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डीपसीक ने पहला अहम अपग्रेड R1-0528 किया जारी

चीन और अमेरिका को दुनिया टैरिफ वॉर में उलझता हुआ देख चुकी है, लेकिन एक अंदरुनी जंग एआई यानी आर्टिफ‍िशियल इंटेलिजेंस की भी है। कुछ ही महीने बीते हैं जब चीन के नए-नए जेनरेटिव एआई टूल डीपसीक ने अमेरिका को चिंता में डाल दिया था। डीपसीक ने ओपनएआई और गूगल के टूल्‍स को तगड़ी चुनौती दी और एनवीडिया जैसी कंपनी के शेयर धड़ाम कर दिया। रिपोर्टों के अनुसार, डीपसीक ने अब ऐलान किया है कि उसके R1 रीजनिंग मॉडल का पहला अहम अपग्रेड जिसे R1-0528 कहा जाता है, उसने ओपनएआई और गूगल की कंपनियों के एआई जितना प्रदर्शन किया है। चीन से आई इस चुनौती ने अमेरिका को फ‍िर से सोचने पर मजबूर किया है। सवाल यह भी है क‍ि एआई के मोर्चे पर भारत कहां खड़ा है।

क्‍या है डीपसीक का आर1 अपग्रेड
डीपसीक ठीक उसी तरह से है जैसे ओपनएआई का चैटजीपीटी या गूगल का जेमिनी एआई मॉडल। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्‍ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, डीपसीक ने बताया है कि उसके R1-0528 अपग्रेड से एआई की राइटिंग क्षमता, कोडिंग क्षमता में सुधार हुआ है। डीपसीक का दावा है कि उसके R1-0528 ने अलीबाबा के Qwen3 को पछाड़ दिया है। याद रहे कि अप्रैल महीने में अलीबाबा ग्रुप होल्डिंग के Qwen3 ने डीपसीक को पीछे छोड़ दिया था।

डीपसीक को मिला टिकटॉक वाली कंपनी का साथ
चीन की बड़ी कंपनियां भी डीपसीक को सपोर्ट कर रही हैं। रिपोर्ट के अनुसार, टेनसेंट होल्डिंग, बाइडु और टिकटॉक वाली बाइटडांस ने डीपसीक के R1-0528 मॉडल को अपने क्लाउड कंप्यूटिंग प्लेटफॉर्म में इंटीग्रेड करने का ऐलान किया है। इसका मतलब है कि आने वाले दिनों में ही आम लोग टिकटॉक के जरिए डीपसीक की नई क्षमता को देख पाएंगे। वह एआई के साथ सीधे कनेक्‍ट कर पाएंगे जो चैटजीपीटी और गूगल जेमिनी के लिए बड़ी चुनौती हो सकता है।

अम‍ेरिका थोड़ा आगे, लेकिन चिंता बढ़ रही
रिपोर्ट के अनुसार, डीपसीक का नया मॉडल अमेरिका के ओपनएआई के o4-mini (High) और o3 से पीछे है। आसान भाषा में समझाएं तो मैथ्‍स, कोडिंग, डोमेन नॉलेज और लैंग्‍वेज समझने में ओपनएआई के कुछ मॉडल डीपसीक से थोड़ा एडवांस हैं, लेकिन चीन जिस तरह की तेजी जेनरेटिव एआई टूल्‍स के मामले में दिखा रहा है, उससे अमेरिका की चिंता बढ़ना लाजिमी है। रोबोटिक्‍स के क्षेत्र में चीन का दबदबा दुनिया देख ही चुकी है। अमेरिकी टैरिफ के बावजूद चीन का रोबो‍ट मार्केट लगातार आगे बढ़ रहा है। वहां रोबोट बनाने वाली कंपनियों को धड़ाधड़ ऑर्डर मिल रहे हैं। चीनी ऐसे-ऐसे रोबोट तैयार कर रहा है, जिन्‍हें घरेलू कामों से लेकर इंडस्‍ट्री कामकाज में इस्‍तेमाल किया जा सकता है।

एआई में भारत की पोजिशन क्‍या है
आर्टिफ‍िशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में भारत गंभीरता से अपने कदम बढ़ा रहा है। रिपोर्टों के अनुसार, एआई में निवेश के मामले में देश दुनिया के टॉप 10 देशों में शामिल है। इसके बावजूद हम अभी डीपसीक या चैटजीपीटी जैसा स्‍वदेशी प्‍लेटफॉर्म नहीं तैयार कर पाए हैं। हालांकि इस दिशा में काम किया जा रहा है, लेकिन मौजूदा वक्‍त में चीन और अमेरिका दोनों भारत से कहीं आगे हैं।

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