वर्ष 2061 तक तो भारत की आबादी बढ़कर 1.7 अरब हो जाएगी, चीन की 63 करोड़ ही रह जाएगी

नई दिल्ली
भारत दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाला देश है। चीन दूसरे नंबर पर है, लेकिन आने वाले दशकों में तस्वीर बदलने वाली है। प्यू रिसर्च के अनुसार आने वाले दशकों में भारत युवा आबादी वाला देश नहीं रह जाएगा और आबादी की ग्रोथ धीमी होती जाएगी। आबादी की ग्रोथ की दर में गिरावट अब भी है, लेकिन इसमें और कमी आएगी। यही नहीं वर्ष 2061 तक तो भारत की आबादी बढ़कर 1.7 अरब हो जाएगी, लेकिन उसके बाद यह धीरे-धीरे गिरने भी लगेगी और वर्ष 2100 में 1.5 अरब हो जाएगी। अनुमान के मुताबिक चीन की आबादी वर्ष 2100 में 63 करोड़ ही रह जाएगी। इसके अलावा अमेरिका की आबादी 42 करोड़ होगी।
यहां यह बात दिलचस्प है कि अमेरिका की आबादी तो धीरे-धीरे ही सही बढ़ेगी, लेकिन भारत की जनसंख्या में कमी आ जाएगी। सबसे दिलचस्प तथ्य है कि आबादी में कमी के बाद भी 2100 यानी आज से 75 साल बाद भारत की जनसंख्या चीन के दोगुने से भी ज्यादा होगी। एक तरफ वर्ष 2100 में भारत की आबादी 1.5 अरब होगी तो वहीं चीन की जनसंख्या 63 करोड़ ही रह जाएगी। इसकी वजह यह है कि चीन में लंबे समय तक चली एक बच्चा नीति को लोगों ने आत्मसात कर लिया है। भले ही चीन की सरकार ने अब यह नीति खत्म कर दी है और वह आबादी में ग्रोथ को प्रोत्साहित कर रही है, लेकिन चीनी अब ज्यादा बच्चे पैदा करने को लेकर उत्सुक नहीं हैं।
पाकिस्तान में कैसे जारी रहेगा आबादी का विस्फोट
अब एक और दिलचस्प तथ्य पर बात कर लेते हैं। प्यू रिसर्च के अनुसार वर्ष 2100 में दुनिया की आबादी की ग्रोथ में 60 पर्सेंट हिस्सेदारी 5 देशों की रहेगी- कॉन्गो, इथियोपिया, नाइजीरिया, पाकिस्तान और तंजानिया। इस अनुमान से साफ है कि भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में मानव आबादी का विस्फोट जारी रहेगा। पाकिस्तान में आबादी को नियंत्रित करने के उपायों की कमी पाई जाती है। इसका कारण अशिक्षा, गरीबी समेत कई चीजें हैं। बता दें कि दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाले 10 देशों में नाइजीरिया और इथियोपिया शामिल हैं। दोनों ही अफ्रीकी देश हैं। दिलचस्प तथ्य यह भी है कि आने वाले दशकों में अफ्रीकी देश ही दुनिया में सबसे युवा रहेंगे।
दुनिया की औसत आयु बढ़कर होगी 42 साल, ढाई अरब होंगे बुजुर्ग
इसके अलावा अमेरिका फिलहाल दुनिया का तीसरा सबसे अधिक आबादी वाला देश है, लेकिन वर्ष 2100 तक वह छठे नंबर पर होगा। एक तथ्य यह भी है कि वर्ष 2100 तक दुनिया की औसत आयु किसी अधेड़ शख्स के जितनी होगी। प्यू रिसर्च के अनुसार 2100 में दुनिया के लोगों की औसत आयु 42 साल होगी, जो फिलहाल 31 वर्ष है। यही नहीं स्वास्थ्य का भी एक संकट होगा क्योंकि 2.4 अरब लोग 65 साल या फिर उससे अधिक आयु के होंगे।