
चंडीगढ़
पंजाब विधानसभा में बेअदबी बिल पर जोरदार बहस चल रही है। इस बिल पर विभिन्न नेताओं द्वारा अपने-अपने विचार सदन में पेश किए जा रहे हैं। सदन में बोलते हुए कैबिनेट मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि इस बिल से करोड़ों लोगों की आस्था जुड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि सिख धर्म की रक्षा के लिए बड़ी संख्या में सिखों ने अपनी जान कुर्बान की है। मंत्री बैंस ने अकाली दल पर निशाना साधते हुए कहा कि जिन्हें हमने अपने पंथ की सेवा सौंपी थी और जो खुद को पंथ का रक्षक बताते थे, उन्होंने ही हमारे गुरुओं के अंगों का अपमान किया और अपनी संपत्तियां बना लीं।
हरजोत बैंस ने आगे कहा कि जो संगत रोष में बैठी थी, उन पर सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए गोलियां चला दी गईं, और आज भी वे (दोषी) अपने रुख से पीछे नहीं हटे। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों के दौर में यह समझौता था कि नशा बेचो और गुरु साहिबानों की बेअदबी करो। यह सिखी के खिलाफ एक बड़ी साजिश थी। उन्होंने बिल के कानूनी पक्ष को सदन में रखते हुए बताया कि इस कानून में सभी धार्मिक ग्रंथों का जिक्र किया गया है। इन ग्रंथों के साथ किसी भी प्रकार की छेड़छाड़, जलाना, गालियां देना या फाड़ना जैसे कृत्य गैर-जमानती और गैर-माफ़ी योग्य अपराध माने 7जाएंगे।
इस अपराध का ट्रायल सेशन कोर्ट में होगा और इसकी जांच केवल डीएसपी या उससे वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ही कर सकता है। उन्होंने कहा कि जो भी व्यक्ति यह अपराध करेगा, उसे कम से कम 10 साल की सजा या उम्रकैद और 5 से 10 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। जो व्यक्ति इस घिनौनी साजिश में किसी भी तरह से शामिल होगा, उसे 3 से 5 साल तक की सजा हो सकती है। इस बिल को सिलेक्ट कमेटी के पास भेजने का सर्वसम्मति से फैसला हुआ है। मंत्री ने कहा कि जब भी यह बिल पास होता है, तब बेअदबी के मामलों पर काफी हद तक रोक लग सकेगी।
बेअदबी विधेयक पर प्रताप सिंह बाजवा ने सदन में कहीं बड़ी बातें
पंजाब विधानसभा में बेअदबी के खिलाफ पेश किए गए विधेयक पर बोलते हुए विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि यह एक बेहद महत्वपूर्ण विधेयक है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मान ने कल कहा था कि अगर वह इस विधेयक के लिए समय मांग रहे हैं, तो क्या आप तैयार नहीं हैं, वह केवल 12 घंटे का समय मांगा था। उन्होंने कहा कि बेअदबी विधेयक पर आज पूरे दिन की बहस होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर किसी धर्मग्रंथ की चोरी होती है, तो इस संबंध में भी इस विधेयक में एक धारा जोड़ी जानी चाहिए। साथ ही, जांच का समय भी 30 दिन निर्धारित किया जाना चाहिए।
इसके बाद भी अगर जांच पूरी नहीं होती है, तो डी.जी.पी. को इसकी गंभीरता का पता होना चाहिए। प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि जहां भी जांच गलत पाई जाती है, उस अधिकारी के खिलाफ जांच होनी चाहिए। जहां भी कोई धार्मिक विरोध प्रदर्शन हो, वहां असली गोलियां नहीं चलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी ने वही विधेयक पेश किया है जो कांग्रेस वर्ष 2018 में लेकर आई थी।
प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि सबसे बड़ी बेअदबी वर्ष 2015 में हुई थी। तब बरगाड़ी कांड हुआ था, जहां श्री गुरु ग्रंथ साहिब के अंग नष्ट कर दिए गए थे। इसके बाद वहं धरने शुरू हो गए। जब इस घटना से दुखी संगत धरने पर बैठी, तो उन पर गोलियां चलाई गईं। इस दौरान बहबल कलां में कई लोग घायल हुए और 2 सिंह शहीद हो गए। बेअदबी मामलों को लेकर प्रताप सिंह बाजवा ने सरदार प्रकाश सिंह बादल और अन्य अकाली नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए।