
झुंझनू
जिले के जसरापुर गांव में अचानक एक लड़की के लापता होने से पूरे इलाके में चिंता और गुस्से का माहौल बन गया। वार्ड नंबर 13 की यह लड़की सुबह अचानक घर से गायब हो गई। परिजनों ने काफी तलाश की लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा। अंततः उन्होंने खेतड़ी नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई।
रिपोर्ट दर्ज होने के बावजूद पुलिस की ओर से कोई ठोस कदम न उठाने से ग्रामीण और परिजन नाराज हो गए। मंगलवार सुबह बड़ी संख्या में ग्रामीण सड़क पर उतर आए और जसरापुर-खेतड़ी मार्ग पर जाम लगाकर धरना दे दिया। देखते ही देखते सड़क पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं, जिससे आमजन और स्कूल जाने वाले बच्चे घंटों फंसे रहे। ग्रामीणों का आरोप था कि जसरापुर के पास एक अज्ञात युवती का शव देखा गया था लेकिन मौके पर पहुंचने पर वह गायब था। इससे संदेह और बढ़ गया कि कहीं प्रशासन मामले को दबाने की कोशिश तो नहीं कर रहा। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि इस तरह की घटनाओं से बेटियां असुरक्षित हो गई हैं और पुलिस का रवैया बेहद गैर जिम्मेदाराना है।
धरने की अगुवाई राजकुमार सिंह निर्वाण कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन को आड़े हाथों लेते हुए चेतावनी दी है कि यदि पुलिस 72 घंटे में लड़की को सुरक्षित बरामद नहीं करती है तो आंदोलन को और उग्र किया जाएगा। धरना और जाम की सूचना पर खेतड़ी नगर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया। करीब तीन घंटे तक तनावपूर्ण माहौल रहा। आखिरकार पुलिस और प्रशासन के आश्वासन पर जाम खोला गया। हालांकि ग्रामीणों ने स्पष्ट कहा कि अब केवल नतीजे चाहिए, महज आश्वासन से वे पीछे हटने वाले नहीं हैं।
लोगों का कहना है कि पुलिस की लापरवाही अपराधियों को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने सवाल किया कि आखिर कब तक बेटियां घर से सुरक्षित लौटने की गारंटी से वंचित रहेंगी। ग्रामीणों का यह भी कहना था कि पुलिस हर घटना के बाद खानापूर्ति करके आश्वासन देकर शांत कराने की कोशिश करती है लेकिन हकीकत में न तो अपराध कम हो रहे हैं और न ही बेटियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो रही है। करीब तीन घंटे तक चला यह विरोध झुंझुनू जिले में पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर बड़े सवाल खड़े कर गया। अब देखना होगा कि पुलिस 72 घंटे की इस समय सीमा में लड़की को खोज पाती है या फिर और बड़ा आंदोलन उभरकर सामने आता है।