बिहार-झारखण्‍डराज्य

लखनऊ ने किया शुभांशु शुक्ला ‘शुक्स’ का ऐतिहासिक स्वागत

आई.एस.एस. पर कदम रखने वाले पहले भारतीय का हजारों लोगों ने किया अभिनंदन

सी.एम.एस. छात्र की गौरवशाली उपलब्धि का मना अभूतपूर्व जश्न

लखनऊ,

 लखनऊ के इतिहास में आज का दिन सदैव अविस्मरणीय रहेगा। ऐसा लगा, जैसे शहर थम-सा  गया हो, जब हजारों लोग अपने अन्तरिक्ष नायक.ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के स्वागत में उमड़ पड़े, जिन्होंने अन्तर्राष्ट्रीय अन्तरिक्ष स्टेशन (आई.एस.एस.) पर कदम रखने वाले पहले भारतीय होने की ऐतिहासिक उपलब्धि अपने नाम की है।

राजकीय समारोह जैसी झलकियों के बीच, हजारों की संख्या में सी.एम.एस. छात्र, लखनऊ के प्रबुद्ध नागरिक व अन्य विशिष्ट हस्तियाँ लखनऊ एयरपोर्ट से सिटी मोन्टेसरी स्कूल, गोमती नगर एक्सटेंशन कैम्पस तक अन्तरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की स्वागत यात्रा में शामिल हुए, जो हाल ही में आई.एस.एस. पर अपने ऐतिहासिक 18-दिवसीय मिशन से लौटे हैं। लहराते झंडों का सागर, पुष्पवर्षा और गगनभेदी नारों से 39 वर्षीय अन्तरिक्ष यात्री का अभूतपूर्व स्वागत देखने लायक था। शुभांशु का यह अन्तरिक्ष मिशन एक ऐसी अभूतपूर्व उपलब्धि है, जिसने जिसने भारत के अन्तरिक्ष कार्यक्रम को एक नया आयाम प्रदान किया है।

अभूतपूर्व परेड का दृश्य:

समारोह की शुरुआत एयरपोर्ट से हुई, जहाँ सी.एम.एस. प्रबन्ध प्रबंधक प्रो. गीता गांधी किंगडन के नेतृत्व में छात्रों ने बैंड प्रस्तुति दी और अपने गौरवशाली पूर्व छात्र का माल्यार्पण किया। इसके बाद खुले वाहन पर निकलने वाली शोभायात्रा शहर की सड़कों से गुज़री, उनके पीछे हजारों की उल्लसित भीड़ ‘जय हिन्द’ और ‘जय जगत’ के नारे लगाती चल रही थी। जी-20 चौराहे पर तो स्वागत समारोह का दृश्य बेहद रोमांचक हो गया, जब हजारों लोगों की तालियों के बीच शुभांशु विनम्रता से हाथ हिलाकर अभिवादन कर रहे थे।

अपने गृहनगर की भावनात्मक वापसी:

भव्य शोभायात्रा का समापन सी.एम.एस. गोमती नगर एक्सटेंशन ऑडिटोरियम में हुआ, जहाँ खचाखच भरी सभा शुभांशु का इंतजार कर रही थी। जहाँ एक ओर, शुभांशु के रूप में मंच पर राष्ट्र का गौरव झलक रहा था तो वहीं दूसरी ओर विशिष्ट अतिथियों के साथ ही सी.एम.एस. छात्र और शुभांशु का परिवार.उनके माता-पिता, बहनें, पत्नी, पुत्र और अन्य परिजन इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बनने को तत्पर दिखे।

इस अवसर पर शुभांशु की माताजी को फलों और फूलों से तौलकर सार्वजनिक रूप से सम्मानित किया गया तो वहीं दूसरी ओर उनके पिताजी श्री शम्भू दयाल शुक्ल को शॉल भेंटकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत सी.एम.एस. प्रार्थना से हुई, तत्पश्चात ‘वन्दे मातरम्’ की सुमधुर व उत्साहपूर्ण प्रस्तुति से पूरा सभागार रोमांचित हो उठा।

‘जय जगत’ की भावना को किया साकार:

अन्तरिक्ष यात्री शुभांशु का स्वागत करते हुए सी.एम.एस. प्रबन्धक प्रो. गीता गाँधी किंगडन ने कहा, ‘शुभांशु की उपलब्धि केवल सी.एम.एस. की नहीं बल्कि हर भारतीय की है। उन्होंने सचमुच विद्यालय के आदर्श.वाक्य ‘जय जगत’ की भावना.को साकार किया है। हमें उन पर असीम गर्व है और हम उनके गगनयान मिशन समेत समस्त अन्तरिक्ष कार्यक्रमों की अभूतपूर्व सफलता की कामना करते हैं।

सी.एम.एस. संस्थापिका-निदेशिका डा. भारती गांधी ने उन्हें आशीर्वाद देते हुए कहा कि शुभांशु ‘राष्ट्र का गौरव’ हैं और उनकी उपलब्धि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

स्वागत समारोह में बोलते हुए शुभांशु शुक्ला ने कहा कि जिस उत्साह से सी.एम.एस. छात्रों ने मेरा स्वागत व सम्मान किया है, उससे मैं अभिभूत हूँ। अपने घर व विद्यालय में आकर मैं बहुत खुश हूँ। इस अवसर पर शुभांशु शुक्ला ने सी.एम.एस. छात्रों से खास बातचीत में छात्रों के प्रश्नों के जवाब देकर उनकी जिज्ञासाओं को शान्त किया। समारोह की समाप्ति पर आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेन्स में शुभांशु शुक्ला ने सी.एम.एस. की प्रशंसा करे हुए अपनी ऐतिहासिक अन्तरिक्ष यात्रा के अनुभवों को साझा किया।

अन्तरिक्ष अन्वेषण का नया अध्याय:

एक्सिओम मिशन के तहत आई.एस.एस. से लौटे ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अपने अन्तरिक्ष मिशन के दौरान इसरो के आगामी गगनयान मिशन हेतु महत्वपूर्ण वैज्ञानिक प्रयोग सम्पन्न किए। वे आधिकारिक रूप से वर्ष 2027 के गगनयान दल का हिस्सा घोषित हो चुके हैं। यह एक ऐसा अन्तरिक्ष मिशन साबित होगा, जो भारत को उन चुनिंदा देशों की श्रेणी में शामिल करेगा जिनके पास मानव अन्तरिक्ष उड़ान क्षमता है।

कुल मिलाकर, आज का यह स्वागत समारोह मात्र एक अन्तरिक्ष यात्री का ही सम्मान नहीं था अपितु यह वह अविस्मरणीय दिन था जब लखनऊ स्वयं अपनी उपलब्धि पर गौरवान्वित हो रहा था।

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