पंजाबराज्य

आप विधायक कुंवर प्रताप पार्टी से पांच साल के लिए निष्कासित

चंडीगढ़
पंजाब में सत्तारुढ़ आम आदमी पार्टी ने अमृतसर उत्तरी से विधायक और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के पूर्व अधिकारी कुंवर विजय प्रताप सिंह को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के चलते पांच साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है। यह फैसला आप पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति की बैठक में लिया गया जिसमें उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की गई।

सूत्रों ने रविवार को बताया कि कुंवर विजय प्रताप ने हाल ही में शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता विक्रम मजीठिया के खिलाफ चल रही विजिलेंस जांच पर सवाल उठाए थे। उन्होंने इस कार्रवाई को लेकर सार्वजनिक मंचों पर सरकार की आलोचना की थी जिसे पार्टी ने अपनी विचारधारा के खिलाफ माना।

कुंवर प्रताप ने हाल ही में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा था कि जब 2022 में मजीठिया जी ड्रग केस में जेल में थे, तब मान साहब की सरकार ने पूछताछ तक नहीं की, चालान पेश नहीं किया और जमानत भी नहीं दी। बरगाड़ी में न्याय का अपमान करने वाले मामले में भी सरकार ने आरोपी परिवार से समझौता कर लिया।

उन्होंने कहा कि मैं मजीठिया जी से हमेशा असहमत हूं और रहूंगा, लेकिन परिवार का सम्मान सभी का होता है, चाहे वह नेता हो या अभिनेता, अमीर हो या गरीब, दोस्त हो या दुश्मन। सुबह-सुबह किसी के घर पर छापा मारना नीति के खिलाफ है लगभग हर आने वाली सरकार ने अपने फायदे के लिए पुलिस और विजिलेंस का दुरुपयोग किया है लेकिन निष्कर्ष स्पष्ट नहीं है।

मैं किसी से राजनीतिक रूप से असहमत हो सकता हूं, वैचारिक मतभेद हो सकता है, लेकिन जब नीति, धर्म और दान की बात आती है, तो चर्चा करना अनिवार्य हो जाता है। जब मजीठिया साहब कांग्रेस सरकार के दौरान दर्ज मामले में जेल में थे, तब मान साहब की सरकार ने कोई रिमांड नहीं लिया और कोई पूछताछ नहीं की, बाद में मान साहब की सरकार ने जमानत दे दी।

विधायक ने लिखा कि उच्च न्यायालय ने इस आधार पर जमानत दी कि यदि पूछताछ के लिए पुलिस की आवश्यकता नहीं है तो उन्हें हिरासत में रखना कानून के विरुद्ध है। मैं कहता हूं कि जब गे हिरासत में था तो सरकार ने उसे जमानत दिलवाई और अब नोटिस पर पूछताछ हो रही है और आज घर पर छापेमारी हो रही है और बहु-बेटी की प्रतिष्ठा से खिलवाड़ किया जा रहा है। यहां यह उल्लेख करना उचित होगा कि मजीठिया साहब से मेरे वैचारिक मतभेद हैं और रहेंगे; यह नीति और उदारता का मामला है।

आप ने साफ संदेश दिया है कि ड्रग्स के खिलाफ लड़ाई किसी भी सूरत में कमजोर नहीं पड़ने दी जाएगी और इस अभियान में कोई भी राजनीतिक दखल या विरोध बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

 

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