहा, ‘…बंगाल का विभाजन तो हुआ लेकिन बहुत बड़ा स्वदेशी आंदोलन हुआ और तब वंदे मातरम् हर जगह गूंज रहा था. अंग्रेज समझ गए थे कि बंगाल की धरती से निकला बंकिम बाबू का यह भाव सूत्र जो उन्होंने तैयार किया था उसने अंग्रेजों को हिला दिया था. इस गीत की ताकत इतनी थी कि अंग्रेजों को इस गाने पर प्रतिबंध लगाने पर मजबूर होना पड़ा था. गाने और छापने पर ही नहीं वंदे मातरम् शब्द बोलने पर भी सज़ा, इतने कठोर कानून लागू किए थे.’
'बंगाल टूट गया तो देश भी टूट जाएगा' लोकसभा में पीएम मोदी ने बताई अंग्रेजों की मंशा
प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा में ‘वंदे मातरम्’ की 150वीं वर्षगांठ पर कहा, ‘अंग्रेजों ने बांटों और राज करो, इस रास्ते को चुना और उन्होंने बंगाल को इसकी प्रयोगशाला बनाया क्योंकि वो भी जानते थे कि वो एक वक्त था जब बंगाल का बौद्धिक सामर्थ्य देश को दिशा, ताकत, प्रेरणा देता था और इसलिए अंग्रेज भी जानते थे कि बंगाल का यह जो सामर्थ्य है वो पूरे देश की शक्ति का एक केंद्र बिंदु है और इसलिए अंग्रेजों ने सबसे पहले बंगाल के टुकड़े करने की दिशा में काम किया. अंग्रेजों का मानना था कि एक बार बंगाल टूट गया तो यह देश भी टूट जाएगा…1905 में अंग्रेजों ने बंगाल का विभाजन किया लेकिन जब अंग्रेजों ने 1905 में यह पाप किया तो वंदे मातरम् चट्टान की तरह खड़ा रहा. बंगाल की एकता के लिए वंदे मातरम् गली-गली का नाद बन गया था और वो ही नारा प्रेरणा देता था…’
वंदे मातरम् सिर्फ राजनीतिक लड़ाई का मंत्र नहीं- लोकसभा में पीएम मोदी
वंदे मातरम् सिर्फ राजनीतिक लड़ाई का मंत्र नहीं था. सिर्फ अंग्रेज जाएं और हम अपनी राह पर खड़े हो जाएं, वंदे मातरम् सिर्फ यहां तक सीमित नहीं था. आजादी की लड़ाई, इस मातृभूमि को मुक्त कराने की जंग थी. मां भारती को उन बेड़ियों से मुक्त कराने की एक पवित्र जंग थी- लोकसभा में बोले पीएम मोदी











