मध्य प्रदेश

पति के पास पत्नी की बेवफाई का सबूत, MP हाईकोर्ट ने इंडियन एविडेंस एक्ट के तहत तस्वीरों को माना सही

जबलपुर
 जबलपुर हाई कोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाते हुए कहा है कि विवाहेतर यौन संबंध के आधार पर तलाक की डिक्री जारी करने में 65-बी सर्टिफिकेट के बिना तस्वीरों का इस्तेमाल किया जा सकता है। जस्टिस विशाल धगट और जस्टिस बी पी शर्मा की युगलपीठ ने यह स्पष्ट किया कि शादी के मामलों में इंडियन एविडेंस एक्ट पूरी तरह से लागू नहीं होता है। कोर्ट ने इस आधार पर दायर एक अपील को खारिज कर दिया।

महिला ने दी थी तलाक को चुनौती
यह मामला बालाघाट की एक महिला से जुड़ा है, जिसने कुटुंब न्यायालय द्वारा तलाक की डिक्री जारी करने के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। महिला का कहना था कि उसके पति ने एक अन्य व्यक्ति के साथ उसकी आपत्तिजनक तस्वीरों का इस्तेमाल करके तलाक के लिए आवेदन किया था। महिला की ओर से यह भी दलील दी गई थी कि इन तस्वीरों के साथ इंडियन एविडेंस एक्ट के तहत 65-बी सर्टिफिकेट पेश नहीं किया गया था, जो कि जरूरी है। महिला ने सर्वोच्च न्यायालय के एक आदेश का हवाला देते हुए कहा था कि 65-बी सर्टिफिकेट के बिना तलाक का आदेश रद्द किया जाना चाहिए। उसने यह भी बताया कि तस्वीरें गलती से उसके मोबाइल से पति के मोबाइल में ट्रांसफर हो गई थीं और बाद में पति ने उसका फोन तोड़ दिया था।

शादी के मामलों में पूरी तरह लागू नहीं होता एक्ट
लेकिन, युगलपीठ ने अपने फैसले में कहा कि इंडियन एविडेंस एक्ट शादी के मामलों में पूरी तरह से लागू नहीं होता है। फैमिली कोर्ट्स एक्ट के सेक्शन 14 के अनुसार, कुटुंब न्यायालय को सच्चाई का पता लगाने के लिए किसी भी तरह की रिपोर्ट, बयान या डॉक्यूमेंट्स को सबूत के तौर पर स्वीकार करने का अधिकार है। कोर्ट ने माना कि कुटुंब न्यायालय ने इन तस्वीरों पर भरोसा करके कोई गलती नहीं की।

महिला की अपील को किया खारिज
कोर्ट ने यह भी पाया कि महिला ने इस बात से इनकार नहीं किया कि वह तस्वीरों में है। उसने केवल यह कहा कि तस्वीरें किसी ट्रिक से बनाई गई हैं, लेकिन यह नहीं बताया कि किसने और कैसे बनाईं। महिला ने अपने बयान में स्वीकार किया था कि तस्वीरें उसके मोबाइल से पति के मोबाइल में ट्रांसफर हुई थीं और फिर पति ने उसका फोन तोड़ दिया। कोर्ट ने कहा कि पति के पास पत्नी के विवाहेतर संबंध के सबूत थे, और गुस्से में फोन तोड़ना स्वाभाविक था ताकि पत्नी का अपने पार्टनर से संपर्क टूट जाए। कोर्ट ने उस फोटोग्राफर से भी पूछताछ की जिसने तस्वीरें खींची थीं। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए, युगलपीठ ने अपील को खारिज कर दिया।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button