मध्य प्रदेश के महानगरों में इंदौर सबसे बड़ा टैक्स डिफाल्टर, ग्वालियर सबसे कम; भोपाल-जबलपुर बीच में

ग्वालियर
परिवहन विभाग हर वाहन से परिवहन कर वसूल करता है। यह टैक्स दो तरह से वसूला जाता है। व्यक्तिगत वाहनों से एक मुश्त और व्यावसायिक वाहनों से तीन, छह व वार्षिक आधार पर। जिन व्यावसायिक वाहनों का टैक्स उनके मालिक नहीं भरते हैं, वे डिफाल्टर हो जाते हैं।
परिवहन टैक्स डिफाल्टर प्रदेश के हर जिले में हैं, लेकिन प्रदेश के चार महानगरों में सबसे कम टैक्स डिफाल्टर ग्वालियर में हैं। सबसे अधिक डिफाल्टर प्रदेश के सबसे बड़े महानगर इंदौर में हैं। इसके बाद नंबर भोपाल और जबलपुर का है।
बता दें कि कार, बाइक जैसे व्यक्तिगत वाहनों से विभाग पंजीयन के समय ही एक मुश्त परिवहन कर वसूल कर लेता है, लेकिन वहीं व्यावसायिक उपयोग यानी माल ढोने से यात्रियों को लाने ले जाने वाले वाहनों से तीन महीने, छह महीने व वार्षिक तौर पर टैक्स लेता है।
इस तरह डिफाल्टरों से वसूला जाता है टैक्स
परिवहन विभाग टैक्स न देने वाले व्यावसायिक वाहनों के मालिकों को पहले अपने कार्यालय व चेकपोस्ट के माध्यम से नोटिस देता है। नोटिस के बाद भी यदि टैक्स जमा नहीं किया जाता है, तो विभाग वाहन जब्त करता है और जुर्माना भी लगाता है। साथ ही परिवहन विभाग के अफसर सड़कों पर चेकिंग कर वाहनों से टैक्स वसूलते हैं और चेक पोस्ट पर भी वाहनों की जांच करता है।
महानगरों में टैक्स डिफाल्टर की स्थिति
इंदौर – 41396
भोपाल – 19867
जबलपुर – 13124
ग्वालियर – 12099
अन्य प्रमुख शहरों में टैक्स डिफाल्टर
शहर टैक्स डिफाल्टर
उज्जैन – 9316
रीवा – 7893
मुरैना – 7349
सागर – 4297
छिंदवाड़ा – 4303
शिवपुरी – 3976
भिंड – 1599
दतिया – 904
श्योपुर – 580
टैक्स वसूली के नियमित प्रयास होते हैं
ग्वालियर में वाहनों से परिवहन टैक्स की वसूली के नियमित प्रयास होते हैं। इस वजह से ग्वालियर में चारों महानगरों की तुलना में डिफाल्टरों से टैक्स वसूलने में आगे हैं। डिफाल्टर वाहनों से टैक्स वसूली नोटिस, चेकिंग व उन्हें जब्त करने के माध्यम से की जाती है। – विक्रमजीत सिंह कंग, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, ग्वालियर।