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अब्राहम अकॉर्ड से जुड़ने वाला है एक और मुस्लिम देश, आगे कौन?

वॉशिंगटन
अब्राहम अकॉर्ड में एक और इस्लामिक देश शामिल हो सकता है। इसके साथ ही इसमें शामिल होने वाले देशों की संख्या 5 हो जाएगी। 2020 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में यह अग्रीमेंट कराया था, जिसमें इजरायल के साथ यूएई, मोरक्को, बहरीन और सूडान ने करार किया था। यह पहला मौका था, जब किसी इस्लामिक देश ने इजरायल के साथ रिश्ते सामान्य करने की पहल की थी। फिलिस्तीन से जंग के चलते इजरायल हमेशा ही इस्लामिक मुल्कों के टारगेट पर रहा है। यही कारण है कि इजरायल और अमेरिका चाहते हैं कि अब्राहम अकॉर्ड के बहाने तस्वीर को बदल दिया जाए।

इसी के तहत अब एक और इस्लामिक देश मॉरिटानिया को साथ लाने की तैयारी है। मॉरिटानिया अरब लीग का सदस्य है और उसकी अब्राहम अकॉर्ड में एंट्री इस्लामिक दुनिया में बड़ी हलचल पैदा कर देगी। यदि उसकी एंट्री हुई तो अब्राहम अकॉर्ड में आने वाला वह 5वां मुस्लिम मुल्क होगा। इसका ऐलान कभी भी हो सकता है। हालांकि इस बारे में अब तक अमेरिका या इजरायल की ओर से पुष्टि नहीं की गई है। Semafar की न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक पश्चिमी अफ्रीकी देश के नेता की मुलाकात वाइट हाउस में बेंजामिन नेतन्याहू से होगी। यह मुलाकात अमेरिका-अफ्रीका समिट से इतर होगी।

इस मीटिंग में फैसला हो सकता है कि मॉरिटानिया कब अब्राहम अकॉर्ड में शामिल होगा। यह इसलिए भी अहम है क्योंकि सीरिया को लेकर भी चर्चा है कि वह अब्राहम अकॉर्ड का हिस्सा हो सकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीरिया से सभी आर्थिक प्रतिबंध हटा दिए हैं। इससे पहले सीरियाई लीडर अहमद अल शारा से सऊदी अरब में मुलाकात भी की थी। माना जाता है कि सीरिया को अब्राहम अकॉर्ड में लाने के लिए ही ट्रंप ने यह उदारता दिखाई है। यही नहीं लेबनान को लेकर भी कहा जा रहा है कि वह इजरायल के साथ संबंध बेहतर करने की दिशा में कदम उठा सकता है।

मॉरिटानिया ने 2010 में तोड़ लिए थे इजरायल से सारे रिश्ते
मॉरिटानिया ने 2010 में इजरायल के साथ अपने सभी संबंध समाप्त कर लिए थे। उत्तर पश्चिम अफ्रीका के मुस्लिम देश मॉरिटानिया का क्षेत्रफल 10 लाख वर्ग किलोमीटर है। ऐसे में एक बड़े देश के आने से इजरायल और अमेरिका को ताकत मिलेगी। बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप भी बीते कुछ दिनों में कई बार दोहरा चुके हैं कि अब्राहम अकॉर्ड का विस्तार होने वाला है। नेतन्याहू का भी कहना है कि अब अब्राहम अकॉर्ड का विस्तार करने के लिए तैयार हैं। इससे मिडल ईस्ट के देशों में शांति और स्थिरता आएगी।

 

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