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हरियाणा पुलिस की बड़ी उपलब्धि! कैशलेस इलाज योजना में देश में बना नंबर वन

चंडीगढ़ 
सड़क दुर्घटना पीड़ितों को नि:शुल्क और त्वरित चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने की दिशा में हरियाणा द्वारा उठाया गया कदम अब पूरे देश के लिए एक आदर्श मॉडल बन चुका है। 1 अक्टूबर 2024 को लागू की गई नि:शुल्क  कैशलेस इलाज योजना के सफल और प्रभावशाली क्रियान्वयन ने हरियाणा को राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान दिलाया है। यह उपलब्धि हरियाणा पुलिस की तत्परता, तकनीकी दक्षता और मानवीय संवेदनशीलता का परिणाम है जिसने इस योजना को धरातल पर उतारते हुए इसे एक सशक्त, संवेदनशील और प्रभावशाली राहत तंत्र के रूप में साकार कर दिखाया। हरियाणा पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने इस असाधारण उपलब्धि पर ट्रैफिक एवं हाइवे विंग की पूरी टीम को बधाई और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि यह योजना जनसेवा, सुशासन और उत्तरदायित्व का उत्कृष्ट उदाहरण है और आशा जताई कि इसी तरह की समर्पित कार्यशैली और नागरिक-केन्द्रित दृष्टिकोण भविष्य में भी जारी रहेगा।

3167 मामलों में जीवनरक्षक हस्तक्षेप – सबसे तेज़, सबसे प्रभावी
योजना लागू होने के बाद से अब तक 3167 सड़क दुर्घटनाओं के मामलों में हरियाणा पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पीड़ितों को नि:शुल्क कैशलेस इलाज उपलब्ध कराया। यह आंकड़ा देश के किसी भी राज्य से अधिक है। e-DAR और TMS जैसे उन्नत तकनीकी प्लेटफॉर्म के माध्यम से केस को न केवल रिकॉर्ड समय में अपलोड और अप्रूव किया गया तथा सरकारी फंड से इलाज को कवर किया गया। 

मजबूत निगरानी ढांचा – 6 घंटे में केस अप्रूवल की मिसाल
हर जिले में DSP/ACP स्तर के अधिकारियों को नोडल अधिकारी के रूप में तैनात किया गया है, जो 24×7 सक्रिय जिला सड़क सुरक्षा सेल की अगुवाई करते हैं। दुर्घटना की सूचना मिलते ही महज़ 6 घंटे के भीतर केस की डिजिटल प्रोसेसिंग और अप्रूवल सुनिश्चित की जाती है। एक राज्यव्यापी समर्पित व्हाट्सएप नेटवर्क के ज़रिए सभी मामलों की रीयल टाइम मॉनिटरिंग की जा रही है — यह एक अनूठा प्रशासनिक प्रयोग है जो अन्य राज्यों के लिए अनुकरणीय है।
 
हरियाणा देश का पहला राज्य बना जिसने CCTNS (Crime & Criminal Tracking Network System) को e-DAR से सफलतापूर्वक जोड़ा। इस समन्वय से दुर्घटनाओं से जुड़ा डेटा रीयल टाइम में स्वतः ट्रांसफर होकर रिपोर्टिंग और जांच की गति को कई गुना तेज़ कर रहा है। इससे न केवल फर्जी दावों पर लगाम लगी है, बल्कि प्रक्रिया की पारदर्शिता और विश्वसनीयता भी अभूतपूर्व रूप से बढ़ी है।

112 और 108 का आपातकालीन गठजोड़ – समय से पहले राहत
हरियाणा में 112 आपात सेवा और 108 एम्बुलेंस सेवा को आपस में जोड़कर एक रिस्पॉन्स इंटीग्रेशन मॉडल तैयार किया गया है। दुर्घटना की सूचना मिलते ही पुलिस, एम्बुलेंस और संबंधित थानों को एकसाथ सक्रिय किया जाता है, जिससे पीड़ितों को मिनटों में अस्पताल पहुँचाने की सुविधा सुनिश्चित होती है। इस मॉडल को केंद्रीय मंत्रालय MoRTH द्वारा पूरे देश के लिए अनुकरणीय करार दिया गया है।

प्रशासनिक दक्षता से आगे – पुलिस की संवेदनशीलता ने दिल जीता
इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन में हरियाणा पुलिस ने केवल एक प्रशासनिक एजेंसी की भूमिका नहीं निभाई, बल्कि एक संवेदनशील और मानवीय प्रहरी के रूप में अपनी भूमिका को और भी सशक्त किया है। सड़क दुर्घटना जैसी विषम परिस्थिति में जब हर सेकंड कीमती होता है, तब पुलिस का तत्काल रिस्पॉन्स, अस्पतालों के साथ तालमेल और पीड़ित परिवारों को हरसंभव सहायता प्रदान करना – यह सब दर्शाता है कि हरियाणा पुलिस सिर्फ कानून की नहीं, इंसानियत की भी रखवाली कर रही है।

जन-जागरूकता से जनभागीदारी तक – 1228 अस्पतालों की मजबूत श्रृंखला
योजना को व्यापक पहुंच देने के लिए MoRTH, W/DGP हरियाणा और परिवहन विभाग द्वारा राज्यस्तरीय कार्यशालाओं, सोशल मीडिया अभियानों और मीडिया कवरेज के माध्यम से निरंतर जागरूकता अभियान चलाया गया। आज राज्य के 1228 अस्पताल योजना में पंजीकृत हैं, जिससे सुनिश्चित हुआ है कि हर दुर्घटना पीड़ित को बिना देरी के उचित उपचार मिल सके।

हरियाणा बना राष्ट्रीय उदाहरण – अब अन्य राज्य भी ले रहे सीख
हरियाणा की 3167 मामलों में सफलता, तकनीकी दक्षता, प्रशासनिक सजगता, और जनमानस से जुड़ाव ने इसे राष्ट्रीय स्तर पर सर्वोच्च स्थान दिलाया है। अब देश के अन्य राज्य भी इस मॉडल को अपनाने की दिशा में तेजी से कार्य कर रहे हैं। यह सफलता न केवल हरियाणा पुलिस की क्षमता और करुणा की पहचान है, बल्कि यह एक प्रेरक प्रमाण भी है कि यदि इच्छाशक्ति हो तो बदलाव संभव है।

 

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