
पंजाब
केंद्र सरकार ने पंजाब को बड़ा झटका दिया है। केंद्र सरकार ने पंजाब के लिए ‘प्रधानमंत्री सड़क योजना’ का लगभग 800 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट रद्द कर दिया है। इस योजना के तहत पर्यावरण अनुकूल एफडीआर तकनीक से 64 सड़कों को अपग्रेड और 15 मीटर से अधिक लंबाई वाले 38 पुलों का निर्माण किया जाना था। इस प्रोजेक्ट को 31 मार्च को मंजूरी मिली थी, लेकिन 1 जुलाई को केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने पत्र जारी कर बताया कि जिन कार्यों के टेंडर या निर्माण शुरू नहीं हुए हैं, उन्हें रद्द किया जाता है। इससे पंजाब का 828.87 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट प्रभावित हुआ है।
रद्द किए गए कामों में कई ऐसी सड़कें भी हैं जिन पर पुल बनने थे, लेकिन पुलों की मंजूरी रद्द होने से स्थानीय लोगों को असुविधा होगी। इसी तरह 64 सड़कों का अपग्रेडेशन भी अब अधर में लटक गया है। जिन राज्यों में काम शुरू हो चुका है, उन्हें 31 मार्च 2026 तक परियोजना पूरी करने की अनुमति दी गई है।
पंजाब के लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉ. रवि भगत ने 21 जुलाई को केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय को पत्र लिखकर कार्यों को फिर से मंजूरी देने का अनुरोध किया। उन्होंने बताया कि परियोजना में नई तकनीक का इस्तेमाल किया जाना है, जिसके अनुभव वाली सलाहकारी कंपनियां बहुत कम हैं, इसलिए टेंडर प्रक्रिया में समय लगा। उनका कहना है कि यदि यह काम रोका गया तो लोगों में असंतोष फैलेगा, क्योंकि सड़कों की स्थिति पहले से ही खराब है।
पत्र में उल्लेख है कि परियोजना में शामिल कई सड़कें सीमावर्ती जिलों पठानकोट, अमृतसर, गुरदासपुर और तरनतारन में हैं, और इनके बंद होने से स्थानीय सांसद भी नाराज हो सकते हैं। इससे पहले भी केंद्र सरकार पिछले चार सालों से पंजाब के ग्रामीण विकास फंड के लगभग 7,000 करोड़ रुपये रोक चुकी है, जिससे राज्य में संपर्क सड़कों के काम में देरी हो रही है। अब पंजाब सरकार को इन सड़कों की मरम्मत के लिए कर्ज लेना पड़ा है। पंजाब के सी.एम. भगवंत मान ने भी हाल ही में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर प्रधानमंत्री सड़क योजना-3 की 828 करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी देने का अनुरोध किया है।