
नई दिल्ली
दिल्ली में कांवड़ यात्रा को लेकर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में कांवड़ यात्रा को देखते हुए 10 हजार से ज्यादा जवान तैनता किए गए हैं। इनमें 5000 से ज्यादा दिल्ली पुलिस के जवान और अर्धसैनिक बलों की लगभग 50 कंपनियां, जिनमें 5000 जवान शामिल हैं, तैनात किए गए हैं। इसके अलावा सीसीटीवी और ड्रोन के ज़रिए संवेदनशील इलाकों पर नजर रखी जा रही है। पुलिस के अनुसार, ट्रैफिक में बदलाव किया गया है। उन प्रमुख मार्गों पर अतिरिक्त जांच शुरू कर दी गई है, जहां से कांवड़ियों के गुजरने की उम्मीद है।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि हम अर्धसैनिक बलों और होमगार्ड के साथ समन्वय में हैं। मंदिर क्षेत्रों और निर्धारित कांवड़ शिविरों के लिए विशेष सुरक्षा उपायों की योजना बनाई गई है। अधिकारी के अनुसार, शहर भर में शिविर लगाने के लिए 774 स्थानों की पहचान की गई है और 374 कांवड़ शिविरों को पहले ही अनुमति मिल चुकी है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि 150 से ज्यादा अतिरिक्त शिविर अंतिम मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं।
एक अन्य पुलिस अधिकारी ने कहा कि मुख्य ध्यान कानून-व्यवस्था बनाए रखने, यातायात को सुचारू रूप से चलाने और तीर्थयात्रियों को तत्काल सहायता प्रदान करने पर रहेगा। पीसीआर वैन, त्वरित प्रतिक्रिया दल (क्यूआरटी) और एंबुलेंस को रणनीतिक रूप से तैनात किया गया है।
एनएच-1, एनएच-9 जैसे प्रमुख मार्गों और बाहरी, उत्तर-पूर्वी, पूर्वी और शाहदरा जिलों से गुजरने वाली प्रमुख मुख्य सड़कों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। पैदल और वाहनों में कांवड़ लेकर आने वाले तीर्थयात्रियों को निर्धारित स्थानों से प्रवेश की अनुमति दी जाएगी।
अधिकारी ने आगे कहा कि दिल्ली पुलिस ने कांवड़ियों के प्रवेश मार्गों की एक सूची जारी की है। इसमें गाजीपुर बॉर्डर, आनंद विहार, भोपुरा, अप्सरा, महाराजपुर, लोनी बॉर्डर और आईएसबीटी कश्मीरी गेट शामिल हैं। वजीराबाद से भोपुरा, जीटी रोड और लोनी रोड जैसी सड़कें भी प्रमुख कांवड़ मार्गों के रूप में काम करेंगी।
अधिकारियों ने लोगों से कांवड़ियों के आवागमन के लिए अधिसूचित मार्गों से अनावश्यक यात्रा करने से बचने की भी अपील की है। कांवडियों को आपातकालीन सेवाओं और आवश्यक वाहनों की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। उनके लिए विशेष हेल्पलाइन भी शुरू की गई हैं।
अधिकारी ने बताया कि दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने सभी 15 जिलों के डीसीपी को मौके पर मौजूद रहने और नागरिक प्रशासन के साथ समन्वय सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। खासकर आपात स्थिति से निपटने और भीड़ की आवाजाही को नियंत्रित करने के लिए।
इस दौरान किसी भी खतरे की आशंका से निपटने और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने के लिए अलग-अलग टीमों को तैनात किया गया है। सभी एसएचओ को स्थानीय शिविर आयोजकों के संपर्क में रहने के लिए कहा गया है। इस बीच, दिल्ली सरकार के आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने भी सभी तैयारियां कर ली हैं।
कांवड़ यात्रा में हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं, जो हरिद्वार से पैदल यात्रा करके अपने स्थानीय शिव मंदिरों तक जाते हैं और शिवलिंग पर गंगा का पवित्र जल चढ़ाते हैं। दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के कुछ हिस्सों में पहले से ही हो रही बारिश को देखते हुए अधिकारियों ने कहा कि दुर्घटनाओं को रोकने और तीर्थयात्रियों के लिए सुगम यात्रा सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरती जा रही है।