
चंडीगढ़
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राजधानी चंडीगढ़ स्थित पंजाब विश्वविद्यालय (Punjab University) के सीनेट चुनाव के कार्यक्रम को मंजूरी दिए जाने को राज्य के लिए ‘‘शानदार जीत'' करार दिया है। मान ने X पर एक पोस्ट में कहा कि यह संस्थान केवल एक विश्वविद्यालय नहीं है, बल्कि पंजाब की विरासत है। मुख्यमंत्री ने आंदोलन में भाग लेने वाले शिक्षकों, छात्रों और संकाय सदस्यों की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने ‘भारी दबाव' को झेला और महीने भर चले आंदोलन के दौरान अपना जज्बा नहीं टूटने दिया।
मान ने कहा, ‘‘छात्र, शिक्षक, संकाय सदस्य और सभी पंजाबी बधाई के पात्र हैं। उन्होंने संघर्ष जारी रखा और अंततः उनका संघर्ष रंग लाया।'' उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन ने पंजाब विश्वविद्यालय (Punjab University) के सीनेट चुनाव कार्यक्रम को बृहस्पतिवार को मंजूरी दे दी। उपराष्ट्रपति पंजाब विश्वविद्यालय (PU) के कुलाधिपति भी हैं। यह घटनाक्रम छात्रों द्वारा सीनेट चुनाव कार्यक्रम घोषित करने की मांग को लेकर किये जा रहे जोरदार प्रदर्शन के बीच हुआ है। यह चुनाव एक वर्ष से अधिक समय से नहीं हुआ है।
प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार, चुनाव सात सितंबर 2026 से चार अक्टूबर 2026 तक कराये जाएंगे। उपराष्ट्रपति सचिवालय से पंजाब विश्वविद्यालय (Punjab University) की कुलपति रेणु विग को भेजे गए पत्र में लिखा है, ‘‘मुझे यह सूचित करने का निर्देश दिया गया है कि माननीय उपराष्ट्रपति और पंजाब विश्वविद्यालय (Punjab University) के कुलाधिपति ने उपरोक्त पत्र में प्रस्तावित सीनेट चुनाव के कार्यक्रम को मंजूरी दे दी है।''
विश्वविद्यालय की कुलपति ने इससे पहले कुलाधिपति को पत्र लिखकर सीनेट चुनाव कार्यक्रम की मंजूरी मांगी थी। पंजाब विश्वविद्यालय (Punjab University) बचाओ मोर्चा के बैनर तले पीयू के छात्र चुनाव कार्यक्रम की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। पंजाब के कई राजनीतिक दलों आम आदमी पार्टी (आप), शिरोमणि अकाली दल (शिअद), कांग्रेस, साथ ही संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर संघर्ष मोर्चा जैसे किसान संगठनों ने छात्रों के आंदोलन को अपना समर्थन दिया था।











