राजनीतिक

कौन हैं उमेश मकवाना? जिन्‍होंने दो दिन में AAP की खुशी छीन ली!

अहमदाबाद
आम आदमी पार्टी को दो दिन पहले ही गुजरात की एकमात्र सीट विसावदर पर बंपर जीत मिली थी। यूं तो 2022 के चुनाव में भी आप ने वो सीट अपने नाम की थी,लेकिन उस समय के जीते हुए उम्मीदवार ने पार्टी को दगा देकर बीजेपी ज्वाइन कर ली थी। अब जब फिर इस सीट पर पार्टी को जीत मिली तो उनके एक और विधायक ने पार्टी छोड़ दी है। आम आदमी पार्टी के इस विधायक का नाम है उमेश मकवाना और ये बोटाद विधानसभा सीट से विधायक थे। उमेश मकवाना ने पार्टी आलाकमान को कारण बताते हुए अपना इस्तीफा सौंपा है। ऐसे में लोगों ने इनके बारे में खोजना या कहिए फिर से पता करना शुरू कर दिया। आइए बताते हैं कि उपचुनाव की जीत को फीका करने वाले ये AAP विधायक हैं कौन?

उमेश मकवाना हैं कौन?
उमेश मकवाना ने आम आदमी पार्टी छोड़ने के बाद मीडिया से डिटेल में बात की। बकौल मकवाना,"मैंने बीजेपी में 20 साल तक अलग-अलग पदों पर काम किया था। उस समय,जब गुजरात में आम आदमी पार्टी को कोई जानता भी नहीं था। मैंने सत्ताधारी बीजेपी छोड़कर AAP जॉइन की थी।" मकवाना ने आगे कहा,"आज मुझे AAP में लगता है कि हम डॉ.बी.आर.अंबेडकर के सिद्धांतों से भटक रहे हैं। यही वजह है कि मैंने आम आदमी पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। मैं अभी भी एक पार्टी कार्यकर्ता के तौर पर काम करता रहूंगा।"

AAP ने 5 साल के लिए कर दिया सस्पेंड
आम आदमी पार्टी ने भी उमेश मकवाना के इस कदम पर नाराजगी जाहिर करते हुए उन्हें 5 साल के लिए सस्पेंड कर दिया है। आम आदमी पार्टी (AAP) के गुजरात अध्यक्ष इसुदान गढ़वी ने ट्वीट किया है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा,"उमेश मकवाना को पार्टी विरोधी और गुजरात विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के कारण पार्टी से पांच साल के लिए निलंबित कर दिया गया है।"

क्या है फ्यूचर प्लान?
उमेश मकवाना की आप छोड़कर दोबारा भारतीय जनता पार्टी में जाने की भी अटकलें तेज हैं। उन्होंने हालांकि ऐसा कुछ नहीं बताया है कि वो भाजडपा में जाएंगे या कोई और पार्टी में शामिल होंगे। उन्होंने बस इतना बताया कि मैं बोटाद के लोगों के बीच जाऊंगा। मैं कुछ लोगों से मिलूंगा और इस बारे में बात करूंगा कि क्या एक अलग पार्टी बनानी चाहिए या नहीं।

2022 में बीजेपी के ही कैंडिडेट को हराया था
2022 के गुजरात विधानसभा चुनाव में उमेश मकवाना ने बोटाद सीट से चुनाव लड़ा था। उन्होंने तब भाजपा के धनश्याम विरानी को 2,779 वोटों के अंतर से हराया था। बीजेपी ने तब बोटाद सीट पर अपना प्रभाव बना चुके पूर्व मंत्री सौरभ पटेल को टिकट नहीं दिया था। यह भी पता चला कि नाराजगी की वजह से सौरभ पटेल ने उमेश मकवाना की जीत में मदद की थी। अब पार्टी से मतभेदों के चलते उमेश मकवाना ने भी पार्टी छोड़ दी है। इसके साथ उन्होंने सभी पदों से इस्तीफा भी दे दिया है।

 

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