विदेश

अमेरिकी टैरिफ का तोड़: रूस ने बढ़ाया भारत से हाथ, कहा- सामान और तेल दोनों का स्वागत

नई दिल्ली

अमेरिका की ओर से भारतीय उत्पादों पर लगाए गए 50 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ के बीच रूस का बड़ा बयान है। रूस का कहना है कि यदि किसी देश में भारतीय उत्पादों पर रोक लग रही है तो रूस के बाजार में उनका स्वागत है। भारत में रूसी मिशन के डिप्टी चीफ रोमन बाबूश्किन ने यह बात कही है। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने अर्थव्यवस्था को हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया है, लेकिन उसे यह ध्यान रखना चाहिए कि दोस्त कभी पाबंदियां नहीं लगाते। रूस कभी इस तरह की पाबंदियां नहीं लगाएगा। उन्होंने कहा कि भारत और रूस ने हमेशा कठिन समय में सहयोग कायम रखा है। हम भारत को कच्चे तेल की सप्लाई जारी रखेंगे और इसके लिए मेकेनिज्म तैयार किया है।

इसके अलावा रोमन बाबूश्किन ने कहा कि शंघाई सहयोग संगठन की मीटिंग से इतर पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात होगी। इस मीटिंग में कई अहम मसलों पर चर्चा हो सकती है। हालांकि उन्होंने व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे को लेकर कहा कि इसकी तारीखें तय नहीं हैं। उन्होंने कहा कि भारत और रूस के बीच कारोबार तेजी से बढ़ रहा है और 2030 तक यह 100 अरब डॉलर के पार हो जाएगा। इसके अलावा भारत को फर्टिलाइजर और तेल, गैस आदि की सप्लाई करने में रूस पहले नंबर पर कायम है। रूसी राजदूत ने कहा कि अमेरिका की रणनीति गलत है और उस पर ही भारी पड़ रही है। टैरिफ वार के चलते डॉलर पर भरोसा कमजोर हुआ है।

उन्होंने कहा कि भारत के साथ व्यापारिक असंतुलन को खत्म करने के लिए रूस कदम उठाएगा। उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि भारतीय निर्यात रूस में बढ़े। हम चाहते हैं कि मशीनरी, फार्मा, चाय और चावल जैसी चीजों का आयात भारत से बढ़ा लें। यही नहीं उनका कहना था कि अमेरिका ने टैरिफ अटैक का जो फैसला लिया है, वह गलत और एकतरफा है। यही नहीं उनसे मीडिया से सवाल किया कि क्या भारत की ओर से रूस से तेल खरीद रोकी जा सकती है। इस पर उन्होंने कहा कि मुझे ऐसा नहीं लगता है। उन्होंने कहा कि हम भारत के साथ चर्चा करेंगे और सारे मसलों को दूर करेंगे।

रूसी दूत बोले- भारत को देते हैं तेल में एक्स्ट्रा डिस्काउंट, सप्लाई चलती रहेगी
रूसी राजनयिक ने कहा कि भारत हमारे लिए बहुत मायने रखता है। राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन के मसले पर पीएम मोदी से दो बार फोन पर बात की है। उन्होंने कहा कि भारत की जरूरत का 40 फीसदी तेल रूस मुहैया करा रहा है और दुनिया भर के अन्य देशों के मुकाबले 5 फीसदी डिस्काउंट देता है। उन्होंने कहा कि भारत और रूस की दोस्ती स्वाभाविक है। हमने साथ मिलकर ब्रह्मोस मिसाइल तैयार की है। इसके अलावा अन्य हथियारों पर भी काम कर रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने चीनी विदेश मंत्री के भारत दौरे का भी स्वागत किया। उन्होंने कहा कि रूस, भारत और चीन का सहयोग महत्वपूर्ण है। हम चाहते हैं कि यह जल्दी और मजबूती से आगे बढ़े।

'ऑपरेशन सिंदूर में हो गई रूसी हथियारों की टेस्टिंग'
उन्होंने भारत की ओर से पाकिस्तान के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर का भी जिक्र किया और कहा कि यह रूसी हथियारों की टेस्टिंग का भी मौका था। उन्होंने कहा कि हमारे एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम की इस जंग में टेस्टिंग हो गई। भारत जब भी एयर डिफेंस सिस्टम तैयार करेगा तो रूस उसका हिस्सा रहेगा।

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