उत्तर प्रदेशराज्य

12 को किसान पाठशाला का शुभारंभ करेंगे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

शुक्रवार को बाराबंकी में पद्मश्री रामशरण वर्मा के गांव से होगा शुभारंभ 

किसानों के लिए मॉडल बन चुके हैं पद्मश्री रामशरण वर्मा 

लखनऊ
योगी सरकार 12 से 29 दिसंबर तक उत्तर प्रदेश के सभी जनपदों में किसान पाठशाला का आयोजन करेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को रबी मौसम की किसान पाठशाला का शुभारंभ पद्मश्री किसान रामशरण वर्मा के गांव दौलतपुर के खेत से करेंगे। मुख्यमंत्री प्रगति किसान सम्मेलन के जरिए किसानों से संवाद करेंगे। साथ ही प्रगतिशील किसानों का सम्मान और विभिन्न योजनाओं के लाभार्थी किसानों को चेक व स्वीकृति पत्र वितरित करेंगे। कार्यक्रम में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख भी रहेंगे। सरकार “किसान की बात किसान के द्वार” की संकल्पना पर किसानों को प्रोत्साहित करेगी।

1.90 करोड़ किसानों को किया जा चुका प्रशिक्षित 
कृषि विभाग ने किसानों ने अनुरोध किया है कि अपने जनपद की किसान पाठशाला में प्रतिभाग कर योगी सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजना (60 प्रतिशत अनुदान पर सोलर पम्प, 40 से 50 प्रतिशत पर कृषि यंत्र आदि) के जरिए खेती की नई तकनीक, नवीन प्रजाति, पशुपालन, बागवानी, रेशम पालन एवं मधुमक्खी पालन की जानकारी प्राप्त कर कृषि उत्पादन एवं आय में बढ़ोतरी कर सकते हैं। किसान पाठशाला के माध्यम से प्रदेश के सभी जनपदों में अब तक लगभग 1.90 करोड़ किसानों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। 

किसानों के उत्पादन व लाभ में वृद्धि के लिए प्रयासरत है योगी सरकार    
गठन के साथ ही योगी सरकार किसानों के प्रति अपना संकल्प निभाती आ रही है। सरकार द्वारा प्रदेश के किसानों को 25423 करोड़ का ऋण मोचन, 90669 करोड़ का पी0एम0 किसान सम्मान निधि का लाभ प्रत्यक्ष तौर पर उपलब्ध कराया जा चुका है। इसके साथ ही मृदा सुधार, मृदा परीक्षण, कृषि यंत्र, उर्वरक, कृषि रक्षा रसायन सहित कृषि उत्पादन के प्रसंस्करण एवं विपणन आदि के लिए योगी सरकार प्रत्येक स्तर पर किसानों को सहयोग कर उनके कृषि उत्पादन एवं लाभ में वृद्धि एवं आत्मसम्मान दिलाने के लिए प्रयासरत है। 

किसानों के लिए मॉडल बन चुके हैं पद्मश्री रामशरण वर्मा 
कृषि क्षेत्र में धरातल पर दिख रहे परिवर्तन का सबसे बड़ा उदाहरण बाराबंकी के पद्मश्री रामशरण वर्मा जैसे प्रगतिशील किसान बने हैं। उन्होंने योगी सरकार की नीतियों को किसानों के उत्थान की असली धुरी बताया। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश की कृषि नीतियों ने किसानों की आय बढ़ाने के नए रास्तों का निर्माण किया है। किसानों की सुविधा, सम्मान और आर्थिक सशक्तिकरण को केंद्र में रखकर साढ़े आठ वर्षों में राज्य सरकार ने कई योजनाएं लागू कीं। इनके जरिए खेती अब लाभकारी तथा तकनीकी रूप से उन्नत होने की दिशा में बढ़ चुकी है। किसान सम्मान निधि से लेकर टिश्यू कल्चर आधारित उन्नत खेती के प्रोत्साहन, बीज छूट, कृषि यंत्रों पर रियायत और फसलों के मूल्य का डीबीटी के माध्यम से त्वरित भुगतान आदि कदमों ने प्रदेश में नई कृषि क्रांति की शुरुआत की है। 

नवाचार आधारित खेती से बढ़ी किसानों की आय
पद्मश्री रामशरण वर्मा द्वारा 32 वर्ष पहले 6 एकड़ से शुरू हुई खेती आज सहकारिता आधारित बटाई मॉडल पर 275 एकड़ तक पहुंच चुकी है। केला, टमाटर, आलू, मेंथा, तरबूज, खरबूजा और गेहूं जैसी विविध फसलों के चक्र पर आधारित खेती से उत्पादन और लाभ में बढ़ोतरी हुई है। वर्मा के मुताबिक योगी सरकार के प्रोत्साहन से टिश्यू कल्चर केले के उत्पादन ने किसानों को नई दिशा दी है। वे बताते हैं कि टमाटर में 60 हजार रुपये की लागत पर दो से ढाई लाख रुपये तक का लाभ संभव हो रहा है। टमाटर उत्पादन को मिले सरकारी प्रोत्साहन ने 50 प्रतिशत की वृद्धि सुनिश्चित की है। छोटे किसान जो पहले 20-25 हजार कमाते थे, वे अब डेढ़ से दो लाख रुपये वार्षिक आय कर रहे हैं। 

रामशरण वर्मा ने हजारों किसानों को उन्नत खेती से जोड़ा 
रामशरण वर्मा ने बताया कि 32 वर्षों से खेती करते हैं। साथ ही उन्होंने हजारों किसानों को उन्नत खेती से जोड़ा है। योगी सरकार किसानों की तरक्की के लिए दिनरात प्रयास कर रही है। उनकी नीतियां किसानों की उन्नति का मार्ग प्रशस्त कर रही हैं। विकसित होने की ओर बढ़ते उत्तर प्रदेश के विकास की यह गति किसानों के उत्थान से और तेज हुई है। श्री वर्मा के मुताबिक वे 30 हजार से अधिक लोगों को साल में रोजगार उपलब्ध करा रहे हैं। अपने गांव व आसपास के लोगों को रोजगार देने में सक्षम हैं तो इसका सबसे बड़ा श्रेय योगी सरकार को जाता है। बीज और बाजार उपलब्ध कराने का जो कार्य योगी सरकार ने किया है, वह प्रदेश की कृषि उन्नति और किसानों की खुशहाली का मार्ग प्रशस्त कर रहा है।

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