बिहार-झारखण्‍डराज्य

गरीबों की थाली नहीं रहेगी खाली! हर महीने 2 करोड़ से ज्यादा परिवारों को मुफ्त राशन

अब गरीबों की थाली नहीं रहेगी खाली! पारदर्शिता से समय पर पहुंचा अनाज

पटना,

बिहार ने भूख के खिलाफ जंग लगभग जीत ली है। इसमें प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) और बिहार सरकार की पहल बड़ा सहारा बनी है।नतीजा ये है कि प्रदेश के 2.06 करोड़ से अधिक परिवारों को हर महीने मुफ्त राशन मिल रहा है। दरअसल, ऐसा इसलिए संभव हो सका है कि बिहार सरकार ने इसे मिशन की तरह लिया। बताते चलें कि राशन वितरण में प्रणाली में लगातार गड़बड़ियों की शिकायत मिल रही थी। जिसे सरकार ने सुधार लिया है।

करोड़ों परिवारों को हर महीने अनाज
अब ई-पीओएस मशीन के जरिए अनाज का वितरण किया जा रहा है। जिसका नतीजा है कि हर परिवार के प्रति सुरक्षा देने का संकल्प पूरा हो रहा है। इस योजना के तहत बिहार में हर महीने औसतन 4.25 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा खाद्यान्न वितरित किया जा रहा है। PHH परिवारों (1.83 करोड़) को प्रति सदस्य 5 किलो अनाज (1 किलो गेहूं और 4 किलो चावल) मिलता है। वहीं, AAY परिवारों (22.81 लाख) को प्रति परिवार 35 किलो अनाज (7 किलो गेहूं और 28 किलो चावल) दिया जा रहा है। गरीबों के लिए यह योजना न सिर्फ राहत है बल्कि जीवन जीने की गारंटी बन गई है।

ई-पीओएस मशीन से खत्म हुई धांधली
बताते चलें, पहले राशन वितरण में गड़बड़ियों की शिकायतें आम थीं, लेकिन अब तस्वीर बदल चुकी है। सभी जनवितरण केंद्रों पर ई-पीओएस मशीन लगाने से पूरा सिस्टम पारदर्शी हो गया है। लाभुक का नाम, पहचान, अनाज की मात्रा और वितरण की तारीख, सब कुछ रियल टाइम में रिकॉर्ड किया जाता है। इससे चोरी-छुपे गड़बड़ी की गुंजाइश ही नहीं रहती है।

भूख के खिलाफ सबसे बड़ी जंग
"हर घर अन्न–हर थाली में पोषण" यह सिर्फ नारा नहीं बल्कि बिहार सरकार का संकल्‍प है। गरीब परिवारों की जिंदगी में बदलाव लाने का निश्‍चय है। जिसे बिहार सरकार और नीतीश कुमार गंभीरतापूर्वक पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं। अब बच्चों की थाली से खाना गायब नहीं होता और बुजुर्गों को भूखा सोने पर मजबूर नहीं होना होता है। बिहार में यह योजना भूख के खिलाफ सबसे बड़ी जंग बन चुकी है और गरीब परिवारों के लिए नई उम्मीद लेकर आई है।

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