बिज़नेस

आज मूडीज रेटिंग्स ने भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.3 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया, र्थव्यवस्था में आएगी तेजी

नई दिल्ली
मूडीज रेटिंग्स ने मंगलवार को 2025 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.3 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है और उम्मीद जताई है कि 2026 में देश की अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी और यह 6.5 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज करेगी। मूडीज का पूर्वानुमान आईएमएफ के दृष्टिकोण के अनुरूप है, जो भारत को 2025 में 6 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर दर्ज करने वाली दुनिया की एकमात्र प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में देखता है। मूडीज ने अपने ग्लोबल मैक्रो आउटलुक के मई अपडेट में कहा, "वैश्विक आर्थिक नीतियों को लेकर अनिश्चितता का असर उपभोक्ता, व्यवसाय और वित्तीय गतिविधियों पर पड़ने की संभावना है।" रेटिंग एजेंसी ने पहले भारत के लिए 6.5 प्रतिशत की वृद्धि दर का अनुमान लगाया था।

मूडीज ने कहा कि अमेरिकी टैरिफ को लेकर कटौती के बावजूद भी नीति अनिश्चितता और अमेरिका-चीन के बीच व्यापार तनाव वैश्विक व्यापार और निवेश को प्रभावित कर सकते हैं, जिसका असर जी-20 देशों पर भी पड़ सकता है।
व्यापार अनिश्चितताओं के अलावा, बढ़ते तनाव से विकास पर असर पड़ने की संभावना है। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि भू-राजनीतिक तनाव बेसलाइन पूर्वानुमानों के लिए एक और संभावित नकारात्मक जोखिम है।

हाल के दिनों में, दक्षिण एशिया में भारत और पाकिस्तान और दक्षिण चीन सागर में चीन और फिलीपींस के बीच तनाव बढ़ गया है। मूडीज ने कहा कि ये देश भी अब रूस और यूक्रेन में अनसुलझे युद्धों की तरह आपसी तनाव में उलझ गए हैं।
इसमें कहा गया है, "निवेशकों और व्यवसायों की लागत बढ़ने की संभावना है।"
मूडीज को उम्मीद है कि भारत की मुद्रास्फीति दर 2025 में 4 प्रतिशत और 2026 में 4.3 प्रतिशत रहेगी, जिससे देश के मैक्रो-इकोनॉमिक फंडामेंटल को मजबूती मिलेगी और आरबीआई के पास विकास को बढ़ावा देने के लिए ब्याज दरों में कटौती करने के लिए अधिक गुंजाइश होगी।

मूडीज ने कहा, "उभरते बाजारों के केंद्रीय बैंकों के लिए फेड की नीति का मार्ग उतना महत्वपूर्ण नहीं है, जितना पिछले साल इस समय था। दूसरे उभरते देशों में, हम उम्मीद करते हैं कि भारतीय रिजर्व बैंक विकास को समर्थन देने के लिए दरों को और कम करेगा।" आरबीआई ने अमेरिकी टैरिफ बढ़ोतरी के मद्देनजर वैश्विक व्यापार और नीति अनिश्चितताओं के बीच 2025-26 में भारत के लिए 6.5 प्रतिशत जीडीपी वृद्धि का अनुमान लगाया है।

आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ​​ने हाल ही में कहा, "सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अनिश्चितता अपने आप में व्यवसायों और परिवारों के निवेश और खर्च के निर्णयों को प्रभावित कर विकास को धीमा कर देती है। दूसरा, ट्रेड फ्रिक्शन के कारण वैश्विक विकास पर पड़ने वाला असर घरेलू विकास को बाधित करेगा। तीसरा, उच्च टैरिफ का शुद्ध निर्यात पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।" आरबीआई गवर्नर ने कहा कि सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए, 2025-26 के लिए वास्तविक जीडीपी वृद्धि अब 6.5 प्रतिशत अनुमानित है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button