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क्लर्क जेल जाए तो नौकरी खत्म, फिर पीएम की कुर्सी क्यों सुरक्षित? मोदी ने उठाया सवाल

नई दिल्ली 
पीएम नरेंद्र मोदी ने गंभीर आरोपों में गिरफ्तार होने पर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और मंत्रियों के पद स्वत: छिन जाने वाले विधेयक को शुक्रवार को तीखी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि ऐसा विधेयक लाने में आखिर क्या गलती है। पीएम मोदी ने कहा कि जब जेल जाने पर क्लर्क की नौकरी चली जाती है तो फिर प्रधानमंत्री की कुर्सी क्यों बचनी चाहिए। सरकार ने हाल ही में मॉनसून सेशन में 130वां संविधान संशोधन पेश किया था, जिसमें यह प्रावधान किया गया है कि यदि पीएम, सीएम या फिर किसी मंत्री को गंभीर आरोपों में 30 दिन या उससे ज्यादा तक हिरासत में रखा जाता है तो उसकी सदस्यता स्वत: समाप्त हो जाएगी। इसी को लेकर सदन में हंगामा हुआ था और पीएम मोदी ने इसका बचाव किया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इतने सालों से हम सत्ता में हैं, लेकिन भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं लगा है। कांग्रेस ने दशकों तक शासन किया तो करप्शन की एक सीरीज ही चली। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को यदि अंजाम तक पहुंचाना है तो भी कार्रवाई के दायरे से बाहर नहीं होना चाहिए। आज कानून है कि यदि किसी सरकारी कर्मचारी को 50 घंटे तक हिरासत में रख दिया तो वह सस्पेंड हो जाता है। लेकिन यदि कोई मुख्यमंत्री, मंत्री या प्रधानमंत्री है तो वह जेल में रहकर भी सत्ता का सुख पा सकता है। यह कैसे हो सकता है? हमने कुछ समय पहले ही देखा है कि कैसे जेल से ही फाइलों पर साइन किए जा रहे थे। जेल से ही सरकारी आदेश निकाले जा रहे थे। नेताओं का यदि यही रवैया रहेगा तो भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई कैसे लड़ी जाएगी।

कानून बन जाएगा तो पीएम का भी करप्शन में चला जाएगा पद
पीएम मोदी ने कहा कि संविधान हर जन प्रतिनिधि से ईमानदारी और पारदर्शिता की उम्मीद करता है। हम संविधान की मर्यादा को तार-तार होते नहीं देख सकते। इसलिए एनडीए सरकार करप्शन के खिलाफ एक ऐसा कानून लाई है, जिसके दायरे में देश का प्रधानमंत्री भी है। इस कानून में मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों को भी शामिल किया है। यह कानून जब बन जाएगा तो फिर पीएम हो या सीएम, उसे गिरफ्तारी के 30 दिन के भीतर जमानत लेनी होगी और यदि बेल नहीं मिली तो 31वें दिन उसे कुर्सी छोड़नी होगी।

आप ही बताइए जेल से सरकार चलनी चाहिए, जनता से ही पूछ लिया
पीएम मोदी ने जनता से सवाल पूछते हुए कहा कि आप ही बताइए कि जो जेल जाए, उसे कुर्सी छोड़नी चाहिए या नहीं। क्या ऐसी स्थिति में भी वह चेयर पर बैठा रह सकता है और फाइलों पर साइन कर सकता है। क्या जेल से ही सरकार चल सकती है। इसलिए हम सख्त कानून बनाने की ओर आगे बढ़ रहे हैं। लेकिन कांग्रेस, लेफ्ट और आरजेडी वाले इसका विरोध कर रहे हैं। ये लोग बहुत गुस्से में हैं। कौन नहीं जानता कि इन लोगों को किस बात का डर है, जिसने पाप किया होता है। वह उसे छिपाता है।

जमानत पर घूमने वाले कर रहे हैं विधेयक का विरोध
उन्होंने कहा कि जो जमानत पर बाहर घूम रहे हैं, वे इस कानून का विरोध कर रहे हैं। इन्हें लगता है कि ये जेल चले गए तो सारे सपने चकनाचूर हो जाएंगे। इसलिए सुबह शाम मोदी को पानी पीकर गाली दे रहे हैं। इतने बौखलाए हुए हैं कि जनहित के कामों का भी विरोध कर रहे हैं।

 

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