
फरीदाबाद
हरियाणा में फरीदाबाद के धौज थाने में रिश्वतखोरी के मामले में पुलिस प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। गिरफ्तारी के डर दिखाकर 15 लाख रुपये की रिश्वत मांगने के आरोप में पकड़े गए सब-इंस्पेक्टर (एसआई) सुमित कुमार को बर्खास्त कर दिया गया है। वहीं तत्कालीन थाना प्रभारी नरेश कुमार को सस्पेंड किया गया है। यह कार्रवाई डीसीपी मुख्यालय अभिषेक जोरवाल ने सोमवार को जीरो टॉलरेंस नीति के तहत की। दोनों अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है।
शिकायतकर्ता कुरुक्षेत्र के प्रोफेसर कॉलोनी निवासी मनोज कुमार ने अंबाला एंटी करप्शन ब्यूरो को दी शिकायत में आरोप लगाया कि वे नेक्सा जीपीएस एंड प्रोडक्ट ओपीसी प्राइवेट लिमिटेड के मालिक हैं और नवंबर 2023 से वाहनों में जीपीएस लगाने का काम कर रहे हैं।
8 सितंबर 2025 को धौज निवासी राहुल की शिकायत के आधार पर उनके कर्मचारी नफीस को गिरफ्तार किया गया।इस दौरान थाना इंचार्ज नरेश कुमार ने उन पर दबाव बनाकर महिला कर्मचारियों को गिरफ्तार कराने की धमकी दी और 15 लाख रुपये की रिश्वत मांगी। मजबूरी में मनोज कुमार को वृंदावन स्थित अपना प्लॉट बेचना पड़ा और पत्नी के गहने गिरवी रखने पड़े। उन्होंने नरेश कुमार को 15 लाख और एसआई सुमित कुमार को 1 लाख रुपये देने का आरोप लगाया।
एंटी करप्शन ब्यूरो ने कार्रवाई करते हुए एसआई सुमित कुमार को शुक्रवार को धौज के यश फार्म हाउस के पास डेढ़ लाख रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। अदालत में पेश किए जाने के बाद उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में नीमका जेल भेज दिया गया है।
एसआई सुमित कुमार गुरुग्राम के खेड़की दौला गांव का निवासी बताया जा रहा है। वह 2022 बैच का अधिकारी है और पिछले दो वर्षों से धौज थाने में तैनात था। वहीं नरेश कुमार खुद को गुरुग्राम के दो सत्ता पक्ष के नेताओं का करीबी बताकर लोगों पर धौंस जमाता था। क्षेत्र के 10 से अधिक सरपंचों ने उसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन पहले कोई कार्रवाई नहीं हुई थी। पुलिस प्रवक्ता यशपाल के अनुसार, डीसीपी अभिषेक जोरवाल ने स्पष्ट कहा है कि फरीदाबाद पुलिस भ्रष्टाचार के मामलों में किसी भी स्तर पर समझौता नहीं करेगी। इसी नीति के तहत दोनों अधिकारियों के खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है।











