बिहार-झारखण्‍डराज्य

महाबोधि मंदिर पहुंची नॉर्वे की राजदूत मे-एलिन स्टेनर

बोधगया

भारत में नॉर्वे की राजदूत महामहिम मे-एलिन स्टेनर ने अपने तीन दिवसीय बिहार दौरे के अंतिम चरण में बोधगया स्थित विश्व प्रसिद्ध महाबोधि मंदिर का दौरा किया। इस आध्यात्मिक यात्रा के दौरान उनके साथ उनके पति एस्पेन आसेन और वरिष्ठ सलाहकार अंडिस वी. सिंह भी उपस्थित रहे। राजदूत के आगमन पर उन्हें बोधगया मंदिर प्रबंधन समिति (बीटीएमसी) और भिक्षु समुदाय द्वारा पारंपरिक सम्मान के साथ स्वागत किया गया।
 
महाबोधि मंदिर में शांतिपूर्ण पूजा-अर्चना
महामहिम का महाबोधि मंदिर पहुंचने पर वहां मौजूद मुख्य भिक्षु भिक्खु चालिंदा, भिक्खु दीनानंद, बीटीएमसी सचिव डॉ. महाश्वेता महारथी, सदस्य डॉ. अरविंद सिंह और किरण लामा ने उन्हें पारंपरिक खादा पहनाकर स्वागत किया। इसके बाद महामहिम ने मंदिर के गर्भगृह में विराजमान भगवान बुद्ध की प्रतिमा के समक्ष पूजन किया। पूजन के समय मंदिर परिसर में भिक्षुओं द्वारा गहन मंत्रोच्चार और विशेष प्रार्थनाएं की गईं, जिससे पूरे वातावरण में आध्यात्मिक शांति और श्रद्धा का अनुभव हुआ। राजदूत ने इस पूजा को अत्यंत भावनात्मक और आत्मिक रूप से समृद्ध अनुभव बताया।

बोधिवृक्ष के दर्शन और स्मृति चिह्नों की भेंट
राजदूत स्टेनर और उनके प्रतिनिधिमंडल ने बोधिवृक्ष के नीचे कुछ समय व्यतीत किया, जहां भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। उन्होंने इस स्थान को ‘शांति और आत्मचिंतन का अद्वितीय केंद्र’ बताया। यात्रा के समापन पर बीटीएमसी की ओर से महामहिम को महाबोधि मंदिर की प्रतिकृति और प्रकाशन भेंट किए गए, जबकि उनके साथ आए प्रतिनिधियों को स्मृति चिह्न भेंट किए गए।
 
महामहिम ने मंदिर की आगंतुक पुस्तिका में अपने विचार दर्ज करते हुए लिखा कि इस यादगार स्थान पर बिताए गए सुंदर और शांतिपूर्ण समय के लिए धन्यवाद। यह अनुभव अविस्मरणीय रहेगा।

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