मां लक्ष्मी का वाहन उल्लू देता है भविष्य के संकेत, समझें इशारे

मां लक्ष्मी का वाहन उल्लू माना गया है। यह प्रतीक है कि धन-सम्पदा और वैभव तभी स्थिर रहते हैं जब व्यक्ति में विवेक हो। विशेषकर सफेद उल्लू लक्ष्मी जी के शुद्ध और सात्त्विक स्वरूप का प्रतिनिधित्व करता है। यह सफाई, पवित्रता और शुभता का द्योतक है। पौराणिक दृष्टि से देखें तो लक्ष्मी जी उल्लू पर विराजमान होकर बताती हैं कि “संसार में धन का उपयोग अंधेरे (अज्ञान) में न हो, बल्कि ज्ञान के साथ हो।”
सफेद उल्लू यदि घर की छत, आंगन या आंगन के वृक्ष पर बैठता है तो इसे लक्ष्मी जी का आगमन माना जाता है लेकिन यदि यह बार-बार बैठे और घर की दिशा दक्षिण या पश्चिम हो तो इसे खर्च बढ़ने या परिवार के निर्णयों में भ्रम की स्थिति से भी जोड़ा जाता है।
मंदिर की छत या शिखर पर सफेद उल्लू बैठना अत्यंत शुभ है। यह मान्यता है कि वहां दिव्य ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है और उस स्थान पर लक्ष्मी कृपा स्थायी होती है। तांत्रिक दृष्टिकोण से इसे स्थिर लक्ष्मी का संकेत भी कहा गया है।
धार्मिक विद्वान इसे मां लक्ष्मी की उपस्थिति और आशीर्वाद का प्रतीक मानते हैं। तांत्रिक परंपरा के अनुसार सफेद उल्लू को गुप्त साधनाओं और लक्ष्मी साधना में विशेष महत्व दिया गया है। माना जाता है कि यह साधना को सिद्ध करने वाला पक्षी है।
सफेद उल्लू का घर या मंदिर पर बैठना अधिकतर सकारात्मक है, खासकर यदि यह क्षणिक रूप से आए तो। यदि यह बार-बार किसी एक ही घर पर ठहरता रहे तो उसे सावधानी का संकेत मानकर घर की ऊर्जा (साफ-सफाई, दीपक, पूजा) को शुद्ध रखना चाहिए।
लक्ष्मी जी का वाहन उल्लू जो रात्रि में जागता और दिन में सोता है बहुत ही रहस्यमय है जिसे आज तक कोई भी व्यक्ति समझ नहीं पाया है। भारत में प्रत्येक परिवार में उल्लू शुभ व अशुभ दायरे में विद्यमान है। कहते हैं कि उल्लू को संकट से पूर्व में ही अनुभव हो जाता है। इसलिए इसे अपशकुन का प्रतीक माना जाता है लेकिन कुछ विद्वानों ने उल्लू के निम्र संकेतों को शुभ व लाभदायक माना है। कहते हैं कि रोगी व्यक्ति को प्राकृतिक रूप से उल्लू छू ले तो वह शीघ्र ही स्वस्थ हो जाता है। सुबह-सवेरे उल्लू की वाणी सुनना लाभदायक व मंगलकारी है।
यदि उल्लू गर्भवती औरत को छूता है तो पुत्री होने का संकेत है। पूर्व दिशा में और वृक्ष पर बैठे उल्लू को देखने और उसकी आवाज सुनने वाले व्यक्ति को धन लाभ होता है। दक्षिण दिशा में उल्लू की आवाज सुनने पर उस व्यक्ति के शत्रुओं का नाश होता है। उल्लू का प्राकृतिक स्पर्श पाने वाले व्यक्ति का जीवन सुख ऐश्वर्य से व्यतीत होता है।
यदि यात्रा करते समय उल्लू पीछे उड़ रहा हो या आवाज कर रहा हो तो यात्रा शुभ होती है। यदि उल्लू उत्तर दिशा की ओर आवाज करे तो सुनने वाले को भयंकर बीमारी होने की संभावना होती है। रात को यदि उल्लू पास बैठकर आवाज करे तो यह मंगल कार्य का सूचक होता है। उल्लू यदि किसी विशेष स्थान पर आकर रोज-रोज रोए तो यह भयंकर दुखदायी घटना का सूचक है। इसके अलावा यदि उल्लू घर के आंगन में मरा मिले तो पारिवारिक कलह का सूचक है। पश्चिम दिशा की ओर बैठे उल्लू की आवाज सुनने वाले व्यक्ति को भयंकर धन हानि होती है। इस प्रकार उल्लू हमेशा हमें शुभ और अशुभ संकेत देता है।