वन्यजीव संरक्षण में वैश्विक पहचान: अनंत अंबानी को मिला प्रतिष्ठित ग्लोबल अवॉर्ड

नई दिल्ली
वन्यजीव संरक्षण और पशु कल्याण के क्षेत्र में किए जा रहे उल्लेखनीय कार्यों के लिए अनंत अंबानी को अमेरिका में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार समारोह में ‘ग्लोबल ह्यूमैनिटेरियन अवॉर्ड फॉर एनिमल वेलफेयर’ से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें वनतारा के जरिए जानवरों के बचाव, इलाज, पुनर्वास और संरक्षण में उनके नेतृत्व के लिए दिया गया।
अनंत अंबानी इस सम्मान को पाने वाले सबसे युवा और पहले एशियाई व्यक्ति बन गए हैं। इससे पहले यह अवॉर्ड अमेरिकी राष्ट्रपतियों जॉन एफ. कैनेडी और बिल क्लिंटन सहित हॉलीवुड हस्तियों और कई वैश्विक नेताओं को दिया जा चुका है। इस अवॉर्ड समारोह में दुनियाभर के वन्यजीव संरक्षण विशेषज्ञ और पशु कल्याण से जुड़े नेता शामिल हुए। इस सम्मान से विज्ञान-आधारित संरक्षण पहलों और विश्वभर में संवेदनशील प्रजातियों की रक्षा के लिए किए जा रहे अनंत के सतत प्रयासों को मान्यता मिली है। ग्लोबल ह्यूमन सोसाइटी ने बताया कि यह अवॉर्ड उन व्यक्तियों को दिया जाता है जिनकी आजीवन प्रतिबद्धता पशुओं और प्रकृति पर वैश्विक स्तर पर सकारात्मक प्रभाव डालती है।
वनतारा को मिली वैश्विक मान्यता: अनंत अंबानी को यह सम्मान जामनगर (गुजरात) में स्थापित उनके महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट ‘वनतारा’ के लिए दिया गया। वनतारा दुनिया के सबसे बड़े और व्यापक वन्यजीव बचाव, उपचार, पुनर्वास तथा संरक्षण केंद्रों में से एक है।
दुनिया के लिए एक मिसाल है यह मॉडल : डॉ. रॉबिन
ग्लोबल ह्यूमन सोसाइटी की अध्यक्ष और सीईओ डॉ. रॉबिन गैंजर्ट ने अनंत अंबानी और वनतारा की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि वनतारा सिर्फ एक रेस्क्यू सेंटर नहीं, बल्कि जानवरों के इलाज, देखभाल और संरक्षण- तीनों को एक साथ जोड़ने वाला एक अनूठा मॉडल है। वनतारा ने यह दिखाया है कि बड़े पैमाने पर जानवरों की मदद कैसे की जा सकती है और यही मॉडल अब दुनिया के लिए एक मिसाल बन चुका है।
पशु हमें संतुलन और संवेदनशीलता सिखाते हैं : अनंत
अवॉर्ड लेने के बाद अनंत अंबानी ने कहा कि यह सम्मान मुझे ‘सर्वभूत हित’ यानी सभी जीवों की भलाई के रास्ते पर और मजबूती से आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। जानवर हमें जीवन में संतुलन और संवेदनशीलता सिखाते हैं। उन्होंने कहा कि वनतारा के जरिए हमारा मकसद हर जीव को सम्मान, देखभाल और एक बेहतर जिंदगी देना है। हमारे लिए संरक्षण भविष्य की बात नहीं, बल्कि आज की जिम्मेदारी है।











