
चंडीगढ़
पंजाब सरकार ने डिजिटल गवर्नेंस में एक बड़ा कदम उठाते हुए राजस्व विभाग को पूरी तरह तकनीक-आधारित और भ्रष्टाचारमुक्त बनाने की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की है। ईजी रजिस्ट्री और ईजी जमाबंदी जैसी पहलें अब राज्य में संपत्ति पंजीकरण और भूमि रिकॉर्ड सेवाओं को नया स्वरूप दे रही हैं, जिससे लाखों नागरिकों का समय और पैसा बच रहा है।
ईजी रजिस्ट्री, जो मई 2025 में मोहाली से शुरू होकर पूरे राज्य में लागू हो चुकी है, आधुनिक डिजिटल सिस्टम पर आधारित है। इसके माध्यम से कोई भी नागरिक घर बैठे ऑनलाइन शुल्क भुगतान, दस्तावेज़ अपलोड और संपत्ति पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी कर सकता है—और 48 घंटे के भीतर अनुमोदित रजिस्ट्री प्राप्त कर सकता है। 1076 हेल्पलाइन के जरिए दस्तावेज़ कलेक्शन सेवा भी उपलब्ध है, जिससे बुजुर्गों और एनआरआई नागरिकों को बड़ी राहत मिली है।
ईजी जमाबंदी, जिसे जून 2025 में लॉन्च किया गया, विशेष रूप से किसानों के लिए क्रांतिकारी बदलाव लाया है। easyjamabandi.punjab.gov.in पोर्टल तथा व्हाट्सएप सेवा के माध्यम से गांवों का भूमि रिकॉर्ड अब सिर्फ कुछ मिनटों में डिजिटल हस्ताक्षरित और QR कोड युक्त फ्री कॉपी के रूप में उपलब्ध है। पहले महीनों लगने वाली इंतकाल प्रक्रिया अब 30 दिनों के भीतर पूरी हो जाती है।
राज्य के 99 प्रतिशत गांवों के रिकॉर्ड पूरी तरह डिजिटाइज हो चुके हैं, जिससे दलालों की भूमिका लगभग समाप्त हो गई है। सरकार के अनुसार इन सेवाओं के चलते हर वर्ष करीब 100 करोड़ रुपये जनता की बचत हो रही है।
मुख्यमंत्री भगवंत मान का कहना है कि “अब सिस्टम जनता के दरवाज़े तक पहुँच रहा है, न कि जनता सिस्टम के पीछे।” इन डिजिटल सुधारों ने पंजाब को देश का सबसे पारदर्शी और कुशल ई-गवर्नेंस मॉडल बनाने की दिशा में अग्रणी राज्य बना दिया है।











