मध्य प्रदेश

शूटिंग एकेडमी में हुए दुष्कर्म के मामले में मुख्य आरोपी मोहसिन ने कई लड़कियों को शिकार बनाने की बात कबूली

इंदौर

इंदौर की शूटिंग एकेडमी में हुए दुष्कर्म और छेड़छाड़ के मामले में एक और वीडियो सामने आया है। शूटिंग एकेडमी का ट्रेनर मोहसिन खान इस वीडियो में बता रहा है कि उसके कई लड़कियों से संबध थे। उसने इंदौर के साथ अन्य जिलों की लड़कियों के साथ भी गलत काम किए हैं। वहीं दूसरी ओर एसआईटी की टीम ने मोहसिन के बैंक खातों की जानकारी निकाल ली है और केस का ट्रायल फास्ट ट्रैक कोर्ट में करवाने की तैयारी शुरू की जा रही है। पुलिस ने केस को संवेदनशील क्राइम के प्रकरणों में शामिल किया है। इसमें पांच एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं। मोहसिन के साथ गैंगरेप के आरोपी इमरान और फैजान फरार हो चुके हैं।

जावद की लड़की को तलाश रहे हिंदूवादी संगठन, एक और केस दर्ज करवाने की तैयारी

पुलिस के मुताबिक मोहसिन ने पूछताछ में मंदसौर के पास जावद की एक अन्य लड़की का नाम कबूला है। मोहसिन ने बताया कि जावद में वह एक लड़की से मिलने जाता था। यह पता चलने के बाद अब हिंदू संगठन उस लड़की की जानकारी निकाल रहे है। संगठनों का प्रयास है कि वह भी मोहसिन के खिलाफ केस दर्ज करवाए और उसे भी न्याय मिले।

, पुलिस ने मोहसिन को 7 दिन की रिमांड पर लिया है। मामले की जांच एक 6 सदस्यीय एसआईटी कर रही है। वहीं, सोमवार को एक और पीड़िता की शिकायत पर अन्नपूर्णा थाना पुलिस ने उस पर गैंगरेप का केस दर्ज किया है। मंगलवार को पुलिस ने पीड़िता के कोर्ट में बयान कराए हैं।

यह मोहसिन पर पांचवीं FIR है, जिसमें उसके साथ ही उसके दोस्त फैजान और इमरान को भी आरोपी बनाया है। फैजान और इमरान आपस में भाई हैं। पुलिस को आज सुबह खजराना इलाके में इमरान की मोबाइल लोकेशन मिली, जिसके आधार पर दबिश देकर उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

मप्र के कई जिलों की लड़कियों को शिकार बनाया
नए वीडियो में मोहसिन कबूल करता दिखाई दे रहा है कि उसके कई लड़कियों से रिलेशन थे। इंदौर ही नहीं दूसरे जिलों की लड़कियों से भी टच में था। अब तक उसने 25 से 30 लड़कियों के साथ गलत काम किया है। इधर, पुलिस ने मोहसिन को 7 दिन की रिमांड पर लिया है। मामले की जांच एक 6 सदस्यीय एसआईटी कर रही है।

जावद की लड़की को तलाश रहे हिंदूवादी संगठन, एक और केस दर्ज करवाने की तैयारी

पुलिस के मुताबिक मोहसिन ने पूछताछ में मंदसौर के पास जावद की एक अन्य लड़की का नाम कबूला है। मोहसिन ने बताया कि जावद में वह एक लड़की से मिलने जाता था। यह पता चलने के बाद अब हिंदू संगठन उस लड़की की जानकारी निकाल रहे है। संगठनों का प्रयास है कि वह भी मोहसिन के खिलाफ केस दर्ज करवाए और उसे भी न्याय मिले।

फैजान और इमरान फरार
सोमवार को एक और पीड़िता ने गैंगरेप का केस दर्ज करवाया है। पीड़िता की शिकायत पर अन्नपूर्णा थाना पुलिस ने यह केस दर्ज किया है। यह मोहसिन पर पांचवीं एफआईआर है, जिसमें उसके साथ ही उसके दोस्त फैजान और इमरान को भी आरोपी बनाया है। फैजान और इमरान आपस में भाई हैं। मंगलवार को पुलिस ने पीड़िता के कोर्ट में बयान कराए हैं। पूछताछ में मोहसिन ने सामूहिक दुष्कर्म की बात कबूली है। इसमें उसके साथ उसके भाई इमरान व दोस्त फैजान का भी नाम लिया है। गैंग रेप में मोहसिन के साथ आरोपी बने फैजान खान व भाई इमरान की तलाश में अन्नपूर्णा पुलिस की एक टीम ने महू, खजराना व अन्य इलाकों में दबिश दी, लेकिन दोनों नहीं मिले। बताते हैं दोनों शहर छोड़ भाग निकले हैं।

अकाउंट में नहीं मिला ट्रांजेक्शन
वहीं दूसरी ओर एसआईटी की टीम ने मोहसिन के बैंक खातों की जानकारी निकाल ली है। फिलहाल उसके अकांउट में फंडिंग जैसा ट्रांजेक्शन सामने नहीं आया है। उसके अकांउट में जो लेन-देन हुआ है वह क्लास में आने वाली लड़कियों की फीस के बाद स्टाफ की सैलरी है। हालांकि, अभी मोहसिन से और पूछताछ की जा रही है कि वह दूसरे अकांउट तो हैंडल नहीं कर रहा था।

शूटिंग एकेडमी के लाइसेंस जांच रही निगम टीम
एसीपी शिवेंदु जोशी व टीआई अजय नायर की एक टीम मोहसिन की शूटिंग एकेडमी से लेकर उसके यहां शूटिंग सीखने आने वाले स्टूडेंट्स, शूटिंग एकेडमी के लिए जरूरी लाइसेंस और नगर नगम व लेबर विभाग के दस्तावेजों की पड़ताल में जुटी है। एफआईआर में दर्ज जानकारी के आधार पर इसके खिलाफ साक्ष्यों को जुटाया जा रहा है, ताकि फास्ट ट्रैक में भी इसे ले जा सकें।

मोबाइल, लैपटॉप और डीवीआर सिस्टम से साक्ष्य जुटाने में लगी पुलिस
शूटिंग की आड़ में युवतियों से दुष्कर्म करने वाले आरोपी मोहसिन खान के प्रकरणों को पुलिस अधिकारियों ने संवेदनशील क्राइम के प्रकरणों में शामिल किया है। आरोपी पर दर्ज पांच एफआईआर में एक स्पेशल टीम गठित कर उसे फास्ट ट्रैक में ले जाने वाले प्रकरणों की तर्ज पर ही जांच की जा रही है। इधर, आरोपी का 7 दिन का रिमांड मिला है। एडिशनल डीसीपी जोन 4 आनंद यादव ने बताया, महिला संबंधी अपराध होने के कारण इस पूरे प्रकरण को संवेदनशील अपराध के प्रकरणों की श्रेणी में लिया है। जांच टीमें मोबाइल, लैपटॉप और डीवीआर सिस्टम से टेक्निकल साक्ष्य जुटाने में लगी हैं। 

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