‘स्वयं सिद्धि चैटबॉट’ से सुदृढ़ हो रहा घर पर शैक्षिक अभ्यास

प्रदेश के विद्यार्थियों के लिए स्कूल शिक्षा विभाग की अभिनव पहल
भोपाल
स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत राज्य शिक्षा केंद्र ने प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में 'स्वयं सिद्धि चैटबॉट’ के रूप में महत्वपूर्ण नवाचार प्रस्तुत किया है। मोबाईल आधारित इस पहल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि विद्यार्थी विद्यालय में पढ़ने के साथ-साथ घर पर भी नियमित अभ्यास कर सकें और सीखने की निरंतरता को किसी भी परिस्थिति में बाधा न बनने दे। बच्चों का घर पर सीखने की आदत को मजबूत बनाने की दिशा में एक प्रभावी कदम है। कोविड–19 के समय जब विद्यालयों का संचालन बाधित हो गया था, तब राज्य शिक्षा केन्द्र के द्वारा विद्यार्थियों के लिए प्रारंभ किया गया ‘स्वयं सिद्धि चैटबॉट’ आज 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों के लिये एक सफल पहल के रूप में स्थापित हो चुका है।
उल्लेखनीय है कि ‘स्वयं सिद्धि’ चैटबॉट विद्यार्थियों को घर बैठे उच्च-गुणवत्ता की डिजिटल लर्निंग प्रदान कर रहा है। यह चैटबॉट हर शनिवार राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) द्वारा प्रमाणित नए प्रश्न उपलब्ध कराता है, इन प्रश्नों से विद्यार्थी अपनी समझ की जाँच कर पाते हैं। मोबाइल ऐप आधारित संवादात्मक प्रणाली पर तैयार यह स्विफ्ट चेट विद्यार्थियों को केवल “Hi” लिखने पर प्रश्न, उत्तर, स्कोर और सुधारात्मक वीडियो तुरंत उपलब्ध कराती है। स्वयं सिद्धि चैटबॉट उपयोग लिंक: https://links.swiftchat.ai/5cNhlu है। स्वयं सिद्धि चैटबॉट को राज्य शिक्षा केन्द्र के मूल्यांकन प्रकोष्ठ द्वारा विकसित और संचालित किया जाता है। राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा सहयोगी संस्था कॉन्वेजीनियस के सहयोग से विकसित यह नवाचार न केवल विद्यार्थियों के सीखने की गुणवत्ता बढ़ा रहा है, बल्कि मूल्यांकन को भी अधिक वैज्ञानिक और व्यवस्थित बना रहा है।
हाल ही में राज्य शिक्षा केंद्र के यूट्यूब चैनल लिंक: https://www.youtube.com/live/jV7c-PbZLYI?si=QOCYax34ROP509tf पर इस चेटबॉट के प्रभावी उपयोग एवं कार्यप्रणाली पर आधारित एक परिचयात्मक लाईव कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें राज्य शिक्षा केन्द्र के अपर संचालक डॉ. अरूण सिंह, मूल्याकंन प्रकोष्ठ के नियंत्रक अधिकारी डॉ. बृजेश सक्सेना, समन्वयक डॉ. सुषमा बाजपेई तथा कॉन्वेजीनियस संस्था की प्रतिनिधी दीक्षा आही ने ‘स्वयं सिद्धि’ चैटबॉट के प्रभाव, सीखने के परिणामों और विद्यार्थियों और शिक्षकों के मध्य बढ़ती पहुँच पर विस्तार से चर्चा कर मार्गदर्शन प्रदान किया। प्रदेश के दूरस्थ और संसाधन-विहीन क्षेत्रों के बच्चों के लिए यह चैटबॉट विशेष रूप से उपयोगी साबित हो रहा है।











