देश

गवर्नर बनाम मीलॉर्ड: आखिर किस कागज़ पर भड़की नाराज़गी? पढ़िए पूरी कहानी

नई दिल्ली 
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केरल के गवर्नर की इस बात के लिए आलोचना की कि वह सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस सुधांशु धुलिया की रिपोर्ट पर कार्रवाई करने में देरी कर रहे हैं। कोर्ट ने पूछा कि राज्य में APJ अब्दुल कलाम टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ऑफ डिजिटल साइंसेज इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी के वाइस चांसलर की नियुक्ति में देरी क्यों की जा रही है, जबकि जस्टिस धूलिया ने इस पर अपनी रिपोर्ट बहुत पहले जमा कर दी थी। जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि केरल के राज्यपाल से जस्टिस धूलिया कमेटी की सिफारिशों पर जल्द ही फैसला लेने की उम्मीद है।
 
दरअसल, शीर्ष अदालत ने अगस्त में, राज्य सरकार और चांसलर (गवर्नर) के बीच चल रहे गतिरोध को देखते हुए कुलपति नियुक्ति के लिए नामों को शॉर्टलिस्ट करने के लिए जस्टिस धूलिया की अगुवाई में एक सर्च कमेटी बनाई थी। जस्टिस धूलिया ने अपनी रिपोर्ट पहले ही जमा कर दी है लेकिन उस पर अभी तक कार्रवाई नहीं हो सकी है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने चांसलर यानी गवर्नर को यह भी निर्देश दिया था कि वे मुख्यमंत्री की सलाह के अनुसार ही कुलपतियों की नियुक्ति करें।

मामला क्या?
कोर्ट का यह आदेश गवर्नर द्वारा टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी के चांसलर के तौर पर दायर एक स्पेशल लीव पिटीशन पर आया था, जिसमें केरल हाई कोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी गई थी, जिसमें राज्य सरकार की सिफारिश के बिना यूनिवर्सिटी के टेम्पररी वाइस चांसलर की गवर्नर द्वारा नियुक्ति को रद्द कर दिया गया था। इसके बाद, केरल सरकार ने जस्टिस पारदीवाला की बेंच के सामने यह मामला उठाया। राज्य की ओर से सीनियर एडवोकेट जयदीप गुप्ता ने बेंच को बताया कि जस्टिस धूलिया आयोग ने रिपोर्ट सौंप दी है, बावजूद इसके कुलाधिपाति यानी चांसलर (गवर्नर) ने अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं लिया है।

क्या चांसलर ने जस्टिस धूलिया की रिपोर्ट देखी है?
इस पर जस्टिस पारदीवाला ने पूछा, "क्या चांसलर ने माननीय जस्टिस धूलिया की रिपोर्ट देखी है?" जब गवर्नर के वकील ने 'नहीं' में जवाब दिया, तो जस्टिस पारदीवाला नाराज हो गए। उन्होंने पूछा, "उन्होंने अभी तक इसे क्यों नहीं देखा?" लाइव लॉ के मुताबिक, इसके बाद जस्टिस पारदीवाला ने चांसलर के वकील से कहा कि वे निर्देश लेने के बाद बताएं कि फैसला कब तक लिया जा सकता है। जब वकील ने आगे दलीलें देनी चाहीं, तो जस्टिस पारदीवाला ने उन्हें रोक दिया और कहा, "यह सिर्फ एक साधारण कागज का टुकड़ा नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के एक पूर्व जज ने इसकी जांच की है। इसलिए आपको रिपोर्ट देखनी है और समय पर सही फैसला लेना है।" जस्टिस पारदीवाला ने कहा, "हमें उम्मीद है कि आप जल्द फैसला लेंगे। जब फैसला हमारे सामने रखा जाएगा, तो हम तय करेंगे कि फैसला सही है या गलत।" इसके बाद उन्होंने मामले को अगले शुक्रवार के लिए टाल दिया।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button