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ICC से भिड़े रवि शास्त्री, बोले – भारत का योगदान सबसे बड़ा, कमाई में हिस्सा भी बढ़े

नई दिल्ली
भारत के पूर्व क्रिकेटर और मुख्य कोच रवि शास्त्री का मानना ​​है कि भारत को ICC के कुल राजस्व में और भी बड़ा हिस्सा मिलना चाहिए, क्योंकि ICC के खजाने में भारत का योगदान सबसे अधिक है। 2024-27 चक्र के मॉडल के अनुसार भारत वर्तमान में ICC के कुल राजस्व का 38.5% कमाता है, जो इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों से काफी अधिक है। इसके बावजूद रवि शास्त्री इसमें और बढ़ोतरी चाहते हैं। शास्त्री का कहना है कि जब भारत कभी विदेश में जाकर खेलता है तो टीवी राइट्स और कमाई में कई गुना इजाफा होता है। इसलिए ऐसा कहना बिल्कुल जायज होगा कि उन्हें उनके हिस्से का बड़ा भाग मिले।
 
विज्डन क्रिकेट से बातचीत के दौरान रवि शास्त्री ने कहा, "भारत को आईसीसी की के कुल राजस्व का और बड़ा हिस्सा मिलना चाहिए। जब भारत कभी विदेश में जाकर खेलता है तो टीवी राइट्स और कमाई में कई गुना इजाफा होता है। टीवी से हो रही कमाई के आंकड़े खुद ये साबित करते हैं। इसलिए ऐसा कहना बिल्कुल जायज होगा कि उन्हें उनके हिस्से का बड़ा भाग मिले।" उन्होंने कहा, "जो भी पैसा आता है उसका अधिकांश हिस्सा भारत से आता है। यह सब इकोनॉमी पर निर्भर करता है। अगर कल को कोई और देश की इकोनॉमी भारत से मजबूत हो जाए तो पैसा वहां से आएगा। जैसे 70 और 80 के दशक में हुआ करता था, उस समय कमाई का बड़ा हिस्सा किसी और देश को जाता था। इसलिए भारत के लिए और बड़ा हिस्सा मांगना सही है।"

फैंस की दीवानगी और IPL ने भारत बनाया मजबूत
सदी की शुरुआत से ही भारत क्रिकेट के मामले में एक वैश्विक शक्ति बन गया है, जिसका श्रेय देश में इस खेल के प्रति लोगों की बढ़ती दीवानगी को जाता है। 2008 में इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की शुरुआत ने क्रिकेट जगत में भारत की स्थिति को और भी बढ़ा दिया, क्योंकि इस टी20 फ्रैंचाइज लीग की चकाचौंध ने दुनिया भर के शीर्ष खिलाड़ियों और व्यवसायों को अपनी ओर आकर्षित किया है।

ICC के राजस्व मॉडल के अनुसार, 88% से अधिक राजस्व 12 पूर्ण सदस्य (टेस्ट खेलने वाले) देशों के बीच बांटा जाता है। इसमें से, 48.2% का महत्वपूर्ण हिस्सा खेल के तीन शक्तिशाली देशों, भारत, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच विभाजित होता है। भारत एकमात्र ऐसा देश है जिसे अपने हिस्से का प्रतिशत दोहरे अंकों (38.5%) में प्राप्त होता है।

 

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