गौतमबुद्धनगर और श्रावस्ती आईजीआरएस संतुष्ट फीडबैक में सबसे आगे

गौतमबुद्धनगर और श्रावस्ती आईजीआरएस संतुष्ट फीडबैक में सबसे आगे
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने पेश हुई जुलाई माह की आईजीआरएस रिपोर्ट
जनसुनवाई में जनता की संतुष्टि पर योगी सरकार का फोकस, अफसरों की जवाबदेही और पारदर्शिता पर जोर
लखनऊ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में जनसुनवाई प्रणाली (IGRS) को बेहतर और पारदर्शी बनाने की दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में जुलाई माह की रिपोर्ट मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत की गई। रिपोर्ट में बताया गया कि पुलिस कमिश्नर, एसएसपी और एसपी स्तर पर गौतमबुद्धनगर ने सबसे अधिक संतुष्ट फीडबैक हासिल कर शीर्ष स्थान प्राप्त किया, जबकि जिलाधिकारी स्तर पर श्रावस्ती जिले ने बाजी मारी।
पुलिस स्तर पर टॉप-5
गौतमबुद्धनगर 98.72 प्रतिशत संतुष्ट फीडबैक के साथ पहले स्थान पर रहा। इसके बाद पीलीभीत (98.23%), बलिया (96.04%), बस्ती (95.43%) और श्रावस्ती (95.14%) का स्थान रहा। इन जिलों ने शिकायतों के समयबद्ध और प्रभावी निस्तारण में बेहतर कार्य किया है।
जिलाधिकारी स्तर पर टॉप-5
जिलाधिकारी स्तर पर श्रावस्ती जिला 90.2 प्रतिशत संतुष्ट फीडबैक के साथ शीर्ष पर रहा। इसके बाद शाहजहांपुर (89.08%), बलरामपुर (83.44%), हमीरपुर (82.15%) और बरेली (80.11%) रहे। इन जिलों में डीएम स्तर पर की गई कार्यवाही से शिकायतकर्ताओं को संतुष्टि मिली है।
मुख्यमंत्री योगी का सख्त संदेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट निर्देश दिए कि शिकायत जिस अधिकारी से संबंधित हो, उसकी जांच उसी अधिकारी को न दी जाए। शिकायतों की जांच उच्चाधिकारियों से कराना अनिवार्य किया जाए ताकि न्याय और पारदर्शिता बनी रहे। सीएम योगी ने यह भी कहा कि यदि स्पेशल क्लोज अनुचित पाया जाता है तो प्रस्तावित करने वाले अधिकारी/कर्मचारी पर विभागीय कार्यवाही की जाए। जिलास्तर पर एडीएम/अतिरिक्त मजिस्ट्रेट, एएसपी, डीसीपी या अन्य वरिष्ठ अधिकारी को नामित किया जाए, जो स्पेशल क्लोज करने से पहले शिकायतकर्ता से वार्ता कर उसे संतुष्ट करने का प्रयास करे।
योगी सरकार की प्राथमिकता – पारदर्शी और जवाबदेह शासन
मुख्यमंत्री ने दोहराया कि जनसुनवाई प्रणाली को जनता और सरकार के बीच सीधा संवाद बनाने के लिए सशक्त किया जा रहा है। शिकायतों के समाधान में पारदर्शिता, जवाबदेही और संवेदनशीलता योगी सरकार की प्राथमिकता है। इसी का परिणाम है कि प्रदेश में शिकायतों के गुणवत्तापूर्ण निस्तारण को लेकर जनता का भरोसा बढ़ा है।