बिहार-झारखण्‍डराज्य

मतदाता बनने के चक्कर में बदल गए साजन-सजनी, सामने आए चौंकाने वाले खुलासे

पूर्णिया
एसआईआर की समीक्षा में हर दिन चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। इसके अलावा, बीएलओ द्वारा आंख बंदकर दस्तावेज अपलोड करने का भी मामला सामने आ रहा है। मतदाता बनने की जुगाड़ में कहीं किसी का साजन बदल गया है तो कहीं किसी की सजनी बदल गई है। पूर्णिया के प्रमंडलीय आयुक्त राजेश कुमार ने गुरुवार को पूर्णिया के विधानसभा क्षेत्रों के एसआईआर की समीक्षा में इस तरह के कई खामियां पकड़ी है।

आयुक्त ने इस मामले में संबंधित मतदान केन्द्र के बीएलओ को तत्काल प्रभाव से हटाते हुए गलत कागजात प्रस्तुत करने वाले मतदाता सहित उसे अपलोड करने वाले बीएलओ के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई का निर्देश पूर्णिया के जिलाधिकारी अंशुल कुमार को दिया है। अमौर विधान सभा क्षेत्र के मतदान केन्द्र संख्या-85 के सभी अभिलेखों गणना प्रपत्र पंजी, गणना प्रपत्र आदि की जांच में कई कॉलम खाली पाए गए।

बीएलओ के स्तर से गणना प्रपत्र पंजी तथा गणना प्रपत्र एवं कागजात प्रमाण पत्र का सही-सही संधारण नहीं किया हुआ पाया गया। जांच के क्रम में इस मतदान केन्द्र के तीन गणना प्रपत्र संदेहास्पद पाए गए। एक गणना प्रपत्र में निर्वाचक का नाम-सुखफजा, इपिक नंबर- जेडओएल .2718922 जन्म तिथि-01.1.1949, पिता का नाम-ईसा फली, माता का नाम-जैनफ एवं पति का नाम-मो मुस्लिम गणना प्रपत्र प्रारूप में अंकित है।

गणना प्रपत्र पर बीएलओ द्वारा 2003 मतदाता सूची का पार्ट-51 क्रमांक 744 अंकित किया गया है। जबकि गणना प्रपत्र के साथ संलग्न 2003 मतदाता सूची में इस क्रमांक पर नाम सुरब्जा अंकित है। इस प्रकार गलत कागजात गणना प्रपत्र के साथ पाया गया। उक्त निर्वाचक 2003 के मतदाता सूची में नाम अंकित नहीं पाया गया।

दूसरे मामले में निर्वाचक का नाम-आसमीन इपिक-जेडओएल 1955384 जन्म तिथि-01.1.1980, पिता-मो अफाक, माता-नूर दाना, पति-आजाद गणना प्रपत्र प्रारूप में अंकित है। गणना प्रपत्र पर बीएलओ द्वारा 2003 मतदाता सूची का पार्ट-51 क्रमांक 137 अंकित किया गया है, जबकि उक्त गणना प्रपत्र के साथ संलग्न 2003 के मतदाता सूची में क्रमांक-137 पर नाम आसमीन, पति-सरीफ अंकित है। जांच में यह कागजात भी गलत पाया गया।

तीसरे मामले में निर्वाचक का नाम-रुकसाना बेगम, इपिक जीक्यूबी 5273362, पिता-हनीफ, माता-मुरनपा, पति-मोहम्मद फैयाज गणना प्रपत्र में अंकित है। गणना प्रपत्र पर बीएलओ द्वारा 2003 मतदाता सूची का पार्ट-51 क्रमांक-865 अंकित किया गया है, जबकि उक्त प्रपत्र के साथ संलग्न 2003 के मतदाता सूची के क्रमांक-865 पर निर्वाचक का नाम फकरीन, पति-फैयाज अंकित है। यह भी जांच में गलत पाया गया।

समीक्षा के बाद आयुक्त ने माना कि अमौर विधान सभा के मतदान केन्द्र संख्या 85 के बीएलओ ने गणना प्रपत्र को बिना जांच पड़ताल किये कागजात संलग्न कर दिया है जो उनके लापरवाही का परिचायक है।

इस संबंध में पृच्छा करने पर बीएलओ द्वारा कोई स्पष्ट उत्तर नहीं दिया गया। इस मामले में इआरओ को आदेश दिया गया कि तत्काल इस मामले की जांच कर प्रतिवेदन उपलब्ध करावें। इस मामले में बीएलओ सहित गलत कागज देने वाले दोषी लोगों के विरूद्ध नियमानुसार कार्रवाई सुनिश्चित करें।

बायसी विधानसभा में भी पकड़ी गई कई गड़बड़ी
आयुक्त ने 57-बायसी विधान सभा क्षेत्र के मतदान केन्द्र संख्या-115 एवं 205 के सभी अभिलेखों यथा-गणना प्रपत्र पंजी, गणना प्रपत्र आदि के जांच में भी अनियमितताएं पायी। यहां जांच के क्रम में पाया गया कि गणना प्रपत्र प्रारूप में निर्वाचक का नाम जीरानी बेगम, जन्म तिथि-01.1.1960, पिता-महमुद आलम, माता-तहमीना खातून, पति-मो० अकबर हुसैन अंकित है।

गणना प्रपत्र पर बीएलओ द्वारा 2003 मतदाता सूची का पार्ट-172 क्रमांक-352 अंकित किया गया है, जबकि उक्त प्रपत्र के साथ संलग्न 2003 के मतदाता सूची के क्रमांक-352 में निर्वाचक का नाम सैदा खातून, पति-अकबर अंकित है। इससे बीएलओ की कार्य के प्रति लापरवाही पाई गई।

इस संबंध में संबंधित इआरओ को इसकी जांच कर जांच प्रतिवेदन उपलब्ध कराने को कहा गया। इसके अलावा इस मतदान केन्द्र के बीएलओ को बदलते हुए उनके विरूद्ध नियमानुसार कार्रवाई का निर्देश दिया गया।

बनमनखी विधानसभा की जांच में मिली कई खामियां
59-बनमनखी विधान सभा क्षेत्र के मतदान केन्द्र संख्या-45 एवं 115 के सभी अभिलेखों यथा-गणना प्रपत्र पंजी, गणना प्रपत्र आदि के जांच की गई। जांच के क्रम में गणना प्रपत्र पंजी के कई कॉलम खाली पाया गया। कई गणना प्रपत्र प्रारूप में लगे फोटो अस्पष्ट एवं संलग्न कागजात सही नहीं पाए गए तथा कुछ गणना प्रपत्र में निर्वाचकों का हस्ताक्षर या अंगूठे का निशान नहीं पाया गया।

इस संबंध में संबंधित इआरओ को अभियान चलाकर उक्त त्रुटियों के सुधार के लिए निर्देश दिया गया। समीक्षा बाद आयुक्त ने जिला पदाधिकारी-सह-जिला निर्वाचन पदाधिकारी को वरीय पदाधिकारी के माध्यम से समय-समय पर इनके कार्यों की औचक जांच कराने तथा कार्य में लापरवाही पाये जाने की स्थिति में दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

 

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