
चंडीगढ़
पंजाब सरकार और DGP पंजाब की तरफ से सड़क हादसों में लोगों को बचाने के लिए चलाए जा रहे कैंपेन के तहत SSP श्री मुक्तसर साहिब अभिमन्यु राणा IPS ने जिले में ट्रैफिक सेफ्टी को लेकर खास विशेष जागरूकता कोशिशें तेज कर दी हैं। इसके तहत पुलिस की स्पेशल टीमें गांवों, शहरों, स्कूलों, कॉलेजों में जाकर लोगों और स्टूडेंट्स को नियमों के बारे में जागरूक कर रही हैं। SSP अभिमन्यु राणा IPS ने जिले के लोगों से अपील की है कि सर्दियों के मौसम में सुबह और रात को पड़ने वाले घने कोहरे की वजह से गाड़ी चलाते समय खास सावधानी बरतें।
उन्होंने कहा कि कोहरे में हमेशा गाड़ी धीरे चलानी चाहिए। आगे वाली गाड़ी से सेफ दूरी बनाए रखें। किसी भी गाड़ी को ओवरटेक करते समय आगे और पीछे पूरी तरह चेक कर लें। गाड़ी की लाइट हमेशा लो बीम पर चलाएं ताकि सामने से आ रही गाड़ी पूरी तरह दिखाई दे। कोहरे में गाड़ी को कभी भी सड़क के बीच में न रोकें, अगर ज़रूरी हो तो इंडिकेटर ऑन रखें। उन्होंने कहा कि रात में कई एक्सीडेंट की वजह गाड़ी का कम दिखना है। इसलिए हर गाड़ी (खासकर ट्रैक्टर-ट्रेलर, टेंपो, बाइक, साइकिल) पर रिफ्लेक्टर लगाना बहुत जरूरी है।
रिफ्लेक्टर की चमक दूर से ही गाड़ी की मौजूदगी बता देती है, जिससे सड़क हादसों से बचा जा सकता है। S.S.P. साहब ने आगे अपील की कि गाड़ी चलाने से पहले किसी भी तरह का नशा न करें। दोपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट पहनें। चार पहिया वाहन में सीट बेल्ट लगाना बिल्कुल ज़रूरी है। भारी गाड़ियों को शहर में लाने से जितना हो सके बचना चाहिए। जल्दबाज़ी में गाड़ी न चलाएं क्योंकि कम विज़िबिलिटी वाले मौसम में छोटी सी गलती भी बड़े हादसे का कारण बन सकती है।
इस मौके पर उन्होंने जिले के लोगों से अपील की कि वे ट्रैफिक में सहयोग करें, खासकर बाजारों में खरीदारी के दौरान। उन्होंने कहा कि भीड़भाड़ वाले इलाकों में हर गाड़ी तय पार्किंग में ही पार्क करें ताकि सड़कों पर कोई रुकावट न हो और ट्रैफिक मैनेजमेंट आसानी से चल सके। कोई भी खरीदार खरीदारी करते समय गाड़ी को सड़क के बहुत पास या बीच सड़क पर पार्क करता है, इससे भी लोगों को परेशानी होती है। इसलिए हर नागरिक को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए और ट्रैफिक नियमों का पालन करना चाहिए और तय पार्किंग की जगहों का ही इस्तेमाल करना चाहिए। माता-पिता से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि छोटे बच्चों को कभी भी गाड़ी चलाने की इजाजत नहीं देनी चाहिए। यह बच्चों की जान के लिए खतरा है और कानूनी तौर पर भी गलत है।











