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हरियाणा में डॉक्टरों की हड़ताल पर सरकार सख्त, 6 महीने के लिए लागू किया गया एस्मा

चंडीगढ़ 
हरियाणा सरकार ने डॉक्टरों की हड़ताल पर सख्त कार्रवाई करते हुए प्रदेश में अगले 6 महीने के लिए आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (ESMA) लगा दिया है. सरकार ने हरियाणा आवश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम, 1974 (1974 का 40) की धारा 4 (क) की उप-धारा (1) के तहत डॉक्टरों की हड़ताल पर रोक लगा दी है.

सरकार ने अपने आदेश में कहा है कि एस्मा 8 दिसंबर से लागू होगा और अगले छह महीने की अवधि के लिए स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक और कर्मचारी हड़ताल नहीं कर सकेंगे. आदेश में कहा गया है कि हरियाणा के राज्यपाल ने भी इस बात को माना है कि गंभीर रूप से बीमार और अन्य मरीजों की देखभाल सुनिश्चित करने और जन साधारण के लिए स्वास्थ्य सेवाओं का निर्वाध परिदान बनाए रखने के लिए कोई भी हड़ताल सार्वजनिक स्वास्थ्य और समुदाय के जीवन के लिए आवश्यक सेवाओं पर गंभीर रूप से असर डालेगी.

6 महीने तक डॉक्टरों की हड़ताल पर रोक
आदेश में आगे कहा गया है कि अब हरियाणा आवश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम 1974 (1974 का 40) की धारा 4 (क) की उप धारा (1) के अधीन प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते राज्य में एस्मा लगाया जा रहा है जो कि अगले छह महीने तक डॉक्टरों के किसी भी प्रकार के हड़ताल पर रोक लगाता है.
 
दरअसल, हरियाणा में सभी सरकारी अस्पतालों और डिस्पेंसरियों के डॉक्टरों ने मंगलवार को प्रमोशन से जुड़े मुद्दे को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान किया. डॉक्टरों के इस ऐलान से राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था के बेपटरी हो जाने का अंदेशा था. हरियाणा के चिकित्सा अधिकारी राज्य स्वास्थ्य विभाग में शामिल होने के बाद प्रमोशन के सीमित अवसरों से निराश हैं.

हड़ताल को लेकर डॉक्टरों का क्या कहना था?
हड़ताल पर जाने वाले डॉक्टरों का कहना था कि उनके अधिकतर सहयोगियों को अपने पूरे करियर में केवल एक ही बार प्रमोशन मिलती है. कुछ डॉक्टरों की यह भी शिकायत थी कि वर्तमान नीति के तहत 75 फीसदी एसएमओ पद पदोन्नति के जरिए भरे जाते हैं जबकि 25 फीसदी सीटें सीधी भर्ती के लिए आरक्षित हैं. डॉक्टरों का तर्क है कि सीधी भर्ती वाले एसएमओ अपने करियर में बहुत आगे बढ़ जाते हैं, कुछ तो महानिदेशक के पद तक पहुंच जाते हैं, जबकि सेवारत डॉक्टर स्थिर रहते हैं.

 

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