
चंडीगढ़
पंजाब में रोजगार के क्षेत्र में पिछले कुछ वर्षों में महत्वपूर्ण परिवर्तन देखने को मिले हैं। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में अपनाई गई पारदर्शी और मेरिट-आधारित भर्ती प्रणाली ने युवाओं में एक नया भरोसा पैदा किया है। लंबे समय से भर्ती प्रक्रियाओं में सिफारिश और भ्रष्टाचार की शिकायतों के कारण युवाओं का विश्वास कमजोर पड़ गया था, जिसे नई प्रणाली ने मजबूती से बहाल किया है।
पिछले साढ़े तीन वर्षों में राज्य में 1.6 लाख से अधिक युवाओं को सरकारी, निजी और संविदा आधार पर रोजगार प्रदान किया गया है। इनमें से 58,962 नियुक्तियाँ पूरी तरह मेरिट के आधार पर की गईं। मुख्यमंत्री मान ने स्पष्ट कहा, “अब पंजाब में नौकरी योग्यता से मिलेगी, न कि रिश्वत या सिफारिश से।” यही संदेश युवाओं में नई ऊर्जा भर रहा है।
शिक्षा, पुलिस, स्वास्थ्य और ऊर्जा क्षेत्र में सबसे अधिक नियुक्तियाँ हुई हैं। शिक्षा विभाग में 2,000 से अधिक पद भरे गए, जिनमें 725 स्पेशल एजुकेटर और मास्टर कैडर के शिक्षक शामिल हैं। पुलिस विभाग में 1,746 जवान भर्ती किए गए—जिनमें 1,261 जिला पुलिस और 485 आर्म्ड पुलिस के कर्मी शामिल हैं। स्वास्थ्य विभाग ने 1,000 से अधिक डॉक्टर, नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ को नियुक्त किया है।
ऊर्जा क्षेत्र में पीएसपीसीएल और पीएसपीटीएल ने संयुक्त रूप से 8,984 भर्ती कीं, जिससे बिजली सेवा की गुणवत्ता और दक्षता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। सरकार का दावा है कि इस पारदर्शी प्रणाली ने युवाओं के विदेश पलायन की प्रवृत्ति को कम किया है और राज्य में स्थिर करियर की संभावनाएँ बढ़ाई हैं।
मुख्यमंत्री के शब्दों में, “यह केवल आंकड़े नहीं, बल्कि सोच में बदलाव है—जहाँ ईमानदारी को सम्मान और प्रतिभा को प्राथमिकता दी जाती है।” यह पहल आने वाली पीढ़ियों में भी विश्वास जगाती है कि पंजाब में मेहनत और क्षमता का उचित सम्मान होता है।











