
जयपुर
शहर के मुहाना थाना क्षेत्र स्थित दादूदयाल नगर में रहने वाले निजी इंश्योरेंस कंपनी में मैनेजर धर्मेंद्र चौधरी (45) और उनकी पत्नी सुमन चौधरी अपने फ्लैट में फंदे पर मृत मिले। इस घटना को शुरुआती तौर पर आत्महत्या बताया जा रहा है, लेकिन परिस्थितियों के चलते हत्या की आशंका को भी खारिज नहीं किया गया है। पुलिस फिलहाल हर एंगल से जांच कर रही है।
पुलिस के अनुसार धर्मेंद्र और सुमन के शव उनके फ्लैट में संदिग्ध हालत में मृत पाए गए। जब शुक्रवार को धर्मेंद्र ऑफिस नहीं पहुंचे तो उनके सहकर्मियों ने उन्हें कॉल करना शुरू किया लेकिन बार-बार कॉल करने पर भी कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद उन्होंने धर्मेंद्र के करीबी दोस्त को इसकी जानकारी दी। दोस्त की बेटी फ्लैट पर पहुंची और कई बार गेट खटखटाया लेकिन कोई जवाब न मिलने पर पड़ोसियों की मदद से दरवाजा तोड़ा गया, जहां दोनों के शव मिले। पुलिस का मानना है कि घटना रात में ही हो चुकी थी और करीब 12 घंटे बाद इसका पता चला।
फ्लैट से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है। थानाधिकारी गुर भूपेंद्र सिंह के अनुसार दंपती भरतपुर जिले के नदबई कस्बे के रहने वाले थे और जयपुर में किराए के फ्लैट में रह रहे थे। धर्मेंद्र एक निजी बैंक की इंश्योरेंस शाखा में मैनेजर के पद पर कार्यरत थे, जबकि उनकी पत्नी सुमन गृहिणी थीं। उनकी 11 और 8 साल की दो बेटियां हैं, जिन्हें वे दो दिन पहले ही स्कूल की छुट्टियों के चलते गांव हंतरा में अपने पिता के पास छोड़ आए थे।
पुलिस को मौके पर मौजूद शवों की स्थिति संदिग्ध लगी। धर्मेंद्र का शव फंदे से लटका था लेकिन उसके पैर बेड से टच हो रहे थे, जिससे आत्महत्या की थ्योरी कमजोर पड़ती नजर आ रही है। वहीं पत्नी सुमन का शव फर्श पर पड़ा था, जो संकेत देता है कि उसे पहले मारा गया हो सकता है या घटना की प्रकृति अलग हो सकती है। बहरहाल एफएसएल टीम को बुलाकर मौके से फॉरेंसिक साक्ष्य जुटाए गए हैं और मर्ग दर्ज कर मामले की गहनता से जांच की जा रही है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या धर्मेंद्र या सुमन किसी मानसिक तनाव, पारिवारिक विवाद या वित्तीय संकट से गुजर रहे थे। पुलिस अब धर्मेंद्र और सुमन के कॉल डिटेल्स, बैंक स्टेटमेंट और रिश्तेदारों से पूछताछ के जरिए कारणों की गहराई तक जाने की कोशिश कर रही है। साथ ही ऑफिस में साथियों से भी पूछताछ की जा रही है।