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1400 कॉन्ट्रैक्ट टीचर्स की जॉब सिक्योरिटी पर सस्पेंस, सीएम नायब सैनी से मिला प्रतिनिधिमंडल

चंडीगढ़ 
हरियाणा के विश्वविद्यालयों में वर्षों से अनुबंध पर कार्यरत असिस्टेंट प्रोफेसरों को स्थाई सुरक्षा देने की मांग एक बार फिर ज़ोर पकड़ गई है। मंगलवार को हरियाणा विश्वविद्यालय अनुबंधित शिक्षक संघ (हकूटा) के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री नायब सैनी से उनके निवास पर मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने सीएम को ज्ञापन सौंपते हुए मांग की कि शीतकालीन विधानसभा सत्र में सेवा-सुरक्षा अधिनियम पारित किया जाए।

प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को बताया कि प्रदेश के सरकारी विश्वविद्यालयों में लगभग 1400 अनुबंधित असिस्टेंट प्रोफेसर वर्षों से कार्यरत हैं, लेकिन अब तक उन्हें वैसी रोजगार-गारंटी नहीं मिली। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष कॉलेजों के लगभग 2000 एक्सटेंशन लेक्चरर और एक लाख 20 हजार कौशल रोजगार निगम के कर्मचारियों को अधिनियम-2024 के तहत रिटायरमेंट उम्र यानी 58 वर्ष तक की जॉब सिक्योरिटी दी जा चुकी है।

सीएम से मिलने के बाद संघ के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. विजय कुमार ने बताया कि बीते शीतकालीन सत्र में सरकार द्वारा सेवा-सुरक्षा का आश्वासन दिया गया था और मुख्यमंत्री के निर्देश पर एक समिति भी बनाई गई थी, जिसने अपना कार्य पूरा कर लिया है। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा सभी विश्वविद्यालयों से आवश्यक डेटा एकत्र किया जा चुका है और प्रस्ताव अब अंतिम मंज़ूरी के चरण में है। डॉ. विजय ने कहा कि मुख्यमंत्री जी का यह निर्णय प्रदेश की ट्रिपल इंजन सरकार की ओर से नए साल पर एक ऐतिहासिक उपहार होगा।

मुलाकात के दौरान कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से डॉ. अश्वनी व डॉ. सतपाल और बीपीएस महिला विश्वविद्यालय, खानपुर कलां से डॉ. अमित व डॉ. विजय मौजूद रहे। संघ को अब उम्मीद है कि इस सत्र में अधिनियम पारित होकर अनुबंधित शिक्षकों को 60 वर्ष की सेवा सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी। अगर ऐसा होता है तो यह निर्णय शिक्षक समुदाय के लिए ऐतिहासिक मोड़ साबित होगा। प्रतिनिधिमंडल ने तर्क दिया कि विश्वविद्यालयों के अनुबंधित असिस्टेंट प्रोफेसरों और कॉलेजों के एक्सटेंशन लेक्चररों की योग्यता, वेतनमान और कार्यप्रणाली लगभग समान है। इसलिए इस श्रेणी को सेवा-सुरक्षा से बाहर रखना न्यायसंगत नहीं। शिक्षा स्तर पर प्रभाव की बात करते हुए डॉ. विजय ने कहा कि रोजगार सुरक्षा से शिक्षकों में स्थिरता आएगी, जिससे अध्यापन की गुणवत्ता बेहतर होगी और युवा वर्ग को लाभ मिलेगा।

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