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मासूम युवांश दुनिया की सबसे खतरनाक बीमारी से जूझ रहा, मदद के लिए आगे आए सिंगर मासूम शर्मा

हरियाणा 
हरियाणा में हिसार के 8 महीने के मासूम युवांश दुनिया की सबसे खतरनाक बीमारी से जूझ रहा है। यह बीमारी स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी टाइप-1 यानि SMA है। जिसका इलाज करने के लिए ₹14.50 करोड़ का इंजेक्शन लगाया जाता है। यह इंजेक्शन स्विट्जरलैंड में जेनेवा से मिलता है। युवांश के पिता हरियाणा पुलिस के कॉन्स्टेबल हैं। उनके बेटे को बचाने के लिए कई लोग आगे आ रहे हैं। अब हरियाणवी सिंगर भी आगे आए हैं। सिंगर मासूम शर्मा व हैरी लाठर ने स्वयं भी मदद का आश्वासन दिया है। दोनों ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से सभी को मदद करने के लिए कहा है। 

युवांश के पिता राजेश ने बताया कि 22 मई को वह पीजीआई में डॉ. रेणु सुथार के पास गए। डॉ. रेणु ने बताया कि रीढ़ की हड्डी में न्यूरांस बनते हैं। इन न्यूरांस से ही सेल बनते हैं, जो शरीर की ग्रोथ करते हैं। SMA बीमारी होने पर न्यूरांस नहीं बनते हैं। न्यूरांस नहीं बनने पर शरीर ग्रोथ नहीं करता है। शरीर सूख जाता है। दो साल की उम्र तक इंजेक्शन लगवाना जरूरी : हिसार के आधार हॉस्पिटल की शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. विनीता जैन बताती हैं कि यह ₹14.50 करोड़ रुपए वाला इंजेक्शन 2 साल की उम्र तक लगवाना जरूरी है। हर रोज बीमारी बढ़ती है। इसलिए तत्काल इंजेक्शन लगवाना जरूरी है। इंजेक्शन आने के बाद दो से तीन महीने तक ट्रीटमेंट चलता रहेगा।

युवांश का जीवन बचाने के लिए इम्पैक्ट गुरु फंड राइजिंग ग्रुप की ओर से फंड इकट्ठा किया जा रहा है। इसमें पुलिस कर्मचारियों और आम जन सहयोग कर रहे हैं। तीन में 27 लाख रुपए इकट्ठा हो चुके हैं। आदमपुर के कांग्रेस विधायक चंद्रप्रकाश ने सीएम नायब सैनी को लेटर लिखकर युवांश के इलाज में मदद करने की मांग की है। वहीं, कैथल की एसपी आस्था मोदी ने लेटर जारी कर सभी पुलिस कर्मचारियों से सहानुभूतिपूर्वक एक दिन का वेतन युवांश की मदद के लिए देने का आग्रह किया है। राजेश ने मदद के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सीएम नायब सैनी, एक्टर सलमान खान, टाटा फाउंडेशन को भी ट्वीट किया है। एक्टर सोनू सूद, ट्रांसपोर्ट मंत्री अनिल विज, सांसद नवीन जिंदल, उद्योगपति गौतम अडाणी, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से भी मदद की गुहार लगाई है। इसके अलावा राजेश ने मांग की है कि यह जेनेटिक टेस्ट सरकार को अनिवार्य करना चाहिए, ताकि समय रहते पता चल जाए। बच्चा कंसीव होने के समय पता चल जाए तो इलाज आसान हो जाता है। सरकार को सरकारी स्तर पर भी इंजेक्शन फ्री लगवाने का प्रावधान करना चाहिए।

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