
चंडीगढ़
पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान द्वारा जुलाई 2022 से लागू की गई 300 यूनिट मुफ्त घरेलू बिजली योजना ने राज्य की ऊर्जा व्यवस्था और लाखों परिवारों की आर्थिक स्थिति में बड़ा परिवर्तन लाया है। यह योजना आज राज्य में जन-कल्याण की सबसे महत्वपूर्ण पहलों में से एक मानी जा रही है, जिसने आम लोगों को बढ़ते बिजली बिलों से मुक्त कर नई राहत प्रदान की है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, राज्य के लगभग 90% घरेलू उपभोक्ताओं को अब मासिक बिजली बिल नहीं देना पड़ता। जहां पहले हर महीने महंगे बिल लोगों के बजट को प्रभावित करते थे, वहीं अब घर-परिवार अपनी बचत को शिक्षा, स्वास्थ्य और आवश्यक जरूरतों पर खर्च कर पा रहे हैं। लुधियाना की निवासी हरजीत कौर कहती हैं, “बिजली बिल खत्म होने से घर का खर्च काफी सधा हुआ है और बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान दे पा रहे हैं।”
किसानों को भी इस पहल से बड़ा लाभ मिला है। सिंचाई के लिए 24 घंटे स्थिर और मुफ्त बिजली उपलब्ध होने के कारण डीज़ल आधारित मोटरों का खर्च लगभग समाप्त हो गया है, जिससे कृषि लागत में कमी और उत्पादन में बढ़ोतरी देखी जा रही है।
राज्य सरकार ने बिजली ढांचे को मजबूत करने के लिए 5,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है। इसका उद्देश्य ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क को सुदृढ़ बनाकर कटौती की समस्या को कम करना है। मुख्यमंत्री मान का कहना है, “बिजली किसी भी नागरिक के लिए विलासिता नहीं, बल्कि उसका बुनियादी अधिकार है।”
यह योजना आज पंजाब के घर-घर में विश्वास, राहत और ऊर्जा सुरक्षा की नई रोशनी जगाने का काम कर रही है। यह सिर्फ एक सामाजिक योजना नहीं, बल्कि आर्थिक स्थिरता और आत्मनिर्भरता की दिशा में राज्य की बड़ी छलांग है।











