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मोहनिया आरक्षित सीट पर भाजपा के भीतर बगावत के सुर तेज, नेत्री गीता पासी ने विधायक संगीता कुमारी पर लगाए गंभीर आरोप

मोहनिया

जैसे-जैसे बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, कैमूर जिले की मोहनिया आरक्षित विधानसभा सीट पर सियासी सरगर्मी तेज होती जा रही है। बीजेपी के भीतर ही बगावत के सुर उठने लगे हैं। मोहनिया जिला पार्षद और भाजपा नेत्री गीता पासी ने पार्टी की वर्तमान विधायक संगीता कुमारी पर गंभीर आरोप लगाते हुए मोर्चा खोल दिया है। गीता पासी रविवार को दादर गांव स्थित खेल मैदान की चाहरदीवारी निर्माण कार्य के शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल हुईं। इसके बाद मीडिया से बातचीत में उन्होंने विधायक संगीता कुमारी को "एसी वाली विधायिका" बताते हुए आरोप लगाया कि उनका जनता से कोई सरोकार नहीं है।

 विधायिका ने जनता को ठगा
गीता पासी ने आरोप लगाया कि संगीता कुमारी पहले राजद से चुनाव जीतकर बाद में पैसे लेकर बीजेपी में शामिल हो गईं। इसके चलते क्षेत्र की जनता का उन पर से विश्वास उठ गया है। उन्होंने कहा, "जनता ने उन्हें जिताया, लेकिन अब वो जनता की आवाज नहीं सुनतीं। अगर कोई सुबह 10 बजे मिलने जाता है, तो वह दोपहर 3 बजे तक मिलती भी नहीं हैं।"

गीता पासी ने टिकट की जताई दावेदारी
गीता पासी ने साफ कहा कि वह आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी से मोहनिया सीट से टिकट की दावेदार हैं। उन्होंने पार्टी नेतृत्व से मांग की है कि इस बार उन्हें मौका दिया जाए, क्योंकि जनता वर्तमान विधायक से नाराज़ है और उन्हें समर्थन नहीं देगी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यदि संगीता कुमारी को फिर से टिकट दिया गया और वह जीतती हैं, तो दोबारा किसी अन्य पार्टी में शामिल हो सकती हैं। "उन पर भरोसा नहीं किया जा सकता," गीता पासी ने कहा।

जनता के लिए वह करूंगी जो आज तक किसी ने नहीं किया
गीता पासी ने दावा किया कि अगर उन्हें पार्टी से टिकट मिलता है और वह जीतती हैं, तो जनता के लिए ऐसा कार्य करेंगी जो अब तक किसी विधायक ने नहीं किया। मोहनिया सीट पर गहराते इस राजनीतिक तनाव ने भाजपा के भीतर नई चुनौती खड़ी कर दी है। अब देखना होगा कि पार्टी नेतृत्व इस स्थिति से कैसे निपटता है और टिकट वितरण में किसे प्राथमिकता दी जाती है।

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