राजस्थानराज्य

लॉरेंस बिश्नोई गैंग को करारा झटका: ₹25,000 इनामी प्रदीप गुर्जर गुड़गांव से दबोचा गया

जयपुर

एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स राजस्थान की टीम ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़े एक सक्रिय सदस्य और हार्डकोर बदमाश प्रदीप गुर्जर को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी प्रदीप पुत्र दाता राम निवासी रावतों की ढाणी वार्ड नंबर 15 कोटपूतली का रहने वाला है। उसे गुड़गांवा की एक पॉश सोसायटी से गिरफ्तार किया गया। अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस एजीटीएफ दिनेश एमएन ने बताया कि हार्डकोर बदमाश प्रदीप गुर्जर कुख्यात 6161 गैंग का सरगना है। यह गैंग मुख्य रूप से हाईवे पर स्थित होटल संचालकों को निशाना बनाकर उनसे जबरन रंगदारी वसूलने के लिए कुख्यात है। एजीटीएफ की यह कार्रवाई राज्य में संगठित अपराध और लॉरेंस बिश्नोई नेटवर्क के खिलाफ एक महत्वपूर्ण सफलता मानी जा रही है। इस गैंग का इतिहास भीलवाड़ा में हरी तंवर से शुरू हुआ था, जिसकी कमान बाद में विनोद मांडली और फिर उसकी हत्या के बाद प्रदीप रावत ने संभाल ली थी। प्रदीप गुर्जर गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के सहयोगी सचिन थापन के लिए एक सक्रिय कड़ी के रूप में काम कर रहा था। वह कोटपूतली, बहरोड, बानसूर, भीलवाड़ा और गुड़गांवा के युवकों को संगठित कर रहा था।

दहशत का तरीका, फायरिंग और रंगदारी
इस गैंग का मुख्य कार्य हाईवे पर स्थित होटलों पर अंधाधुंध फ़ायरिंग कर दहशत फैलाना। इसके बाद ये व्यापारी को धमकी भरी पर्ची भेजकर रंगदारी और फिरौती की मांग करते थे। प्रदीप पर रंगदारी, बैंक लूट, डकैती, हत्या और हत्या के प्रयास जैसे तीन दर्जन से अधिक संगीन अपराधों के मुकदमे दर्ज हैं। सात आपराधिक मुकदमों में फरार चलने के कारण एसपी कोटपुतली द्वारा उसकी गिरफ्तारी पर ₹25,000 का इनाम घोषित किया गया था।

एजीटीएफ का सटीक ऑपरेशन
एडीजी दिनेश एमएन के निर्देशन में और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सिद्धांत शर्मा के सुपरविजन में एक विशेष टीम को इस हार्डकोर बदमाश को पकड़ने का जिम्मा सौंपा गया। जिसका नेतृत्व इंस्पेक्टर राम सिंह द्वारा किया गया। टीम ने मुखबिरों को एक्टिव किया, जिसके बाद हेड कांस्टेबल सुधीर कुमार को उसके गुड़गांवा में होने की पुख्ता जानकारी मिली।  यह एक चुनौतीपूर्ण मिशन था, जहाa टीम ने करीब 150 सीसीटीवी फुटेज खंगाले और रेकी की। आरोपी गुड़गांव के खेड़कीदोला थाना क्षेत्र की एक विशाल और लग्जरी सोसायटी एम आर पाम हिल के एक फ्लैट में छिपा हुआ था।

गार्ड बनकर रखी निगरानी
टीम ने सोसायटी के नाकों पर सदस्य तैनात किए और गार्ड बनकर हेड कांस्टेबल सुधीर ने अंदर पल-पल की जानकारी हासिल की। एजीटीएफ के लिए यह भूसे के ढेर में से सुई ढूंढने जैसा कठिन कार्य था। सटीक स्थिति का पता चलते ही टीम ने फ्लैट पर छापा मारा और गैंगस्टर प्रदीप रावत को घेर कर दबोच लिया। गुड़गांवा से गिरफ्तार कर आरोपी को एजीटीएफ टीम कोटपूतली लेकर आई है और उसे थाना पुलिस को सौंप दिया गया है। पुलिस द्वारा उससे गहनता से पूछताछ की जा रही है, जिससे कई अन्य मामलों के खुलासे की पूरी संभावना है।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सिद्धांत शर्मा और इंस्पेक्टर राम सिंह नाथावत के नेतृत्व में की गई इस कार्रवाई में गार्ड बनकर सूचना एकत्रित करने वाले हेड कांस्टेबल सुधीर कुमार की जहां विशेष भूमिका रही, वहीं हेड कांस्टेबल महेश सोमरा, हेमंत शर्मा, कांस्टेबल, जितेन्द्र कुमार और कांस्टेबल चालक दिनेश शर्मा का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा। टीम में एसआई बनवारी लाल शर्मा, प्रताप सिंह, हेड कांस्टेबल महावीर सिंह, कांस्टेबल देवेंद्र सिंह, गोपाल धाबाई, विजय सिंह, और गंगाराम भी शामिल थे।

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