टेकमध्य प्रदेश

भोपाल के लिए एआई और क्लीन कम्प्यूट में क्वांटम लीप

औद्योगिक त्रासदी से क्वांटम टेक्नोलॉजी तक – डिजिटल इंडिया का कैपिटल बनेगा ‘कमाल का भोपाल’

भोपाल, 24 अगस्त 2025:

भारत में आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस और क्लीन कम्प्यूटिंग की नई क्रांति के बीच, राजधानी भोपाल ने राष्ट्रीय स्तर पर एक एआई लाइटहाउस सिटी और क्लीन कम्प्यूट कैपिटल के रूप में पहचान दर्ज कराने की दिशा में क्वांटम जंप लिया है।

भोपाल के सांसद आलोक शर्मा दिल्ली में केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव को औपचारिक संसदीय स्मरण–पत्र सौंपेंगे। इस पत्र में यह प्रस्ताव रखा जाएगा कि भोपाल को राष्ट्रीय एआई इकोसिस्टम में प्राथमिकता मिले। यह पहल उस घोषणा के बाद की गई है जिसमें ओपनएआई ने भारत में इकाई स्थापित करने और दिल्ली में पहला कार्यालय खोलने की बात कही है।

स्मरण–पत्र में उल्लेख किया गया है कि भोपाल के पास भेल का विशाल विकसित लैंड बैंक, उच्च क्षमता वाला पावर ग्रिड नेटवर्क, और आईआईएसईआर, मैनिट, एम्स जैसे संस्थानों से उपलब्ध टैलेंट पूल है, जो इसे राष्ट्रीय एआई डेटा सेंटर और हाई परफ़ॉर्मेंस कम्प्यूट ज़ोन के लिए आदर्श बनाता है।

पत्र में भोपाल राजधानी क्षेत्र की वैश्विक विशिष्टताओं को भी रेखांकित किया गया है –
• तीस हज़ार वर्ष पुराना हैबिटेशन और प्रमाणिक शैलचित्र
• एक हज़ार वर्ष पुरानी राजा भोज की जीवित नगरीय योजना
• पाँच सौ किलोमीटर दायरे का सबसे बड़ा लैंडलॉक्ड अर्बन रीजन
• तीन यूनेस्को धरोहर – भीमबैटका, साँची स्तूप, भोजेश्वर मंदिर
• दो रेयर रिज़र्व – वन विहार राष्ट्रीय उद्यान और रातापानी टाइगर रिज़र्व
• दुर्लभ भोज वेटलैंड तथा ऊर्जित कर्क रेखा
• फ्यूचर रेडी कैपिटल रीजन

प्रभावी एक्स पोस्ट ट्विट:
• कमाल का भोपाल अभियान की ओर से सैम ऑल्टमैन, ग्रेग ब्रॉकमैन, प्रज्ञा मिश्रा और मंत्री अश्विनी वैष्णव को संबोधित करते हुए ट्विटर यानी एक्स प्लेटफ़ॉर्म पर रिप्लाई पोस्ट किए गए, जिनमें भोपाल को एआई लाइटहाउस सिटी और क्लीन कम्प्यूट कैपिटल के रूप में प्रस्तुत किया गया।
• इन सभी पोस्टों को राज्य के उच्च अधिकारियों के साथ साझा किया गया है तथा केंद्रीय मंत्री एवं मुख्यमंत्री को टैग किया गया है।
• मुख्य सचिव ने इस नागरिक पहल की सराहना की है, जिससे यह स्पष्ट है कि यह नज़रिया अब राज्य प्रशासनिक स्तर पर भी मान्यता प्राप्त कर रहा है।

सांसद आलोक शर्मा ने कहा:
“एआई, डेटा और कम्प्यूट आज आत्मनिर्भर भारत के नए इंजन हैं। भोपाल की स्थिति, संसाधन और नागरिक ऊर्जा इसे राष्ट्रीय एआई लाइटहाउस बनने के लिए तैयार कर चुकी है। हमें गर्व है कि ‘कमाल का भोपाल’ जैसी नागरिक पहल अब सरकारी नीति की दिशा बन रही है। यह केवल निवेश का प्रश्न नहीं, बल्कि डेटा संप्रभुता और प्रौद्योगिकी न्याय का मामला है। भोपाल अब एक क्वांटम लीप लेने को तैयार है।”

‘कमाल का भोपाल’ अभियान के फाउंडर और क्रेडाई भोपाल अध्यक्ष मनोज मीक ने कहा:
“‘कमाल का भोपाल’ रिपोर्ट में प्रस्तुत एआई लाइटहाउस और क्लीन कम्प्यूट कैपिटल की परिकल्पना अब नीति की भाषा बन चुकी है। भोपाल का यह प्रस्ताव तकनीकी निवेश के साथ न्याय और पुनःस्थापना का भी प्रयास है। सांसद आलोक शर्मा तथा मुख्य सचिव अनुराग जैन द्वारा इस नागरिक पहल की सराहना इस बात का प्रमाण है कि भोपाल की यह आवाज़ अब राज्य और केंद्र सरकार दोनों स्तरों तक पहुँच रही है। भोपाल ने भीषण औद्योगिक त्रासदी के सदमे में बहुत कुछ खोया है और अब समय आ गया है कि यह शहर क्वांटम टेक्नोलॉजी कैपिटल बने।”

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