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राजस्व महा–अभियान : तीन दिनों में 23 लाख से अधिक जमाबंदी पंजी की प्रतियों का हुआ वितरण

राजस्व महा–अभियान : तीन दिनों में 23 लाख से अधिक जमाबंदी पंजी की प्रतियों का हुआ वितरण

तीन दिनों में 23 लाख जमाबंदी पंजी की प्रतियां जनता तक पहुँची, राजस्व महा-अभियान जारी

राजस्व महा-अभियान का बड़ा आंकड़ा: 3 दिन में 23 लाख से अधिक दस्तावेजों का वितरण

जमाबंदी पंजी के वितरण में शेखपुरा पहले स्थान पर 

दूसरे नंबर पर जहानाबाद, तीसरे नंबर पर कैमूर, चौथे नंबर पर  नवादा एवं पांचवें नंबर पर है पूर्णिया

पटना 
 राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा चलाए जा रहे राजस्व महा–अभियान में महज 16 अगस्त से 18 अगस्त तक तीन दिनों में ही बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। राज्यभर में तीन दिनों में अबतक 23 लाख से अधिक जमाबंदी पंजी की प्रतियां रैयतों के बीच वितरित की जा चुकी हैं। सर्वाधिक जमाबंदी के वितरण में शेखपुरा पहले स्थान पर है। वहां कुल जमाबंदी के 24.02 फीसदी जमाबंदी प्रतियों का वितरण किया गया है। दूसरे नंबर पर जहानाबाद, तीसरे नंबर पर कैमूर, चौथे नंबर पर  नवादा एवं पांचवें नंबर पर पूर्णिया है।

जहानाबाद में 14.48 फीसदी, कैमूर में 13.78 फीसदी, नवादा में 13.72 फीसदी एवं पूर्णिया में 11.35 फीसदी जमाबंदी की प्रतियों का वितरण तीन दिनों में कर दिया गया है। छठे स्थान पर अररिया है। यहां 11.16 फीसदी वितरण हुआ है। सातवें स्थान पर खगड़िया है। यहां 11.15 फीसदी वितरण हुआ है। आठवें स्थान पर वैशाली है और यहां 10.41 फीसदी जमाबंदी की प्रति का वितरण हो गया है। नौवें स्थान पर गोपालगंज एवं दसवें स्थान पर किशनगंज है। यहां क्रमशः 10.28 फीसदी एवं 9.29 फीसदी जमाबंदी की प्रतियों का वितरण रैयतों के बीच कर दिया गया है।

बताते चलें कि राज्य के सभी 38 जिलों में कुल जमाबंदी की संख्या 3 करोड़, 59 लाख, 88 हजार 935 है। तीन दिन में सभी जिलों में कुल 23 लाख 08 हजार 574 जमाबंदी प्रति का वितरण रैयतों के बीच कर दिया गया है। ये कुल जमाबंदी का 6.41 फीसदी है।

इस अभियान के तहत गांव–गांव जाकर राजस्व विभाग की टीमें लोगों को उनकी जमीन से जुड़ी जमाबंदी की प्रति उपलब्ध करा रही है। टीम द्वारा जमाबंदी की प्रति के साथ–साथ आवश्यक आवेदन प्रपत्र भी मौके पर  उपलब्ध कराई जा रही है।

इस राजस्व महा–अभियान के दौरान जमीन के अभिलेखों की अशुद्धियों का त्वरित सुधार, बंटवारा नामांतरण, उत्तराधिकार   नामांतरण और छूटी हुई   जमाबंदियों को ऑनलाइन करने का काम हो रहा है।
इस महा–अभियान का उद्देश्य ग्रामीणों को अपने कागजात में सुधार के लिए दफ्तरों के चक्कर लगाने से राहत दिलाना है।

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