पंजाबराज्य

पंजाब में हाई अलर्ट: 65 एंट्री-एग्ज़िट पॉइंट सील, हर मोड़ पर कड़ा पहरा

जालंधर/चंडीगढ़  
पंजाब को सुरक्षित और शांतिपूर्ण राज्य बनाने के मकसद से मुख्यमंत्री भगवंत मान के निर्देशों पर पंजाब पुलिस ने मंगलवार को विशेष अभियान ‘ऑपरेशन सील-23’ चलाया। इस अभियान का उद्देश्य पंजाब में प्रवेश या बाहर जाने वाले सभी वाहनों की गहन जांच कर असामाजिक तत्वों, नशा तस्करों और अवैध शराब से जुड़े लोगों पर कड़ी निगरानी रखना है।
 
पंजाब के डी.जी.पी. पंजाब गौरव यादव के आदेशों पर सभी जिलों में यह एकसमान ऑपरेशन चलाया गया। सभी बॉर्डर जिलों के एस.एस.पी. को रणनीतिक स्थानों पर संयुक्त नाकाबंदी लगाने और अधिकतम पुलिस बल तैनात करने के निर्देश दिए गए, ताकि गजेटेड अधिकारियों और एस.एच.ओ. की देखरेख में मजबूत नाके स्थापित किए जा सकें।
 
जानकारी सांझा करते हुए विशेष डी.जी.पी. (कानून-व्यवस्था) अर्पित शुक्ला ने बताया कि 10 अंतरराज्यीय सीमा जिलों— पठानकोट, श्री मुक्तसर साहिब, फाजिल्का, रूपनगर, एस.ए.एस. नगर, पटियाला, संगरूर, मानसा, होशियारपुर और बठिंडा में 65 एंट्री/एग्जिट प्वाइंट्स पर 600 से अधिक पुलिस कर्मियों की तैनाती के साथ समन्वित और मजबूत नाकाबंदी लगाई गई।

उन्होंने कहा कि इस दौरान राज्य में प्रवेश/निर्गमन कर रहे 1182 वाहनों की जांच की गई, जिनमें से 234 का चालान किया गया और 2 वाहनों को जब्त किया गया। इसके अलावा पुलिस ने पांच एफआईआर दर्ज कर तीन व्यक्तियों को भी गिरफ्तार किया।
  
इसके साथ ही, पंजाब पुलिस ने अपने नशा विरोधी अभियान (कासो) को 283वें दिन भी जारी रखते हुए राज्यभर में 346 स्थानों पर छापेमारी की। इन कार्रवाइयों में 95 नशा तस्करों को गिरफ्तार किया गया और 68 एफ.आई.आर. दर्ज की गईं। इस प्रकार पिछले 283 दिनों में गिरफ्तार कुल नशा तस्करों की संख्या 39,864 हो गई है।

विशेष डी.जी.पी. ने बताया कि छापेमारी के दौरान 1.5 किलो हैरोइन, 429 ग्राम अफीम, 6 किलो गांजा, 21 किलो पोपी हस्क और 2.95 लाख रुपए ड्रग मनी बरामद की गई। 70 गजेटेड अधिकारियों की देखरेख में 1000 से अधिक पुलिस कर्मियों वाली 120 से अधिक टीमों ने पूरे राज्य में कार्रवाई करते हुए 340 संदिग्ध व्यक्तियों की जांच की।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा लागू की गई तीन-स्तरीय रणनीति एन्फोर्समैंट, डी-एडिक्शन और प्रिवैंशन (ई.डी.पी.) के तहत पंजाब पुलिस ‘डि-एडिक्शन’ अभियान को भी मजबूत कर रही है और आज 40 लोगों को नशामुक्ति एवं पुनर्वास उपचार के लिए प्रेरित किया गया।

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