कांग्रेस में अध्यक्षों की तलाश शुरू, बाहरियों को नहीं मिलेगी संगठन में जगह

भोपाल
मध्य प्रदेश में पार्टी संगठन को मजबूत करने के लिए कांग्रेस के करीब ढाई सौ ऑब्जर्वर प्रक्रिया में जुट गए हैं. कांग्रेस प्रदेश के 55 जिलों में नए जिला और ब्लॉक अध्यक्ष का चयन करेगी. उधर जिले और ब्लॉक अध्यक्ष के लिए कांग्रेस ने उम्र का बंधन खत्म कर दिया है. जिले और ब्लॉक में पार्टी संगठन के लिए योग्य कार्यकर्ता को ही जिम्मेदारी सौंपी जाएगी.
हालांकि पार्टी ने साफ कर दिया है कि 2023 के चुनाव के दौरान बीजेपी छोड़कर कांग्रेस पार्टी में आए नेताओं को संगठन के इस चुनाव में तवज्जो नहीं दी जाएगी. कांग्रेस ने ऐसे बाहरी नेताओं के लिए लॉयटी टेस्ट की समय सीमा 5 साल निर्धारित कर दी है. कांग्रेस में 5 साल पूरे करने वाले आयातित नेता के नाम पर ही विचार किया जाएगा.
5 साल में पूरा होगा लॉयटी टेस्ट
विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने 3 जून को भोपाल में संगठन सृजन अभियान की शुरूआत की है. इस अभियान के तहत कांग्रेस ने 55 जिलों में 165 ऑब्जर्वर्स तैनात किए हैं. यह ऑब्जर्वर्स सभी जिलों में पहुंच गए हैं. पार्टी में जिला अध्यक्ष और ब्लॉक अध्यक्ष के लिए जमीनी स्तर पर नए नेतृत्व की तलाश शुरू कर दी है.
कांग्रेस ने जिला अध्यक्ष और ब्लॉक अध्यक्ष के लिए उम्र का क्राइटेरिया निर्धारित नहीं किया है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि "उम्र को लेकर कोई क्राइटेरिया नहीं है. इसमें योग्यता ही पैमाना होगा, जो सबसे योग्य व्यक्ति समन्वय का निकलेगा, जो पार्टी की विचारधारा के प्रति ईमानदार होगा, उसे ही मौका दिया जाएगा.
जीतू पटवारी ने कहा कि पिछले 5 साल के दौरान बीजेप से कांग्रेस में आए नेताओं को अभी इसमें जगह नहीं दी जाएगी.
एआईसीसी को जाएगी रिपोर्ट
संगठन सृजन के लिए ऑल इंडिया कांग्रेस ने 60 और प्रदेश कांग्रेस ने 180 पर्यवेक्षकों को नियुक्ति दी है. यह सब अब करीबन एक हफ्ते जिलों में रहेंगे और इसके बाद वहां के दौरे करते रहेंगे. इस दौरान स्थानीय कार्यकर्ताओं, प्रबुद्धजनों से चर्चा कर एक पैनल तैयार करेगी.
इसमें जिले का जातिगत समीकरण का भी ध्यान रखा जाएगा. पहला चरण 30 जून तक चलेगा. एसआईसीसी से बनाए गए पर्यवेक्षक अपनी रिपोर्ट सीधे एआईसीसी को ही देगी.