
चंडीगढ़
पंजाब कांग्रेस के भीतर चल रही उठापटक एक बार फिर तेज हो गई है। नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी व पूर्व विधायक नवजोत कौर सिद्धू ने कांग्रेस सांसद व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा से मिले लीगल नोटिस का कड़ा जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि वह अपने सभी बयानों पर अडिग हैं और यदि रंधावा नोटिस वापस नहीं लेते तो वह स्वयं उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करेंगी। कौर ने अपने बयान में कहा कि उनकी टिप्पणियां अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार के तहत आती हैं और वह विभिन्न मीडिया रिपोर्टों पर आधारित हैं।
क्या है विवाद?
मंगलवार को कांग्रेस सांसद और राजस्थान कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर रंधावा ने कौर को लीगल नोटिस भेजा था। इसमें कहा गया कि 7 और 8 दिसंबर को कौर ने उन पर भ्रष्टाचार से जुड़े आरोप लगाए खासतौर पर “पार्टी टिकट पैसे लेकर बांटे जाने” का आरोप। नोटिस में दावा किया गया कि कौर ने “बिना किसी साक्ष्य के” ये बयान दिए, जिससे रंधावा की छवि धूमिल हुई। उन्होंने इसे भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की धारा 356 के तहत मानहानि बताया और सात दिनों के भीतर सार्वजनिक माफी की मांग की है। माफी उसी मीडिया प्लेटफॉर्म पर देने के लिए कहा गया, जहां कौर के बयान प्रकाशित हुए थे।
कांग्रेस में बढ़ी हलचल, निलंबन के बाद कानूनी मोर्चा
यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है, जब पंजाब कांग्रेस ने सोमवार को नवजोत कौर सिद्धू को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया था। यह कार्रवाई उनके विवादित “500 करोड़ कैश-फॉर-सीएम” बयान के बाद की गई।
उधर, पार्टी के अन्य नेता भी उनके खिलाफ कानूनी कदम उठा रहे हैं राजबीर सिंह भुल्लर, जिलाध्यक्ष (तरनतारन), ने कौर को नोटिस भेजा है। उन पर आरोप है कि कौर ने दावा किया कि कांग्रेस प्रत्याशी करनबीर सिंह बुर्ज ने टिकट के लिए 10 करोड़ का भुगतान किया।
पूर्व मंत्री अनिल जोशी ने भी उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस दायर करने की तैयारी की घोषणा की है। कौर ने कथित तौर पर कहा था कि जोशी ने पार्टी में शामिल होने के लिए पैसे दिए। जोशी ने कहा, “उन्हें अपने बयान पर माफी मांगनी चाहिए, वरना मैं कानूनी कार्रवाई करूंगा।”
कौर का पलटवार: 'हमारे पास पैसे नहीं, लेकिन पंजाब बदलने की क्षमता है'
सोमवार को पटियाला में कौर ने कहा था कि न तो उनके पास और न ही उनके पति नवजोत सिंह सिद्धू के पास कोई राजनीतिक पद खरीदने के लिए पैसा है, लेकिन वे “पंजाब को स्वर्ण नगरी बना सकते हैं”। हाल ही में उन्होंने यह भी कहा था कि यदि कांग्रेस उन्हें पंजाब में मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करती है तो उनके पति सक्रिय राजनीति में वापसी करेंगे।
पंजाब कांग्रेस में आपसी टकराव अब कानूनी मोर्चे तक पहुंच चुका है। नवजोत कौर सिद्धू जहां अपने बयानों पर कायम हैं, वहीं पार्टी के कई नेता उनके खिलाफ और कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। आने वाले दिनों में यह विवाद और गहराने की संभावना है, खासकर यदि दोनों पक्ष अदालत का दरवाजा खटखटाते हैं।











