उत्तर प्रदेशराज्य

बेहतरीन नगरीय अवस्थापना का मानक बनेंगी जिला मुख्यालयों की नगर पालिकाएँ: मुख्यमंत्री

बेहतरीन नगरीय अवस्थापना का मानक बनेंगी जिला मुख्यालयों की नगर पालिकाएँ: मुख्यमंत्री

जिला मुख्यालयों की नगर पालिकाओं में गौरव पथ, स्मार्ट क्लासरूम, ईवी स्टेशन व डिजिटल सेवाएँ विकसित होंगी: मुख्यमंत्री

हब-एंड-स्पोक मॉडल से नगर पालिकाओं को जोड़कर मिलेगी आधुनिक निगरानी व सुरक्षा: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने की नगर विकास विभाग की समीक्षा, कहा सभी नगरीय निकायों के हो अपना भवन

मुख्यमंत्री का निर्देश, नगर निगम कर बकाये की विसंगतियों पर अभियान चलाकर कराएं त्वरित समाधान

लखनऊ-कानपुर रुट पर शीघ्र बढ़ेंगी 200 इलेक्ट्रिक बसें, अन्य नगरों में 650 बसें खरीदने की योजना

बोले मुख्यमंत्री, इलेक्ट्रिक बसों को प्रोत्साहन के साथ चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर भी तैयार हो

नगर निगमों की वित्तीय स्वीकृति सीमा 20 साल बाद बढ़ाई जाएगी, मुख्यमंत्री ने दिए तत्काल निर्णय के निर्देश

लखनऊ में बनेगा अंतरराष्ट्रीय शूटिंग रेंज व खेल परिसर

लखनऊ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिला मुख्यालयों वाली नगर पालिकाओं को स्मार्ट और विकसित नगर पालिका के रूप में विकसित करने की योजना का क्रियान्वयन प्रारम्भ करने के निर्देश दिए हैं। शुक्रवार को नगर विकास विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि स्मार्ट-विकसित नगर पालिका योजना का उद्देश्य जिला मुख्यालयों की नगर पालिकाओं को आधुनिक, आत्मनिर्भर और नागरिक-केंद्रित स्वरूप में विकसित करना है। उन्होंने निर्देश दिया कि इस पर यथाशीघ्र कार्य प्रारंभ किया जाए।

अधिकारियों ने अवगत कराया कि योजना के अंतर्गत नगर पालिकाओं में गौरव पथ, पिंक टॉयलेट, शहरी सुविधा केंद्र, स्मार्ट क्लासरूम व आंगनबाड़ी, थीम आधारित पार्क, ऐतिहासिक धरोहर संरक्षण, जलाशयों का पुनर्जीवन, ईवी चार्जिंग स्टेशन, ग्रीन क्रेमेटोरियम और डिजिटल सेवाओं जैसी आधुनिक सुविधाएँ विकसित की जाएँगी। साथ ही स्थानीय अर्थव्यवस्था को सशक्त करने के लिए उत्सव भवन, सामुदायिक केंद्र और ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट’ आधारित ढाँचे भी स्थापित किए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना को हब-एंड-स्पोक मॉडल पर लागू किया जा सकता है। उदाहरणस्वरूप, लखनऊ और गोरखपुर स्थित एकीकृत कमांड एवं कंट्रोल सेंटर से समीपवर्ती जिला मुख्यालयों की नगर पालिकाओं को जोड़ा जा सकता है। इससे नगर पालिकाओं को सुरक्षा, निगरानी और शिकायत निवारण जैसी सेवाओं में आधुनिकता मिलेगी तथा संसाधनों का बेहतर उपयोग संभव होगा। उन्होंने यह भी कहा कि प्रत्येक नगर पालिका में परियोजनाओं का चयन स्थानीय आवश्यकताओं के आधार पर किया जाए और वित्तीय संसाधनों का आवंटन नगर निकायों की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति के अनुसार किया जाए। अधिकारियों ने बताया कि नगर निकायों को 4 करोड़ से 10 करोड़ रुपये तक का अनुदान उपलब्ध कराए जाने का प्रस्ताव है, जो उनकी जनसंख्या और कार्यदक्षता पर आधारित होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला मुख्यालयों की नगर पालिकाओं को विकसित-स्मार्ट स्वरूप देने से न केवल आधारभूत संरचना सुदृढ़ होगी, बल्कि नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण और पारदर्शी सेवाएँ भी मिलेंगी।

बैठक में लखनऊ और कानपुर में 200 इलेक्ट्रिक बसों को नेट कॉस्ट कॉन्ट्रैक्ट मोड पर संचालित करने तथा अन्य नगरों में 650 बसों की प्रत्यक्ष खरीद का प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इलेक्ट्रिक बसों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए और इसके लिए आवश्यक चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर भी शीघ्र तैयार किया जाए।

एक अन्य महत्वपूर्ण निर्देश में मुख्यमंत्री ने सभी नगर निगमों में निवासियों के विविध कर बकाये में विसंगतियों के तत्काल समाधान पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इस संबंध में अभियान चलाकर लोगों से आपत्तियां आमंत्रित की जाएं और समाधान शिविर लगाकर नागरिकों की समस्याओं का यथोचित व संतुष्टिपरक समाधान कराया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि सभी नगर निकायों के पास अपना भवन होना चाहिए।

बैठक में नगर निकायों की वित्तीय स्वीकृति सीमाओं को बढ़ाने की आवश्यकता पर भी चर्चा हुई। अधिकारियों ने बताया कि बीते लगभग 20 वर्षों से इन सीमाओं में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि 74वें संविधान संशोधन की भावना के अनुरूप नगर निकायों को अधिक वित्तीय और प्रशासनिक अधिकार मिलने चाहिए। उन्होंने निर्देश दिया कि नगर आयुक्त, महापौर, कार्यकारिणी समिति तथा नगर निगम बोर्ड की वित्तीय स्वीकृति सीमाओं का तत्काल विस्तार किया जाए।

बैठक में मुख्यमंत्री ने लखनऊ में शहीद चंद्रशेखर आज़ाद अंतरराष्ट्रीय शूटिंग रेंज एवं बहुउद्देश्यीय खेल परिसर की स्थापना के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं को पीपीपी मोड पर प्राथमिकता के साथ प्रारम्भ किया जाए, जिससे प्रदेश की खेल प्रतिभाओं को अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान मिले और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी सृजित हों।

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