
जालंधर
एक ऐसी पार्टी जो विधायक, सांसद, मंत्री, केंद्रीय राज्यमंत्री से लेकर पार्टी के चुनावी उम्मीदवार का नाम तय करने में समय नहीं लगाती, उस पार्टी से अगर अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर ताजपोशी न हो पा रही हो, तो यह कईयों की हैरानी की कारण हो सकता है। भारतीय जनता पार्टी को लेकर कई लोग इसलिए भी हैरान हैं कि देश की सत्ता पर राज करने वाली यह पार्टी आखिर अभी तक अपना राष्ट्रीय अध्यक्ष क्यों नहीं चुन पाई। अभी कुछ समय पहले तक यह कहा जा रहा था कि 50 प्रतिशत राज्य इकाइयों में संगठन तैयार होने के बाद ही राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होगा, लेकिन अब तो वो प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है कि और ताज्जुब की बात है कि पार्टी को राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा का विकल्प नहीं मिल रहा है।
संघ और भाजपा के संयुक्त फैसले पर टिकी नजरें
दरअसल अगर बात भाजपा में नंबर 1 और नंबर 2 के फैसले की होती तो शायद अब तक राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर किसी न किसी नेता के नाम की मोहर लग चुकी होती। लेकिन जब बात संघ और भाजपा के संयुक्त फैसले की हो तो यह बात थोड़ी सी मुश्किल लग रही है। दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के साथ-साथ राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के महासचिव दत्तात्रेय होसबोले की तरफ से अध्यक्ष पद को लेकर संयुक्त तौर पर फैसला लिया जाना है और इसमें संभवतः संघ प्रमुख मोहन भागवत की रजामंदी भी शामिल होगी। और शायद यही कारण है कि यह फैसला लगातार लंबित होता जा रहा है।
भाजपा व संघ की नहीं बन रही किसी एक नेता पर सहमति
सूत्रों का कहना है कि किसी एक नाम के ऊपर इसलिए सहमति नहीं बन रही क्योंकि जिस चेहरे पर भाजपा के नेता मोहर लगाना चाहते हैं, उस चेहरे को संघ में समर्थन नहीं मिल पा रहा और जिस चेहरे को संघ आगे लाना चाहता है, वह शायद नंबर 1 की नंबर 2 की गुड बुक्स में नहीं है, जिस कारण रजामंदी नहीं हो पा रही। यह पहला मौका होगा कि जब राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम के फैसले को लेकर कहानी इतनी लंबी खिंच गई है। वरना बड़े बड़े फैसले लेने वाली भाजपा के लिए अपना मुखिया चुनना कितनी सी बड़ी बात थी। पिछले 13 महीने से इस मामले को लेकर सिर्फ चर्चाएं ही हो रही हैं, जबकि जमीनी तौर पर कुछ नहीं हो रहा।
कुछ महिला नेत्रियां भी दौड़ में शामिल
वैसे भाजपा में इन 13 महीनों में कई तरह की चर्चाएं सुनने को मिलीं। कभी भूपेंद्र यादव का नाम आया, तो कभी धरमेंद्र प्रधान और मनोहर लाल खट्टर का जिक्र अध्यक्ष पद के लिए होता रहा। अब पिछले कुछ दिनों से कुछ महिला नेत्रियों का नाम भी इस पद के लिए चल रहा है। महिला वोट बैंक के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर वनती श्रीनिवासन, केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण, और दग्गुबाती नामक महिला नेत्री का नाम चल रहा है, लेकिन पक्का अभी भी कुछ नहीं है। वैसे संघ प्रमुख मोहन भागवत के 75 से संबंधित बयान के बाद यह भी चर्चा है कि नया अध्यक्ष भी इस उम्रदराजी को ध्यान में रखकर बनाया जाएगा।