‘मिशन चंपारण’ से PM मोदी का बड़ा दांव, बिहार की 21 सीटों पर नजर

मोतिहारी
बिहार विधानसभा चुनाव का औपचारिक ऐलान अभी नहीं हुआ है, लेकिन सियासी हलचल तेज हो गई है. पीएम मोदी एक के बाद एक बिहार का दौरा करके सियासी माहौल बनाना शुरू कर चुके हैं. इसी कड़ी में प्रधानमंत्री शुक्रवार को बिहार और पश्चिम बंगाल को विकास की सौगात से नवाजेंगे. पीएम मोदी सबसे पहले बिहार के मोतिहारी पहुंचेंगे, जहां से 7217 करोड़ रुपये से अधिक की योजनाओं का तोहफा देकर मिशन-चंपारण को साधने की कवायद करेंगे.
पीएम मोदी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने दौरे को लेकर कहा कि बिहार की विकास यात्रा में आज का दिन ऐतिहासिक होने वाला है. शुक्रवार करीब 11.30 बजे पीएम मोदी मोतिहारी में कनेक्टिविटी, आईटी और स्टार्टअप से जुड़े राज्य के कई प्रोजेक्ट का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे. इसके अलावा चार अमृत भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे, जिसमें दो ट्रेनें डीडीयू मंडल से गुजरेंगी. इस दौरान पीएम मोदी एक बड़ी जनसभा को भी संबोधित कर बीजेपी के चुनावी अभियान को धार देते नजर आएंगे.
पीएम मोदी का 'मिशन चंपारण'
बिहार में बीजेपी का सबसे मजबूत गढ़ चंपारण बेल्ट माना जाता है, जिस पर अपनी मजबूत पकड़ को बनाए रखने के लिए हरसंभव कोशिश में जुटी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूर्वी चंपारण के मोतिहारी से विकास की सौगात देंगे और एक बड़ी जनसभा को भी संबोधित करेंगे. एक बात साफ है कि पीएम मोदी के मोतिहारी दौरे का सियासी असर पूर्वी और पश्चिमी चंपारण दोनों ही जिलों पर पड़ेगा, क्योंकि दोनों ही जिले एक दूसरे से सटे हुए हैं.
बीजेपी ने पिछले विधानसभा चुनाव में चंपारण क्षेत्र में विपक्ष का पूरी तरह से सफाया कर दिया था और अपना एकछत्र राज कायम करने में सफल रही थी. बीजेपी 2025 में 2020 की तरह ही चुनावी नतीजा दोहराने के फिराक में है, जिसे देखते हुए पीएम मोदी खुद मिशन-चंपारण को फतह करने के लिए उतर रहे हैं.
पूर्वी चंपारण जिले में 12 सीटें है, जिसमें मोतिहारी, ढाका, चिरैया, मधुबन, पिपरा, गोविंदराज, हरसिद्धि, रक्सौल और केसरिया सीट एनडीए जीती थी. सुगौली, नरकटिया और कल्याणपुर सीट आरजेडी जीतने में सफल रही. वहीं, पश्चिमी चंपारण जिले में कुल 9 सीटें आती हैं, जिसमें वाल्मीकिनगर, बेतिया, लौरिया, रामनगर, नरकटियागंज, बगहा, नवतन, चनपटिया और सिकटा सीट.
चंपारण बेल्ट का सियासी समीकरण
चंपारण के दोनों जिलों को मिलाकर 21 विधानसभा की सीटें आती हैं. इसमें पूर्वी चंपारण में 12 विधानसभा की सीटे हैं जबकि पश्चिम चंपारण में 9 विधानसभा सीटें हैं. 2020 के चुनाव में चंपारण क्षेत्र की 21 सीटों में से 17 सीट एनडीए और चार सीट महागठबंधन ने जीती थी. एनडीए में बीजेपी ने 15 और जेडीयू 2 सीटें जीती थी जबकि महागठबंधन को चार सीटें मिली थी, जिसमें से तीन आरजेडी और एक सीट सीपीआई माले ने जीती थी.
पूर्वी चंपारण के 12 विधानसभा सीटों में से 9 पर एनडीए का कब्जा है जबकि तीन विधानसभा सीट पर महागठबंधन के विधायक है. एनडीए के नौ विधानसभा सीटों में से 8 बीजेपी का है और एक जेडीयू का है. वहीं, महागठबंधन के तीनों सीट पर आरजेडी के विधायक हैं. वहीं, पश्चिम चंपारण जिले की 9 सीटों में से 8 सीटें एनडीए ने जीती थी. बीजेपी ने सात और एक सीट जेडीयू ने जीती थी जबकि महागठबंधन को मिली एक सीट माले के हिस्से में गई थी.
मोतिहारी से चंपारण साधने का प्लान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दौरा मोतिहारी में हो रहा है, ऐसे में हारे हुई चार सीट पर भी नजर होगी. साथ ही बीजेपी अपने कब्जे वाली सीटों पर पकड़ मजबूत बने, यह भी एनडीए की कोशिश होगी. यही वजह है कि पीएम मोदी चंपारण बेल्ट की सीटों पर बीजेपी की पकड़ मजबूत बनाए रखने के लिए उतर रहे हैं. पीएम मोदी बिहार में चुनावी साल में पांचवा दौरा हो रहा है. मोतिहारी इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि पूर्वी चंपारण और पश्चिमी चंपारण दोनों जुड़ा हुआ है. नेपाल से जुड़ा हुआ इलाका भी है. खासकर रक्सौल और उसके आसपास के इलाके. प्रधानमंत्री के दौरे से इन सब क्षेत्र पर काफी असर पड़ेगा.
बीजेपी के दिग्गज नेता राधा मोहन सिंह इसी क्षेत्र से सांसद हैं और पूर्वी चंपारण से ही लगातार चुनाव जीतते रहे हैं. वहीं पश्चिमी चंपारण से संजय जयसवाल लोकसभा का चुनाव जीतते आ रहे हैं. बीजेपी के लिए यह मजबूत गढ़ माना जाता है. नीतीश कुमार के एनडीए में रहने का बीजेपी को लाभ मिला था जबकि 2015 में जेडीयू के अलग हो जाने का नुकसान उठाना पड़ा था.
नीतीश के साथ होने का नफा-नुकसान
2020 के चुनाव में नीतीश कुमार के एनडीए में होने का लाभ बीजेपी को मिला था, लेकिन 2015 में उनके अलग होने का खामियाजा बीजेपी को चंपारण बेल्ट में उठाना पड़ा था. 2015 के चुनाव में नीतीश कुमार एनडीए के साथ नहीं थे तो पूर्वी चंपारण की 12 विधानसभा सीटों में से एनडीए के खाते में 5 सीटें आईं थी और महागठबंधन को 7 सीटें मिली थी. इसी तरह पश्चिम चंपारण की 9 सीटों में से एनडीए को 5 और महागठबंधन के हिस्से में चार सीटें आईं थी. सीटें ही नहीं बल्कि वोट प्रतिशत में भी बीजेपी की गिरावट आई थी.
नीतीश कुमार 2015 में एनडीए में नहीं थे तब बीजेपी को 23.5 फीसदी वोट मिले थे तो महागठबंधन में शामिल जेडीयू को 18.2 फीसदी और आरजेडी को 20.5 फीसदी, कांग्रेस को 3.6 फीसदी वोट मिले थे. वहीं, 2020 में नीतीश फिर से एनडीए के साथ आने पर बीजेपी की सीटें बढ़ने के साथ-साथ वोट शेयर भी बढ़ गया. 2020 में बीजेपी को 25.8 फीसदी और जदयू को 20.1 फीसदी वोट मिले थे. आरजेडी को 23.1 फीसदी, कांग्रेस को 9.2 फीसदी और सीपीआई((ML)को 7.5 फीसदी वोट मिले.
मोदी के बिहार दौरे और विकास की सौगात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक महीने में दूसरा बिहार दौरा है जबकि इस साल पांचवीं बार पहुंच रहे हैं. इससे पहले पीएम ने 20 जून को सिवान में बड़ी जनसभा संबोधित की थी और उससे पहले पटना में 29 मई को रोड शो किया था और 30 मई को बिक्रमगंज में बड़ी रैली की. अप्रैल में नरेंद्र मोदी ने मधुबनी ने रैली की थी. मतलब हर महीने प्रधानमंत्री का बिहार में कार्यक्रम हो रहा है. ऐसे में पीएम मोदी एक बार फिर से बिहार को हजारों करोड़ का तोहफा पीएम देंगे.
पीएम मोदी 80000 करोड़ की योजनाएं की सौगात अभी तक दे चुके हैं. प्रधानमंत्री की नजर बिहार पर है और केंद्र सरकार लगातार राज्य के विकास के लिए घोषणाएं कर रही है. पीएम वर्चुअल माध्यम से पटना से नई दिल्ली और दरभंगा लखनऊ अमृत भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाएंगे. 40000 लाभार्थियों को प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत 162 करोड़ रुपए खाते में भेजेंगे. 12000 लाभार्थियों का गृह प्रवेश भी होगा, जिनमें से पांच लाभार्थियों को पीएम घर की चाबी देंगे.प्रधानमंत्री मोदी मोतिहारी दौरे पर बिहार को 7217 करोड़ की योजनाओं की सौगात देंगे, जिसमें रेल, सड़क और आवास शामिल हैं.