Parliament से पास होने के बाद Dream11 करेगी शटडाउन, ऑनलाइन गेमिंग उद्योग में हलचल

नई दिल्ली
ऑनलाइन गेमिंग बिल-2025 लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में पास हो चुका है। अब इसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर करने के साथ ही यह बिल एक कानून के रूप में देश में लागू हो जाएगा। Online Gaming Bill 2025 के संसद के दोनों सदनों में पास होने के बाद रियल मनी गेम्स से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में गिरावट देखने को मिल रही है। ड्रीम11 जैसी बड़ी कंपनियों तो अपना बोरिया बिस्तर समेटने की तैयारी कर ली है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ड्रीम11 अपने असली पैसे वाले गेमिंग बिजनेस को बंद कर रहा है, क्योंकि सरकार का नया गेमिंग विधेयक भुगतान वाले Online Games पर कानूनी आधार से रोक लगाता है। इससे ड्रीम-11 प्लेटफॉर्म पर रजिस्टर्ड 28 करोड़ से ज्यादा यूजर्स को बड़ा झटका लगा है।
बता दें कि फैंटेसी गेमिंग कंपनी ड्रीम 11 साल 2008 में शुरू की गई थी। इसके फाउंडर्स हर्ष जैन और भावित शेठ हैं। इस प्लेटऑर्म की लोकप्रियता बढ़ने और 28 करोड़ से ज्यादा यूजर बेस ने इसे भारत का टॉप फैंटेसी स्पोर्ट्स प्लेटफॉर्म बना दिया। अगर कमाई की बात करें, तो सिर्फ FY24 में ही इसने लगभग 9,600 करोड़ रुपये का रेवेव्यू दर्ज किया और रिपोर्ट्स की मानें तो 90% के आसपास राजस्व ड्रीम11 के रियल-मनी कॉन्टेस्ट से ही आता है। इसमें क्रिकेट से जुड़े गेम्स का बड़ा योगदान रहा।
तेजी से बढ़ती गई ड्रीम-11 की वैल्यूएशन
Dream11 का कारोबार इसकी शुरुआत के बाद से तेजी से बढ़ा और साल 2021 तक आते-आते इसकी वैल्यूएशन 8 अरब डॉलर तक पहुंच गई थी। इस प्लेटफॉर्म को टाइगर ग्लोबल, क्रिसकैपिटल, मल्टीपल्स और टीसीवी का समर्थन प्राप्त है। हालांकि, रियल गेम्स यूनिट को बंद करने के लेकर अभी तक कंपनी की ओर से आधिकारिक ऐलान नहीं किया गया है और कंपनी की ओर से कहा जा रहा है कि ड्रीम11 ऐप फिलहाल काम कर रहा है।
ड्रीम 11 की 67% कमाई रियल मनी सेगमेंट से
ड्रीम11 का रियल मनी गेमिंग सेगमेंट कंपनी की कुल कमाई का 67% हिस्सा है। यानी, कंपनी की ज्यादातर कमाई फैंटेसी क्रिकेट जैसे गेम्स से आती थी। यहां यूजर्स पैसे लगाकर अपनी टीमें बनाते थे और जीतने पर कैश प्राइज पाते थे। लेकिन नए बिल के तहत ये गेम्स अब गैरकानूनी हो गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी के सीईओ हर्ष जैन ने कर्मचारियों को बताया कि नए कानून के तहत रियल मनी गेमिंग को जारी रखने का कोई कानूनी रास्ता नहीं है। इस वजह से ड्रीम11 ने अपने इस कोर बिजनेस को बंद करने का फैसला किया। सूत्रों के मुताबिक, कंपनी अब अपने नॉन-रियल मनी गेमिंग वेंचर्स पर फोकस करेगी।इसमें स्पोर्ट्स ड्रिप और फैनकोड शामिल है। इसके अलावा, कंपनी अपनी दूसरी इनवेस्टमेंट्स जैसे विलो टीवी और क्रिकबज को बढ़ाने और विदेशी बाजारों में विस्तार पर ध्यान देगी।
ड्रीम11 भारतीय क्रिकेट टीम की प्रमुख स्पॉन्सर
ड्रीम11 भारतीय क्रिकेट टीम और IPL जैसे बड़े टूर्नामेंट्स का प्रमुख स्पॉन्सर रहा है। ऐसे में ये भी खबरें है कि टीम इंडिया एशिया कप में बिना स्पॉन्सर के खेलेगी।
ऑनलाइन गेमिंग बिल में 4 सख्त नियम
इस बिल में कहा गया है कि चाहे ये गेम्स स्किल बेस्ड हों या चांस बेस्ड दोनों पर रोक लगेगी।
रियल-मनी गेम्स पर रोक: कोई भी मनी बेस्ड गेम ऑफर करना, चलाना, प्रचार करना गैरकानूनी होगा। ऑनलाइन गेम खेलने वालों को कोई सजा नहीं होगी।
सजा और जुर्माना: अगर कोई रियल-मनी गेम ऑफर करता है या उसका प्रचार करता है, तो उसे 3 साल तक की जेल और 1 करोड़ रुपए तक का जुर्माना हो सकता है। विज्ञापन चलाने वालों को 2 साल की जेल और 50 लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकता है।
रेगुलेटरी अथॉरिटी: एक खास अथॉरिटी बनाई जाएगी, जो गेमिंग इंडस्ट्री को रेगुलेट करेगी, गेम्स को रजिस्टर करेगी और ये तय करेगी कि कौन सा गेम रियल-मनी गेम है।
ई-स्पोर्ट्स को बढ़ावा: पबजी और फ्री फायर जैसे ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेम्स को सपोर्ट किया जाएगा। ये गेम्स बिना पैसे वाले होते हैं इसलिए इन्हें बढ़ावा मिलेगा।